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Saturday, September 18, 2021

आंगिकता या अंगांगी भाव (Holonymy)

 आंगिकता या अंगांगी भाव (Holonymy) 

अंगी के अंग होते हैं, किंतु केवल अंगों का योग नहीं होता है। वह इनके अतिरिक्त भी कुछ होता है। उदाहरण के लिए रसायनिक क्रिया होने के बाद दो तत्वों से जो तीसरी चीज बनकर आती है, वह मात्र उनका मिश्रण नहीं रह जाती, जैसे-  पानी केवल ‘h2’ और ‘o’ को मिलाने पर बनने वाला ‘h2o’ ही नहीं है, बल्कि इसके अतिरिक्त भी कुछ है। सामान्य पदार्थों में भी देखा जा सकता है, जैसे- खिचड़ी केवल चावल, दाल का योग नहीं है, बल्कि इनकी संपूर्णता से निर्मित कुछ अतिरिक्त भी है। यही बात प्रत्येक संपूर्ण इकाई पर भी लागू होती है।

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