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Monday, November 23, 2020

कामताप्रसाद गुरु और किशोरीदास वाजपेयी के लेखन में अंतर

 

कामता प्रसाद गुरु का व्याकरण पश्चिमी व्याकरण परंपरा से प्रभावित है। उदाहरण के लिए उन्होंने शब्दभेद (Parts of Speech) के वर्णन में पश्चिमी व्याकरण या अंग्रेजी व्याकरण में प्रचलित शब्दभेदों- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रियाविशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक (Noun, Pronoun, Adjective, Verb, Adverb, Preposition, Conjunction and Interjection) को लिया है।

किशोरीदास वाजपेयी का लेखन संस्कृत व्याकरण परंपरा पर आधारित है। उन्होंने संस्कृत व्याकरण आधारित शब्द/पद, उसके रूपों आदि की चर्चा की है। उन्होंने परसर्गों- ने, को, से, के लिए, का/की/के, में, पर आदि को विभक्ति ही कहा है। वर्तमान भाषावैज्ञानिक और व्याकरणिक चिंतन से स्पष्ट है कि इन्हें विभक्ति के बजाए परसर्ग’ (postposition) कहना ही अधिक उचित होगा।

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