भाषा और कोड (Language and code)
प्रत्येक भाषा रूप एक कोड है।
जैसे-औपचारिक, अनौपचारिक, आत्मीय, कार्यालयी
भाषा, विभाषा, बोली आदि।
यह समाजभाषावैज्ञानिकों द्वारा मानव भाषाओं के लिए दिया गया एक शब्द है। मानव भाषाओं के लिए भाषाविज्ञान में अनेक शब्द, जैसे- भाषा, बोली, उपभाषा आदि शब्द प्रचलित हैं। इनके बीच बनाए गए अंतर भाषिक दृष्टि से न होकर सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से होते हैं। भाषा ध्वनि प्रतीकों की एक व्यवस्था है जिसके माध्यम से संप्रेषण किया जाता है। हम बोलते और सुनते तो हैं ध्वनि प्रतीकों को, किंतु संप्रेषण 'अर्थ' का होता है। अर्थ का संप्रेषण कराने वाले यही ध्वनि प्रतीक 'कोड' कहलाते हैं। चूंकि स्थूल रूप में भाषा द्वारा ही यह कार्य किया जाता है, इसलिए भाषा को ही कोड कहते हैं। कोड एक व्यापक अवधारणा है। इसके अंतर्गत संप्रेषण को संभव बनाने वाली प्रत्येक प्रतीक व्यवस्थाआ जाती है।
प्रत्येक कोड का अपना function होता है। कोड पर शोध करते हुए यह देखना आवश्यक है कि कोड परिवर्तन क्यों किया जा रहा है। उसका कारण क्या है, जैसे-
Clear करने के लिए, अश्लील रूपों को छुपाने के लिए, prestige के लिए, बार बार सुनने से आदत पड़ गई हो।
एक शोध-
उच्च वर्ग के लोगों की तुलना में मध्य वर्ग के लोगों द्वारा हिंदी में अंग्रेजी का प्रयोग अधिक किया जाता है।
प्रत्येक भाषा रूप एक कोड है।
जैसे-औपचारिक, अनौपचारिक, आत्मीय, कार्यालयी
भाषा, विभाषा, बोली आदि।
यह समाजभाषावैज्ञानिकों द्वारा मानव भाषाओं के लिए दिया गया एक शब्द है। मानव भाषाओं के लिए भाषाविज्ञान में अनेक शब्द, जैसे- भाषा, बोली, उपभाषा आदि शब्द प्रचलित हैं। इनके बीच बनाए गए अंतर भाषिक दृष्टि से न होकर सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से होते हैं। भाषा ध्वनि प्रतीकों की एक व्यवस्था है जिसके माध्यम से संप्रेषण किया जाता है। हम बोलते और सुनते तो हैं ध्वनि प्रतीकों को, किंतु संप्रेषण 'अर्थ' का होता है। अर्थ का संप्रेषण कराने वाले यही ध्वनि प्रतीक 'कोड' कहलाते हैं। चूंकि स्थूल रूप में भाषा द्वारा ही यह कार्य किया जाता है, इसलिए भाषा को ही कोड कहते हैं। कोड एक व्यापक अवधारणा है। इसके अंतर्गत संप्रेषण को संभव बनाने वाली प्रत्येक प्रतीक व्यवस्थाआ जाती है।
प्रत्येक कोड का अपना function होता है। कोड पर शोध करते हुए यह देखना आवश्यक है कि कोड परिवर्तन क्यों किया जा रहा है। उसका कारण क्या है, जैसे-
Clear करने के लिए, अश्लील रूपों को छुपाने के लिए, prestige के लिए, बार बार सुनने से आदत पड़ गई हो।
एक शोध-
उच्च वर्ग के लोगों की तुलना में मध्य वर्ग के लोगों द्वारा हिंदी में अंग्रेजी का प्रयोग अधिक किया जाता है।
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