क्रिया (Verb)
क्रिया वह शब्द है जो किसी कार्य, घटना या अवस्था को व्यक्त करता है। क्रिया वाक्य का सबसे
महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, क्योंकि यह वाक्य में कार्य या
अवस्था को स्पष्ट करती है। इसे वाक्य का केंद्र कहा गया है। वाक्य में क्रिया से ही
से ही उसके स्वरूप के अनुसार शेष घटक या पदबंध जुड़ते हैं। उदाहरण के लिए यदि ‘सकर्मक क्रिया’ होगी तो कर्म जुड़ेगा अन्यथा नहीं जुड़ेगा।
क्रिया की परिभाषा
जो शब्द किसी कार्य के होने, करने या होने की स्थिति को व्यक्त करे, उसे क्रिया
कहते हैं।
उदाहरण:
- राम दौड़ रहा है। (दौड़ना = कार्य को प्रकट कर
रहा है।)
- सूरज उगता है। (उगना = घटना को प्रकट कर रहा
है।)
- वह चुप है। (है = अवस्था को प्रकट कर रहा है।)
क्रिया के प्रकार
क्रिया को उसके अर्थ और कार्य के आधार पर कई प्रकारों में विभाजित किया जाता
है। उसके साथ कर्म प्रयुक्त होने या न होने के आधार पर निम्नलिखित तीन प्रकार किए जा
सकते हैं:
1. अकर्मक क्रिया
जो क्रिया अपने आप में ही पूर्ण होती है और इसे किसी कर्म की आवश्यकता नहीं
होती।
उदाहरण:
- सूरज उगता है।
- बच्चा रोता है।
- पक्षी उड़ रहे हैं।
2. सकर्मक क्रिया
जो क्रिया अपने अर्थ को पूरा करने के लिए कर्म (उद्देश्य या वस्तु) की
आवश्यकता रखती है।
उदाहरण:
- उसने खाना खाया।
- राम ने गेंद फेंकी।
- बच्चों ने कविता पढ़ी।
3. द्विकर्मक क्रिया
जिस क्रिया
को मुख्य कर्म और गौण कर्म दोनों की आवश्यकता पड़ती है, द्विकर्मक क्रिया कहलाती है।
उदाहरण:
- वह मोहन को किताब देता है।
.......
प्रयोग के आधार पर क्रिया के प्रकार
1. मुख्य क्रिया (Main Verb)
जो वाक्य में
मुख्य कार्य का बोध कराए।
उदाहरण:
- वह पढ़ता है। (पढ़ना = मुख्य क्रिया।)
2. सहायक क्रिया (Helping Verb)
जो मुख्य
क्रिया की सहायता करती है और काल, व्यक्ति या
वचन का बोध कराती है।
उदाहरण:
- वह पढ़ रहा है।
- हम स्कूल जाएंगे।
..........................................
और पढ़ें :
सहायक क्रिया (Auxiliary / Helping Verb)
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