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Sunday, November 30, 2025

KHS Director Post 2025



















Wednesday, November 26, 2025

एमएमटीटीसी -केंद्रीय हिंदी संस्थान में अस्थायी नियुक्ति हेतु विज्ञापन

केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा की वेबसाइट पर जाने के लिए इन लिंकों का प्रयोग करें-

 https://hindisansthan.in/wp-content/uploads/2025/11/MMTTC_Ad.pdf


https://hindisansthan.in/wp-content/uploads/2025/11/MMTTC-Staff-Recruitment.pdf



Friday, November 21, 2025

AI से रोजगार की चुनौती

 जिस तेजी से कृत्रिम बुद्धिमत्ता का विकास हो रहा है और समर्थ प्रणालियों का निर्माण हो रहा है उससे स्पष्ट है कि आने वाले 10 15 सालों के बाद मरियल मजदूरी के अलावा और कोई भी नौकरी नहीं बचेगी। इस गंभीर विषय पर बालेंदु जी का लेख...



















Wednesday, November 19, 2025

चार मित्र – पढ़े-लिखे मूर्ख

    चार मित्र थेतीन बहुत पढ़े-लिखे विद्वान और एक साधारण, पर बुद्धिमान व्यक्ति। पढ़े-लिखे तीनों को अपनी विद्या पर बहुत घमंड था, और वे चाहते थे कि अपनी विद्या से कुछ चमत्कार करके धन और सम्मान पाएँ। एक दिन चारों एक साथ यात्रा पर निकले। रास्ते में उन्हें जंगल में एक शेर की सूखी हड्डियाँ दिखाई दीं। तीनों विद्वानों को यह देखकर अपनी विद्या दिखाने का मौका मिल गया। पहले विद्वान ने मंत्र पढ़कर हड्डियों को जोड़ दिया। शेर की कंकाल आकृति बन गई। दूसरे विद्वान ने अपने ज्ञान से शरीर, मांस और चमड़ी बनाकर शेर को पूरा जीव जैसा कर दिया। तीसरे विद्वान ने गर्व से कहा, “मैं अब इसे जीवित कर दूँगा। मेरी शक्ति सबसे बड़ी है!” तभी चौथा मित्रजो ज्यादा विद्या वाला नहीं था, पर समझदार थाडर गया।

उसने कहा, “दोस्तों! यह शेर जीवित हुआ तो हम सबको खा जाएगा। ऐसा मत करो!” लेकिन तीनों पढ़े-लिखे विद्वान उसकी बात पर हँस पड़े। उन्होंने कहा, “तुझे क्या पता विद्या की शक्ति? तू दूर हट जा!” चौथा मित्र समझ गया कि ये तीनों अहंकारी विद्वान नहीं मानेंगे।

वह तुरंत पास के पेड़ पर चढ़ गया और बोला, “ठीक है, तुम लोग जो चाहो करो। मैं ऊपर से देखता हूँ। ” शेर को जीवित करने के लिए तीसरे विद्वान ने मंत्र पढ़ा, और कुछ क्षणों में शेर जीवित हो उठा।

जैसे ही उसने आँखें खोलीं, उसने अपने सामने खड़े तीनों मनुष्यों को देखाऔर बिना देर किए उन पर झपट पड़ा। शेर ने तीनों विद्वानों को मार डाला। पेड़ पर बैठा चौथा मित्र सुरक्षित रहा। वह नीचे उतरा और दुख भरी आवाज़ में बोला—“बुद्धि के बिना विद्या विनाश का कारण बनती है।

कहानी की सीख : केवल विद्या, बिना समझ और विवेक के खतरनाक है। अहंकार मनुष्य को अपने विनाश की ओर ले जाता है। सही समय पर सही निर्णय लेना ही सच्ची बुद्धिमानी है।