Total Pageviews

Wednesday, November 30, 2022

सूचना और अधिसूचना (Notice and Notification)

 सूचना और अधिसूचना (Notice and Notification)

औपचारिक क्रियाकलापों में किसी कार्य, घटना, वस्तु, स्थिति, प्रक्रिया आदि के बारे में दी जाने वाली जानकारी सूचना है। इसमें संबंधित व्यक्ति केवल उसके बारे में जान लेता है।

जब किसी कार्य, घटना, नियम या प्रक्रिया आदि के संबंध में ऐसी सूचना जारी की जाए, जिसका प्रयोग बाद में संदर्भ (reference) के लिए किया जा सके, तो वह अधिसूचना होती है।


उदाहरण-


सूचना

मोहन कुमार की दिनांक ..... को पीएचडी मौखिकी आयोजित है।


अधिसूचना

मोहन कुमार को पीएचडी उपाधि प्रदान की जाती है।


Tuesday, November 29, 2022

कृत्रिम बुद्धि क्या है? (What is Artificial Intelligence- AI)

 कृत्रिम बुद्धि क्या है?  (What is Artificial Intelligence- AI)

 पूर्वज्ञान के आधार पर नवीन परिस्थितियों में समुचित निर्णय लेने की क्षमता बुद्धि (Intelligence) कहलाती है। यह बुद्धि जब मशीन में कृत्रिम रूप से स्थापित की जाती है तो उसे कृत्रिम बुद्धि (AI) कहते हैं। यहाँ कृत्रिम रूप से स्थापित करने का यहां तात्पर्य यह है कि किसी व्यक्ति अथवा व्यक्ति समूह द्वारा कुछ पूर्व निर्धारित डेटा अथवा ज्ञान के आधार पर मशीन में यह क्षमता विकसित की जाती है। इसके लिए मशीन में पूर्व डेटा के आधार पर सीखने की क्षमता स्थापित की जाती है, जिसे तकनीकी रूप से मशीनी अधिगम (ML) कहते हैं।

कृत्रिम बुद्धि के घटक

कृत्रिम बुद्धि के अंतर्गत मुख्य रूप से निम्नलिखित घटक क्षेत्र आते हैं-

§  मशीनी अधिगम (Machine Learning)

§  गहन अधिगम (Deep Learning)

§  डेटा विज्ञान (Data Science)

§  ज्ञान निरूपण (Knowledge Representation)

§  कंप्यूटर दृष्टि (Computer Vision)

§  प्राकृतिक भाषा संसाधन (NLP)

               आदि।

इसके बारे में निम्नलिखित लिंकों पर और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं-

§  कृत्रिम बुद्धि (AI) : परिचय

§  क्या है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस? (BBC)

§  क्या इंसानी बुद्धिमत्ता का स्वर्णयुग आ चुका है?

§  आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की एबीसीडी

इसके प्रमुख क्षेत्रों से संबंधित जानकारी के लिए नीचे हाइपर लिंक किए गए उनके नामों को क्लिक करें-

§  मशीनी अधिगम (Machine Learning-ML)

§  गहन अधिगम (Deep Learning)

§  डेटा विज्ञान (Data Science)

§  ज्ञान निरूपण (Knowledge Representation)

§  कंप्यूटर दृष्टि (Computer Vision)

§  प्राकृतिक भाषा संसाधन (NLP)

जो हाइपरलिंक नहीं हैं, उन्हें शीघ्र ही हाइपरलिंक किया जाएगा।

मशीनी अधिगम (Machine Learning-ML)

 मशीनी अधिगम (Machine Learning-ML)

 जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है मशीन द्वारा कुछ नियमों अथवा एल्गोरिद्मों के माध्यम से स्वयं से सीखने की प्रक्रिया मशीनी अधिगम (ML) है। इसके लिए कुछ विशेष प्रकार की तकनीकों अथवा मॉडलों का प्रयोग किया जाता है, जिन्हें मशीनी अधिगम एल्गोरिद्म (ML Algorithm) कहते हैं।

मशीनी अधिगम के प्रकार (Types of ML)

मशीनी अधिगम के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं-

§  निर्देशित अधिगम (Supervised learning

§  अनिर्देशित अधिगम (Unsupervised learning

§  अर्ध-निर्देशित अधिगम (Semi-supervised learning

§  पुनरसंबलन अधिगम (Reinforcement learning

https://www.javatpoint.com/types-of-machine-learning (28-11-2022‌) पर अनुप्रयोग के कुछ सैंपल प्रकार बताते हुए इसे चित्र रूप में इस प्रकार से प्रदर्शित किया गया है-


मशीनी अधिगम के लिए विविध प्रकार के एल्गोरिद्म प्रयुक्त होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख की चर्चा आगे की जा रही है-

§   रैखिक अनुवर्धन (Linear Regression-LR)

§  तर्कसंगत अनुवर्धन (Logistic Regression) (जल्दी ही प्रस्तुत किया जाएगा)

रैखिक अनुवर्धन (Linear Regression-LR)

 रैखिक अनुवर्धन (Linear Regression-LR) 

 यह मशीनी अधिगम की एक प्रमुख विधि है, जिसमें पूर्व निर्धारित डेटा के आधार पर मशीन को नवीन परिस्थितियों में रैखिक क्रम में पूर्वानुमान करने के योग्य बनाया जाता है। यह Supervised ML के अंतर्गत आता है। इस संबंध में https://www.ibm.com/in-en/topics/linear-regression (28-11-2022) पर निम्नलिखित कथन दिया गया है-

"Linear regression analysis is used to predict the value of a variable based on the value of another variable. The variable you want to predict is called the dependent variable. The variable you are using to predict the other variable's value is called the independent variable."

रैखिक अनुवर्धन(Linear Regression) में  प्रयुक्त किए जाने वाले चरों के दो प्रकार के जाते हैं-

 स्वतंत्र चर (Independent Variable)

 इसके अंतर्गत वे चर आते हैं जो एल्गोरिद्म को पूर्व डेटा के आधार पर दिए जाते हैं। इनके आधार पर मशीनी प्रणाली द्वारा अपने आउटपुट से संबंधित निर्णय लिया जाता है। ये इनपुट चर होते हैं तथा मशीन को ये सीखने में तथा निर्णय लेने में सहायता करते हैं अथवा आधार का कार्य करते हैं।

 आश्रित चर (Dependent Variable) 

 यह मशीनी प्रणाली का आउटपुट चर होता है, जिसका मूल्य स्वतंत्र चर अथवा चरों के मूल्य पर आधारित होता है। अर्थात स्वतंत्र चरों में जिस प्रकार से बढ़ोत्तरी या घटोत्तरी होती है, उसी प्रकार से आश्रित चर के मूल्य में भी बढ़ोत्तरी या घटोत्तरी होती है।

 इस प्रकार के एल्गोरिद्म में स्वतंत्र चर या चरों के मूल्यों के अनुसार ही आश्रित चर के मूल्य में बढ़ोत्तरी या घटोत्तरी होती है। यह बढ़ोत्तरी या घटोत्तरी रैखिक रूप से दर्शाई जाती है। इसी कारण इसे रैखिक अनुवर्धन कहते हैं।

 रैखिक अनुवर्धन का सूत्र कई प्रकार से प्रस्तुत किया जाता है। इसका सबसे सरल रूप इस प्रकार है-

Y = b0 + mX + e

इस सूत्र में प्रयुक्त चिन्हों को निम्नलिखित प्रकार से समझ सकते हैं-

 Y = response (dependent) variable 

X =  predictor (independent) variable 

b0 =  estimated intercept

m = estimated slope

e = estimated error

वैसे और अधिक सरलीकरण करने के लिए इसमें से ‘e’ भी हटा सकते हैं-

Y = b0 + mX

किंतु सामान्यतः इसे पूरा ही दिया जाता है, जिससे शुद्धता को अधिकाधिक स्तर पर प्राप्त किया जा सके। 

रैखिक अनुवर्धन को  चित्र  रूप में इस प्रकार से दर्शाया जा सकता है-


(चित्र स्रोत- https://data-science-blog.com/wp-content/uploads/2022/05/linear-regression-error-term.png, 28-11-2022)

रैखिक अनुवर्धन (Linear Regression) का अनुप्रयोग

रैखिक अनुवर्धन (Linear Regression) पद्धति का प्रयोग एक या एकाधिक चरों के कुछ मूल्यों के आधार पर किसी दूसरे चर विशेष के क्रमशः  घटने या बढ़ने वाली स्थिति के परीक्षण के लिए किया जाता है, जिन्हें तकनीकी रूप से सतत/निरंतर चर (Continuous variable) कहाते हैं। इसके अनुप्रयोग संबंधी कुछ कार्यों के उदाहरण इस प्रकार से दिए जा सकते हैं-

§  किसी कर्मचारी के अनुभव पर बढ़ने की स्थिति में उसके वेतन में बढ़ोतरी का अनुमान व्यक्त करना।

§  सेंसेक्स में होने वाली बढ़त या घटाव की स्थिति में निफ्टी में होने वाली बढ़त किया घटाव का अनुमान व्यक्त करना।

§  वैश्विक स्तर पर डॉलर की स्थिति मजबूत या कमजोर होने की स्थिति में उसकी तुलना में रुपए की स्थिति के मजबूत या कमजोर होने का अनुमान व्यक्त करना।

§  डालर, तेल और रुपए की स्थितियों के आधार पर सोने चांदी के मूल्य में होने वाली  बढ़त या घटाव का अनुमान व्यक्त करना।


Monday, November 21, 2022

बच्चे : अल्फा जनरेशन

 

Quiz banner

दैनिक भास्कर से साभार

.।।।।.....।।।।।....।।।।।

अमिताभ की बोलती बंद करने वाले बच्चे:अल्फा जनरेशन की सबसे ज्यादा संख्या एशिया में, रंगभेद-नस्लवाद से बेफ्रिक क्रांतिकारी होंगे ये बच्चे

नई दिल्ली3 दिन पहलेलेखक: संजीव कुमार
अल्फा जनरेशन की सबसे ज्यादा संख्या एशिया में, रंगभेद-नस्लवाद से बेफ्रिक क्रांतिकारी होंगे ये बच्चे|वुमन,Women - Dainik Bhaskar

'लिटिल चैंप्स' और 'KBC-स्टूडेंट स्पेशल' अगर आपने देखा हो तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आज के बच्चे पुरानी पीढ़ी के मुकाबले कितने स्मार्ट हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो इन बच्चों का आईक्यू लेवल यानी बुद्धिमत्ता भी पिछली पीढ़ियों के मुकाबले ज्यादा रहने की संभावना है। 2010 से 2024 के बीच जन्म लेने वाले ऐसे बच्चों को 'जेनरेशन अल्फा' कहा जा रहा है, जिसे आई जेनरेशन (iGeneration) भी नाम दिया गया। क्योंकि यह पहली जनरेशन हो गई है जिसने आईफोन, आईपैड के शुरुआती दौर में ही दुनिया में कदम रख लिया था। यह अब तक की सबसे बड़ी जनरेशन है जिसकी आबादी 2025 तक 2 अरब हो जाएगी।

बात जागरूकता की हो या फिर इंटेलीजेंस, कॉन्फिडेंस और फ्रैंकनेस की हर मामले में अल्फा जनरेशन के बच्चों का अंदाज अलग है। चाहे ‘लिटिल चैंप्स’ के जजों का सामना करना पड़े, या फिर KBC में बिग बी के सामने हॉट सीट पर बैठकर सवालों के जवाब देने हों, ये बच्चे बड़ों को भी लाजवाब कर देते हैं।

पिछले साल नवंबर में KBC में अपने जवाब से अमिताभ बच्चन को चुप कराने वाले अरुणोदय ने 12.50 लाख रुपए जीते थे। 9 साल के बच्चे की हाजिर जवाबी देखकर अमिताभ भी निरूत्तर हो गए थे। - Dainik Bhaskar
पिछले साल नवंबर में KBC में अपने जवाब से अमिताभ बच्चन को चुप कराने वाले अरुणोदय ने 12.50 लाख रुपए जीते थे। 9 साल के बच्चे की हाजिर जवाबी देखकर अमिताभ भी निरूत्तर हो गए थे।

कभी विलियम वर्ड्सवर्थ ने अपनी एक लोकप्रिय कविता ‘My Heart Leaps Up’ में लिखा था कि ‘The child is the father of the man.’ उनके मन की यह अभिव्यक्ति दुनिया के हर दौर में सच होगी इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। जनरेशन 'अल्फा' इसी को सच करने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ने जा रही है।

पूरी दुनिया में हर हफ्ते 28 लाख से ज्यादा बच्चे जन्म ले रहे हैं। दाे साल बाद दुनिया की सबसे बड़ी आबादी जनरेशन 'GEN Alpha' की होने वाली है। एक जैसा सोचने-समझने और पसंद रखने वालों की इतनी बड़ी आबादी एक साथ कभी नहीं रही जो रिश्तों से ज्यादा टक्नोलॉजी पर टिकी हो। इनकी पसंद सोसायटी और मार्केट के लिए टॉप प्रयारिटी होगी, जिससे दुनिया की तस्वीर बदल जाएगी।

सबसे पहले ग्राफिक्स से समझते हैं दुनिया में अब तक कितनी जनरेशन हुई हैं-

undefined - Dainik Bhaskar

आइए जानते हैं कि यह जनरेशन अल्फा क्या कुछ कर सकती है और आने वाले वक्त में इसका लाइफ स्टाइल क्या होगा और कंपनियां इसके लिए किस तरह की रणनीतियों पर काम कर रही हैं?

मार्केट के लिए जनरेशन अल्फा सबसे बड़ा कंज्यूमर ग्रुप

जनरेशन अल्फा अब तक की सबसे संपन्न और सशक्त पीढ़ी होगी। इस दौर का टीनएजर खुद को अहमियत देने वाला और साथ ही आसपास के माहौल को अपने हिसाब से ढालने वाला बनेगा। इस दौर के बच्चे स्मार्टफोन और टैबलेट का इस्तेमाल करते हुए बड़े हो रहे हैं। आईफोन, आईपैड और एप्स का इस्तेमाल करना इनके लिए कोई सरप्राइज करने वाली चीज नहीं रही। ये नहीं जानते हैं कि इन गैजेट्स के बिना भी जिंदगी कैसी रही होगी या हो सकती है।

टेक्नोलॉजी की तेज रफ्तार को देखते हुए अल्फा जनरेशन को कई चीजों के बारे में पता ही नहीं होगा जैसे- रिकॉर्ड प्लेयर्स, वीडियो होम सिस्टम (VHS), VCR, पेजर, CD, DVD प्लेयर, फैक्स मशीन, एमपी3 प्लेयर, लैंडलाइन फोन, डिक्शनरी, यलो पेजेज, स्ट्रीट डायरेक्ट्री।

इससे भी बढ़कर यह है कि जनरेशन अल्फा कभी भी जेब में पर्स रखकर घूमने वाली नहीं होगी। महज एक मोबाइल, कार्ड या कोड के जरिए ही वह लेन-देन में एक्सपर्ट होगी। उसके पढ़ने और एग्जाम देने के पैटर्न में कई तरह से बदलाव होते नजर आने लगेंगे।

जनरेशन अल्फा के इसी लाइफस्टाइल को ध्यान में रखते हुए ब्रांड्स अपनी नई नीतियां बना रहे हैं। अल्फा जनरेशन जल्द ही टीनएजर स्टेज में पहुंचने वाली है। ऐसे में कंपनियों का इस जनरेशन को लुभाने का तरीका भी पूरी तरह डिजिटल होता जा रहा है। गैजेट्स, खिलौने सहित तमाम चीजों के लिए कंपनियों ने नई-नई रणनीतियों पर काम करना शुरू भी कर दिया है।

मिलेनियल माता-पिता की संतान है Gen Alpha

मिलेनियल पेरेंट यानी जनरेशन ‘Z’ से पैदा हो रही अल्फा जनरेशन 21वीं सदी में सबसे पहली और अब तक की सभी जनरेशन में विशाल तो है ही, साथ ही दुनिया के हर कोने में अपनी पहुंच बनाने वाली है। इसके लिए अंतरिक्ष की सैर करना आम बात होगी। पर यहां ध्यान देने वाली बात यह कि मिलेनियम दौर के लोग जानते हैं कि दुनिया में टेक्नोलॉजी के बढ़ते दखल के नतीजे कितने खतरनाक भी हो सकते हैं। चाहे वह अकेलेपन की बात हो या फिर एंटी-सोशल होने की।

आइए, यहां ग्राफिक के जरिए समझने का प्रयास करते हैं कि जनरेशन 'Z' और जनरेशन 'अल्फा' के बीच किस तरह से अंतर दिखाई पड़ता है-

undefined - Dainik Bhaskar

पेरेंट्स के सामने चुनौतियां, ग्रांड पेरेंट्स के नजदीक होगी अल्फा जनरेशन

जनरेशन अल्फा के पेरेंट कई तरह की चुनौतियों से रू-ब-रू होने वाले हैं। बच्चों को स्क्रीन देखने की लत लगना, साइबर बुलींग और चाइल्ड फ्रेंडली कंटेंट का मैनेजमेंट ये ऐसी समस्याएं हैं जिनको मिलेनियल पेरेंट कैसे करेंगे? इस बात का जवाब तलाशा जाना बाकी है। वजह यह है कि मिलेनियल पेरेंट ने जो कुछ भी अपने माता-पिता और दादा-परदादाओं से बेटे-बेटी के पालन-पोषण के बारे में सीखा होगा, उसे वे जनरेशन अल्फा पर कितना अप्लाई कर पाएंगे। यह अभी सवाल ही है।

हालांकि, जनरेशन अल्फा के दादा-दादी और नाना-नानी की भूमिका बढ़ने वाली है। क्योंकि ये ही अपने पोते-पोतियों और नाती-नातिनों की जिंदगी में नजदीक रहने वाले हैं।

समय के साथ-साथ 'जनरेशन' की परिभाषा का बदलता गया स्वरूप

ऐसा देखा गया है कि अलग-अलग स्थिति में विभिन्न पीढ़ी के लोग अलग-अलग तरह से व्यवहार करते हैं। उनके नजरिए, विश्वास, विचार और सभी मान्यताओं के आधार पर पीढ़ियों को अलग-अलग कैटिगरी में बांटा गया है। कई डिक्शनरी में 'जनरेशन' काे अलग-अलग शब्दों में समझाया गया है।

  • किसी परिवार या वंश में किसी एक व्यक्ति से शुरू करके उसके पूर्वजों और उसके वंशजों की गिनती करना- जैसे फैमिली ट्री बनाना
  • 19वीं सदी से पहले 'जनरेशन' को परिवार और आस-पास के समाज तक ही सीमित करके देखा जाता था।
  • 1863 में फ्रांसीसी शब्दकोशकार (लैक्सीकोग्राफर) और दार्शनिक एमिली मैक्सीमिलियन पॉल लिटरे ने बताया कि किसी खास समय और समाज में जीवित लोगों को ‘जनरेशन’ कहा जाता है।
  • समय के साथ जनरेशन शब्द में मॉर्डनाइजेशन, इंडस्ट्रियलाइजेशन, वेस्टर्नाइजेशन और ग्लोबलाइजेशन भी शामिल हाे गए हैं।

'जनरेशन अल्फा' का नामकरण की भी अपनी एक रोचक कहानी है जिसे इस ग्राफिक से समझ सकते हैं-

undefined - Dainik Bhaskar

दुनिया में जितनी भी जनरेशन हुई हैं, उन सभी जनरेशन के लिए खिलौनों के अपने मायने रहे हैं। आखिर जनरेशन अल्फा किस तरह के खिलौनों से दो-चार होने जा रही है, इसे भी जानते चलिए-

टॉयज के मामले में अल्फा जनरेशन का कोई सानी नहीं

जनरेशन अल्फा के खिलौने घर में खेलने भर के लिए ही नहीं होंगे। बच्चों की क्लास, प्ले स्कूल और चाइल्ड केयर सेंटर में भी अपनी पहुंच रखेंगे। ऐसे एजुकेशनल टॉय से खेलने वाले बच्चे स्मार्ट और ज्यादा स्किल वाले होने तो लाजमी हैं।

पूरा पढ़ने के लिए इस लिंक पर जाएँ-


Friday, November 18, 2022

एक भाषाविद् का यूँ चले जाना...

 कहां अभी हम यह पढ़ रहे थे कि कहां वह अविश्वसनीय, अतिदुखद,  😭 सुन बैठे...



Wednesday, November 16, 2022

मौत से मिलकर लौटने पर कैसा लगा?

 दैनिक भास्कर से साभार 

लिंक-

https://www.bhaskar.com/happylife/news/one-in-five-people-who-survive-cardiac-arrest-have-near-death-experience-130560576.html

मौत से मिलकर लौटने पर कैसा लगा:567 मरीजों का अनुभव- लगता है शरीर से दूर जा रहे हैं

वॉशिंगटन2 दिन पहले

दिल का दौरा पड़ने के बाद कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) देकर बचाए गए हर पांच में से एक व्यक्ति को मौत का करीबी अनुभव होता है। इस दौरान पीड़ित को एहसास होता है कि वह शरीर से अलग होकर दूर जा रहा है। उसकी आंखों के सामने पूरी जिंदगी रील की तरह घूमने लगती है।

यह खुलासा न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के ग्रोसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के रिसर्चर्स ने एक हालिया स्टडी में किया है। इसमें शामिल लोगों ने बताया कि हार्ट अटैक के बाद CPR के दौरान उन्हें कभी न होने वाले अनुभव हुए।


CPR पर हुई रिसर्च को 5 पॉइंट में समझिए…

1. 567 मरीजों पर 3 साल चली रिसर्च
2017 से 2020 तक पहली बार इस तरह की स्टडी की गई, जिसमें 567 मरीजों को शामिल किया गया। इन लोगों को धड़कन रुकने के बाद CPR देकर बचाया गया था। सभी मरीज अमेरिका और इंग्लैंड के अस्पतालों में भर्ती थे।

2. CPR के दौरान सब कुछ रंगीन, चमकीला दिखा
रिसर्च में शामिल कई लोगों ने बताया कि CPR के दौरान उनकी आंखों की रोशनी स्पष्ट थी और उन्हें सब कुछ रंगीन और चमकीला दिखाई देने लगा था। ऊंचाई से गिरने, जानलेवा हमले और धमाके के दौरान भी मौत के करीबी अनुभव होते हैं।

रिसर्च में मरीजों ने बताया कि उन्हें शरीर से अलग होने का एहसास हुआ।
रिसर्च में मरीजों ने बताया कि उन्हें शरीर से अलग होने का एहसास हुआ।

3. आंखों के सामने फिल्म जैसी दिखती है जिंदगी
रिसर्च में शामिल एक व्यक्ति ने बताया कि CPR देने पर वह एक अंधेरी जगह में चला गया, लेकिन उसे डर नहीं लग रहा था। वहां बहुत शांति थी। फिर उसकी आंखों के सामने पूरी जिंदगी थ्री-डी फिल्म की तरह चलने लगी। बचपन से लेकर जवानी तक का घटनाक्रम साफतौर पर सामने आया।

पूरा पढ़ने के लिए उपर्युक्त लिंक पर जाएँ---