गूगल के AI सर्च से 25 oct 2024 को प्राप्त
Total Pageviews
विषय सूची
- 1. भाषा : आधारभूत (Language: Fundamentals)
- 2. सामान्य भाषाविज्ञान (General Linguistics)
- 3. ध्वनि/स्वनविज्ञान एवं स्वनिमविज्ञान (Phonetics&Phonology)
- 4. रूपविज्ञान (Morphology)
- 5. वाक्यविज्ञान (Syntax)
- 6. अर्थविज्ञान (Semantics)
- 7. प्रोक्ति-विश्लेषण और प्रकरणार्थविज्ञान (Discourse Analysis & Pragmatics)
- 8. भारतीय भाषा चिंतन (Indian Language Thought)
- 9. पश्चिमी भाषा चिंतन (Western Language Thought)
- 10. व्याकरण सिद्धांत (Grammar Theories)
- 11. ऐतिहासिक/ तुलनात्मक भाषाविज्ञान (His.&Com. Lig.)
- 12. लिपिविज्ञान (Graphology)
- 13. व्यतिरेकी भाषाविज्ञान (Contrastive Ligs)
- 14. अंतरानुशासनिक भाषाविज्ञान (Interdisciplinary Ligs)
- 15. समाजभाषाविज्ञान (Sociolinguistics)
- 16. मनोभाषाविज्ञान (Psycholinguistics)
- 17. संज्ञानात्मक भाषाविज्ञान (Cognitive Linguistics)
- 18. न्यूरोभाषाविज्ञान (Neurolinguistics)
- 19. शैलीविज्ञान (Stylistics)
- 20. अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान (A.L.)
- 21. अनुवाद (Translation)
- 22. भाषा शिक्षण (Language Teaching)
- 23. कोशविज्ञान (Lexicology)
- 24. भाषा सर्वेक्षण (Language Survey)
- 25. भाषा नियोजन (Lg Planning)
- 26. क्षेत्र भाषाविज्ञान (Field Ligs)
- 27. मीडिया/ सिनेमा और भाषा (Media/Cinema & Language)
- 28. UGC-NET भाषाविज्ञान
- 29. गतिविधियाँ/नौकरी (Activities/Job)
- 30. SCONLI-12 (2018)
- 31. भाषाविज्ञान : शोध (Linguistics : Research)
- 32. EPG भाषाविज्ञान
- 33. विमर्श (Discussion)
- 34. लिंक सूची (Link List)
- 35. अन्य (Others)
Thursday, October 24, 2024
मुहावरे और लोकोक्तियों में अंतर
कहावतें/लोकोक्तियाँ 300
Sunday, October 20, 2024
मोर्स कोड
मोर्स कोड एक ऐसा कोड है जिसमें वर्णों और अंकों को डॉट तथा लाइन के संयोजन से प्रस्तुत किया जाता है। इसका आविष्कार सैमुअल मोर्स द्वारा 1838 ई. में किया गया था।
इसे एक चित्र में निम्नलिखित प्रकार से देख सकते हैं-
Monday, October 14, 2024
मुहावरे-3
Sunday, October 13, 2024
क्रिटिकल अवधि
Wednesday, October 9, 2024
मुहावरे-2
Sunday, October 6, 2024
मुहावरे-1
पल्लवन या विस्तारण (Expansion or Elaboration)
पल्लवन या विस्तारण
पल्लवन का अर्थ है- किसी पाठ को बड़ा करना। यह किसी पाठ को बड़ा करने की
प्रक्रिया है। पल्ल्वन या विस्तारण करने पर पाठ का आकार लगभग दो गुना या उससे अधिक
हो सकता है। इसके लिए पाठ में दी गई सूचना या पाठ के विषय के बारे में विद्यार्थी
को पूर्व जानकारी होनी चाहिए।
पल्लवन की विधि
1. पाठ में आए हुए छोटे वाक्यों को बड़ा करने का प्रयास करें।
2. उदाहरण स्वरूप कोई बात जोड़ी जा सकती है।
3. पाठ में दी गई सूचना या कही गई बात के संदर्भ में नई
जानकारी जोड़ें।
नोट : पल्लवन हेतु पाठ में नए वाक्य बनाते या जोड़ते समय ध्यान
रखें कि वे गलत या त्रुटिपूर्ण ना हों।
उदाहरण :
मूल पाठ
भारत एक महान देश है। इसकी ज्ञान परंपरा हजारों साल पुरानी है। इस धरा पर अनेक
ऋषियों और महात्माओं ने निरंतर जन्म लिया है। उन्होंने पूरी दुनिया को ज्ञान का
पाठ पढ़ाया है। भारत की महान परंपरा की झलक इसकी आदिभाषा संस्कृत में लिखे हुए
महान ग्रंथों से ही मिलने लगती है।
पल्लवन या विस्तारण से निर्मित पाठ
भारत एक महान देश है। इसकी महानता इसकी प्राचीन ज्ञान परंपरा से ही देखी जा
सकती है। यह ज्ञान परंपरा हजारों साल पहले से प्राप्त होने लगती है। भारत की धरती
पर अनेक ऋषियों और महात्माओं, जैसे- महात्मा बुद्ध, शंकराचार्य, महावीर
स्वामी आदि का अवतरण हुआ है। इस क्रम में अनेक ऋषि, मुनि
और महात्मा देखे जा सकते हैं जिन्होंने केवल भारत भूमि ही नहीं, बल्कि समस्त संसार को मानवता का पाठ पढ़ाया है और तत्वज्ञान
का बोध कराया है। भारत की प्राचीन परंपरा के महान ग्रंथ इसकी आदिभाषा संस्कृत में
देखे जा सकते हैं। इनमें वेद, पुराण आदि विविध प्रकार के ग्रंथ
आते हैं, जिनमें ज्ञान, धर्म, सत्य, नीति, कर्म आदि सभी के संदर्भ में प्रचुर मात्रा में ज्ञानपूर्ण
बातें देखी जा सकती हैं।
Thursday, October 3, 2024
संस्कृत की समकालीन प्रासंगिकता को समझने की जरूरत
मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाओं को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा दिया जाएगा
मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाओं को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा दिया जाएगा।
स्रोत : दैनिक भास्कर