Total Pageviews

Tuesday, March 20, 2018

व्याख्यान : प्रो. उमाशंकर उपाध्याय

व्याख्यान : प्रो. उमाशंकर उपाध्याय
भाषा विज्ञान एवं भाषा-प्रौद्योगिकी विभाग के सुप्रसिद्ध भाषाविद प्रो. उमाशंकर उपाध्याय के विशेष व्याख्यान के संबंध में
20 मार्च 2018
साहित्यिक पुनरवलोकन
शोध के संदर्भ में संबंधित साहित्य की समीक्षा।
शोध
शब्दों के व्युत्पत्ति अर्थ अवधारणा को व्यक्त करते हैं। शोध शब्द का शुद्ध से उत्पादन हुआ है।
शोध में मिलावट न हो।
शोध नए ज्ञान की खोज है।
शोध के 4 व्यापक संदर्भ-
Exiology मूल्य मीमांसा
Ontology सत्ता मीमांसा
Epistemology ज्ञान मीमांसा
विषय की प्रकृति के अनुकूल शोध।

Empiricism अनुभववाद
अनुभव ही ज्ञान की प्राप्ति का आधार है।
हर अनुभव को वस्तुनिष्ठ रूप से प्रस्तुत करना संभव नहीं है, जैसे- मीठा। कितना?
Cognitism संज्ञानवाद
व्यावहारिक अनुभव मानसिक प्रत्ययों से प्रभावित होते हैं।
स्वनिम
ब्लूमफील्ड - भौतिक
अन्य- मानसिक
अतः यह निर्धारित करना होगा कि किस प्रकार के प्रमाणों से आपका विषय सिद्ध होगा। आपके विषय की प्रकृति कैसी है- अनुभवपरक, मानसिक, या रूपात्मक।
इन सबके निर्धारण के बाद शोध प्रविधि पर विचार करते हैं।
शोध में कई शोध विधियों की आवश्यकता पड़ सकती है, इसलिए research methodology की बात की गई है, research method की नहीं।
Sociolinguistic अध्ययन में देखते हैं कि सामाजिक विभेद भाषा प्रयोग को किस प्रकार प्रभावित करते हैं।
सबसे पहले field अध्ययन, डाटा संकलन और फिर डाटा विश्लेषण करते हैं।
वस्तुनिष्ठता शोध का आधार है।
साहित्य मानव संवेदनाओं की कलात्मक अभिव्यक्ति है।

शोध के प्रकार
दृष्टि के आधार पर-
Subjective
Objective
Reflexive
Discipline के आधार-
Intra disciplinary
Inter disciplinary
Multidisciplinary

1 comment: