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Sunday, August 27, 2017

अनुवाद

प्रो. रामबख्श मिश्र द्वारा 24-08-2017 को भाषाविज्ञान एवं भाषा प्रौद्योगिकी विभाग में दिए गए व्याख्यान की पाण्डुलिपि


Saturday, August 26, 2017

कोड मिश्रण और कोड परिवर्तन (Code mixing and Code switching)


कोड मिश्रण और कोड परिवर्तन (Code mixing and Code switching)
प्रत्येक मानव भाषा एक कोड है। देखें-
मानव भाषाओं के ध्वनि प्रतीकों के माध्यम से संप्रेषण किया जाता है। आदर्श रूप में यही संभावना की जाती है कि किसी व्यक्ति द्वारा एक प्रकार के संप्रेषण के लिए एक ही भाषा (कोड) का प्रयोग किया जाएगा। किंतु सदैव ऐसा नहीं होता। वर्तमान बहुभाषी परिदृश्य में तो ऐसा करना धीरे-धीरे असंभव हो गया है। सामन्यतः लोग कोई बात कहते हुए एक भाषा के वाक्य में दूसरी भाषा के शब्दों का प्रयोग कर ही देते हैं, जैसे- मैं संडे को मार्केट जाऊँगा।
इसमें हिंदी वाक्य में अंग्रेजी शब्दों का कोड मिश्रण है।
जब एक वाक्य के अंदर ही दूसरी भाषा के शब्दों का प्रयोग होता है तो उसे कोड मिश्रण और जब एक भाषा कोई वाक्य बोलने या लिखने के अगला पूरा वाक्य दूसरी भाषा का होता है तो इसे कोड परिवर्तन कहते हैं। जैसे-
आपका काम हो गया, यू कैन गो नाउ.
में कोड परिवर्तन है।
कोड मिश्रण और आगत शब्द (code mixing and borrowed words)
कोड मिश्रणके संदर्भ में ध्यान देने वाली बात है कि दूसरी भाषा के शब्द के लिए प्रथम (मूल) भाषा में शब्द होने के बावजूद दूसरी भाषा के शब्द का प्रयोग कोड मिश्रण है, जैसे-
टेबल पर से मेरी पेन गिर गई।
इसमें टेबल और पेन का प्रयोग कोड मिश्रण है, किंतु दूसरी भाषा के शब्द के लिए प्रथम (मूल) भाषा में शब्द नहीं होने पर दूसरी भाषा के शब्द का प्रयोग कोड मिश्रण नहीं है, जैसे-
मैंने स्टेशन से टिकट खरीदा।
इसमें स्टेशन और टिकट का प्रयोग कोड मिश्रण नहीं है, बल्कि ये हिंदी में प्रयुक्त होने वाले अंग्रेजी के आगत शब्द हैं।
कोड मिश्रण के विश्लेषण में वक्ता का अभिमत, intention, वक्ता श्रोता संबंध, विषय की गंभीरता, समाज-सांस्कृतिक परिवेश आदि सबका ध्यान रखा जाता है। केवल पाठ में दूसरी भाषा के शब्दों को गिना देना पर्याप्त नहीं है।

भाषा और कोड (Language and code)

भाषा और कोड (Language and code)

प्रत्येक भाषा रूप एक कोड है।
जैसे-औपचारिक, अनौपचारिक, आत्मीय, कार्यालयी
भाषा, विभाषा, बोली आदि।

यह समाजभाषावैज्ञानिकों द्वारा मानव भाषाओं के लिए दिया गया एक शब्द है। मानव भाषाओं के लिए भाषाविज्ञान में अनेक शब्द, जैसे- भाषा, बोली, उपभाषा आदि शब्द प्रचलित हैं। इनके बीच बनाए गए अंतर भाषिक दृष्टि से न होकर सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से होते हैं। भाषा ध्वनि प्रतीकों की एक व्यवस्था है जिसके माध्यम से संप्रेषण किया जाता है। हम बोलते और सुनते तो हैं ध्वनि प्रतीकों को, किंतु संप्रेषण 'अर्थ' का होता है। अर्थ का संप्रेषण कराने वाले यही ध्वनि प्रतीक 'कोड' कहलाते हैं। चूंकि स्थूल रूप में भाषा द्वारा ही यह कार्य किया जाता है, इसलिए भाषा को ही कोड कहते हैं। कोड एक व्यापक अवधारणा है। इसके अंतर्गत संप्रेषण को संभव बनाने वाली प्रत्येक प्रतीक व्यवस्थाआ जाती है।

प्रत्येक कोड का अपना function होता है। कोड पर शोध करते हुए यह देखना आवश्यक है कि कोड परिवर्तन क्यों किया जा रहा है। उसका कारण क्या है, जैसे-
Clear करने के लिए, अश्लील रूपों को छुपाने के लिए, prestige के लिए, बार बार सुनने से आदत पड़ गई हो।

एक शोध-
उच्च वर्ग के लोगों की तुलना में मध्य वर्ग के लोगों द्वारा हिंदी में अंग्रेजी का प्रयोग अधिक किया जाता है।

Thursday, August 24, 2017

चंदा मामा

चंदा मामा
आरे आवs पारे आवs
नदिया किनारे आवs
सोना क कटोरिया में
दूध भात ले लेले आवs
बबुआ क मुहवाँ में
डालs गुटूक।।।।।।