1867 ईस्वी में खोजा गया दिना शनिचर नाम का बच्चा इस बात का उदाहरण है कि मानव भाषा अर्जन में क्रिटिकल अवधि जैसी कोई चीज होती है। अर्थात एक निश्चित आयु के बाद मानव शिशु भाषा को सीखना चाहे तो सीख नहीं सकता। यह बच्चा 12 साल की आयु में भेड़ियों से प्राप्त किया गया था। 12 साल तक इस भेड़ियों ने इसे पाला पोसा था, इसलिए यह भेड़ियों की तरह व्यवहार करता था और किसी भी मानव भाषा का प्रयोग नहीं करता था। मानव समाज में लाने के बाद इसे भाषा सीखाने की पर्याप्त कोशिश की गई किंतु यह भाषा नहीं सीख सका।
माना जाता है कि बच्चों के अत्यंत प्रसिद्ध किरदार मोगली की संकल्पना उसी से ली गई है। उसका नाम दिना शनिचर इसलिए रखा गया था क्योंकि उसे शनिवार को प्राप्त किया गया था।
उसके बारे में टाइम्स आफ इंडिया में छपी एक खबर-
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