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Sunday, September 14, 2025

हिंदी वर्णमाला का क्रमबद्ध सुंदर प्रयोग

 ह्वाट्सएप से साभार 

कभी हिंदी वर्णमाला का क्रमबद्ध इतना सुंदर प्रयोग देखा है। आप भी अद्भुत अद्वितीय अविस्मरणीय कह उठेंगे...   

यह कविता जिसने भी लिखी प्रशंसनीय है।

"अ"चानक

"आ"कर मुझसे

"इ"ठलाता हुआ पंछी बोला

"ई"श्वर ने मानव को तो

"उ"त्तम ज्ञान-दान से तौला

"ऊ"पर हो तुम सब जीवों में

"ऋ"ष्य तुल्य अनमोल

"ए"क अकेली जात अनोखी

"ऐ"सी क्या मजबूरी तुमको

"ओ"ट रहे होंठों की शोख़ी

"औ"र सताकर कमज़ोरों को

"अं"ग तुम्हारा खिल जाता है

"अ:"तुम्हें क्या मिल जाता है.?

"क"हा मैंने- कि कहो

"ख"ग आज सम्पूर्ण

"ग"र्व से कि- हर अभाव में भी

"घ"र तुम्हारा बड़े मजे से

"च"ल रहा है

"छो"टी सी- टहनी के सिरे की

"ज"गह में, बिना किसी

"झ"गड़े के, ना ही किसी

"ट"कराव के पूरा कुनबा पल रहा है

"ठौ"र यहीं है उसमें

"डा"ली-डाली, पत्ते-पत्ते

"ढ"लता सूरज

"त"रावट देता है

"थ"कावट सारी, पूरे

"दि"वस की-तारों की लड़ियों से

"ध"न-धान्य की लिखावट लेता है

"ना"दान-नियति से अनजान अरे

"प्र"गतिशील मानव

"फ़"ल के चक्कर में 

"ब"न बैठे हो असमर्थ

"भ"ला याद कहाँ तुम्हें

"म"नुष्यता का अर्थ.?

"य"ह जो थी, प्रभु की

"र"चना अनुपम...

"ला"लच लोभ के 

"व"शीभूत होकर

"श"र्म-धर्म सब तजकर

"ष"ड्यंत्रों के खेतों में

"स"दा पाप-बीजों को बोकर

"हो"कर स्वयं से दूर

"क्ष"णभंगुर सुख में अटक चुके हो

"त्रा"स को आमंत्रित करते हुए

"ज्ञा"न-पथ से भटक चुके हो।

 🌹🌹🌹🌹

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