कहानी लिखना एक कला है। इसके लिए हमें सबसे पहले कहानी के बारे में चरणों (steps) में सोचना चाहिए। फिर प्रत्येक चरण (step) के लिए एक या एक से अधिक वाक्य बनाने चाहिए। जब हम एक से अधिक वाक्यों को जोड़ते हैं तो बड़ी कहानी बनती है। एक-एक वाक्यों को लिखने से छोटी कहानी बनती है।
इसे 'प्यासा कौआ' कहानी से इस प्रकार से समझ सकते हैं-
छोटी कहानी :
एक कौआ था। वह प्यासा था। उसने पानी खोजा। उसे एक घड़ा
(मटका) मिला। घड़े में पानी थोड़ा था। उसे बगल में कंकड़ मिले। उसने घड़े में कंकड़
डाले और पानी ऊपर आ गया। कौए ने पानी पिया।
बड़ी कहानी :
एक कौआ था। वह आसमान में उड़ रहा था। उड़ते-उड़ते उसे प्यास
लगी। वह पानी की तलाश में इधर-उधर देखने लगा। उसे कहीं भी पानी दिखाई नहीं दे रहा
था। तभी उसे एक घड़ा (मटका) दिखाई दिया। वह घड़े के पास जाकर देखा तो उसमें पानी
बहुत थोड़ा था। तभी उसके मन में एक विचार (आइडिया) आया। उसने बगल में कंकड़ देखे। उसने
घड़े में कंकड़ डाले और इससे धीरे-धीरे पानी ऊपर आ गया। इस प्रकार कौए ने पानी पीकर
अपनी प्यास बुझाई और उड़ गया।