सहायक क्रिया (Auxiliary / Helping Verb)
क्रिया का वह
भाग जो अपने आप में कोई कार्य नहीं करती, बल्कि मुख्य क्रिया की सहायता करके वाक्य को पूर्ण बनाती है, सहायक क्रिया कहलाती है। यह मुख्य रूप से समय, काल,
व्यक्ति, वचन, या प्रश्न
की स्थिति का बोध कराती है।
सहायक क्रिया
की परिभाषा
जो क्रिया मुख्य क्रिया के साथ मिलकर वाक्य में अर्थ
को स्पष्ट करने और काल, लिंग, वचन या व्यक्ति का बोध कराने का कार्य करती है, उसे
सहायक क्रिया कहते हैं।
उदाहरण:
- राम पढ़ रहा है।
- बच्चे स्कूल गए थे।
- वह कल आएगा।
सहायक क्रिया
के उपयोग
सहायक क्रिया मुख्य क्रिया के साथ मिलकर विभिन्न
व्याकरणिक उद्देश्यों को पूरा करती है:
- काल का बोध कराने के लिए
- वह खाना खा रहा है।
(वर्तमान काल)
- वह स्कूल गया था।
(भूतकाल)
- वह बाजार जाएगा। (भविष्यकाल)
- वचन और लिंग का बोध कराने के लिए
- वह पढ़ रहा है।
(एकवचन, पुल्लिंग)
- वे खेल रहे हैं।
(बहुवचन)
- प्रश्नवाचक वाक्य बनाने के लिए
- क्या वह स्कूल जा रहा है?
- नकारात्मक वाक्य बनाने के लिए
- वह घर नहीं गया था।
सहायक क्रिया
के प्रकार
1. कालवाचक सहायक क्रिया
यह वाक्य में समय (काल) का बोध कराती है।
उदाहरण:
- है, था, थे, हैं, थे, रहे हैं, गया,
जाएगा।
- वह सो रहा है।
- वे काम कर रहे थे।
2. मूडवाचक सहायक क्रिया
यह वाक्य में क्रिया के भाव (संभावना, इच्छा, या आज्ञा) का बोध कराती है।
उदाहरण:
- सकता, सकती, सकते, चाहिए।
- वह पढ़ सकता है।
- तुम्हें यह काम करना चाहिए।
3. निश्चयपूर्ण संभावना सूचक सहायक क्रिया
यह वाक्य में निश्चितता का बोध कराती है।
उदाहरण:
- होगा, होगी, होंगे।
- वह स्कूल गया होगा।
मुख्य क्रिया
और सहायक क्रिया में अंतर
मुख्य
क्रिया |
सहायक
क्रिया |
मुख्य क्रिया वाक्य द्वारा व्यक्त कार्य या स्थिति की
सूचना को व्यक्त करती है। |
सहायक क्रिया वाक्य को पूर्ण और व्याकरणिक बनाती
है। |
उदाहरण: राम खाता है। |
उदाहरण: राम खा रहा है। |
इसमें ‘खाने’ के कार्य की सूचना ‘खाता’
द्वारा मिल रही है। जिसमें ‘खा’ मुख्य क्रिया है और ‘ता’ सहायक
क्रिया प्रत्यय है। साथ ही ‘है’ सहायक
क्रिया क भी प्रयोग किया गया है। |
इसमें भी ‘खाने’ का कार्य हो रहा है, किंतु
‘रहा है’ के प्रयोग से काल, लिंग, वचन आदि की सूचना जोड़ते हुए वाक्य को पूर्ण किया
गया है। |
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