सहायक क्रिया (Auxiliary / Helping Verb) 
क्रिया पदबंध
का वह भाग मुख्य क्रिया की सहायता करके वाक्य को पूर्ण बनाती है, सहायक क्रिया कहलाती है। यह मुख्य रूप से व्याकरणिक कोटियों का
बोध कराती है ,जैसे- लिंग (Gender), वचन (Number), पुरुष (Person), काल (Tense)  या पक्ष (Aspect) आदि। 
वाक्य में सहायक
क्रिया की स्थिति को इस प्रकार से दर्शा सकते हैं-
वाक्य = संज्ञा पदबंध + संज्ञा पदबंध (n...) + क्रिया पदबंध
 
क्रिया पदबंध : मुख्य क्रिया + सहायक क्रिया।
उदाहरण :
नोट : 
(1) क्रिया पदबंध में हमेशा मुख्य क्रिया
के साथ सहायक क्रिया का आना आवश्यक नहीं है। अकेले मुख्य क्रिया पूरे क्रिया पदबंध
का कार्य कर सकती है, जैसे- 
लड़का क्रिकेट खेलेगा। 
(2) अकेले सहायक क्रिया भी पूरे क्रिया
पदबंध का कार्य कर सकती है। ऐसे में उसे कोप्यूला क्रिया कहते हैं, जैसे- 
वह लड़का है। 
सहायक क्रिया
की परिभाषा
जो क्रिया वाक्य में मुख्य क्रिया की सहायता करती है, सहायक क्रिया कहलाती है। इसका प्रयोग लिंग (Gender), वचन (Number), पुरुष
(Person), काल (Tense)  या पक्ष (Aspect) आदि का
बोध कराने के लिए होता है।
उदाहरण:
- लड़का           पढ़
                    रहा है।
     
- मुख्य क्रिया       सहायक क्रिया : पुल्लिंग, एकवचन, वर्तमान
       काल, निरंतर पक्ष
- लड़के            पढ़                रहे हैं। 
- मुख्य क्रिया       सहायक क्रिया : पुल्लिंग, बहुवचन, वर्तमान
       काल, निरंतर पक्ष
- लड़की           पढ़
                    रही है।
     
- मुख्य क्रिया       सहायक क्रिया : स्त्रीलिंग, एकवचन, वर्तमान
       काल, निरंतर पक्ष
- लड़कियाँ                  पढ़
          रही हैं।
     
- मुख्य क्रिया       सहायक क्रिया : स्त्रीलिंग, बहुवचन, वर्तमान
       काल, निरंतर पक्ष
- लड़का           पढ़
                    रहा था।
     
- मुख्य क्रिया       सहायक क्रिया : पुल्लिंग, एकवचन, भूतकाल,
       निरंतर पक्ष
- लड़के            पढ़ते              थे। 
- मुख्य क्रिया       सहायक क्रिया : पुल्लिंग, बहुवचन, भूतकाल,
       सामान्य पक्ष
- लड़के            पढ़                चुके थे। 
- मुख्य क्रिया       सहायक क्रिया : पुल्लिंग, बहुवचन, भूतकाल,
       पूर्ण पक्ष
सहायक क्रिया
के उपयोग
सहायक क्रिया मुख्य क्रिया के साथ मिलकर विभिन्न
व्याकरणिक उद्देश्यों को पूरा करती है:
1.   
काल का बोध
कराने के लिए
o  
वह खाना खा रहा
है। (वर्तमान काल)
o  
वह स्कूल गया
था। (भूतकाल)
o  
वह बाजार
जाएगा। (भविष्यकाल)
2.   
वचन और लिंग
का बोध कराने के लिए
o  
वह पढ़ रहा है।
(एकवचन, पुल्लिंग)
o  
वे खेल रहे हैं।
(बहुवचन, पुल्लिंग)
सहायक क्रिया
के प्रकार
1. कालवाचक सहायक क्रिया
यह वाक्य में समय (काल) का बोध कराती है।
उदाहरण:
- है, था, थे, हैं, थे, रहे हैं, गया,
     जाएगा। 
- वह सो रहा है।
- वे काम कर रहे थे।
2. वृत्तिवाचक सहायक क्रिया
यह वाक्य में क्रिया के भाव (संभावना, इच्छा, या आज्ञा) का बोध कराती है।
उदाहरण:
- सकता, सकती, सकते, चाहिए।
     
- वह पढ़ सकता है।
- तुम्हें यह काम करना चाहिए।
3. संभावना सूचक सहायक क्रिया
यह वाक्य में निश्चितता का बोध कराती है।
उदाहरण:
- होगा, होगी, होंगे। 
- वह स्कूल गया होगा।
मुख्य क्रिया
और सहायक क्रिया में अंतर
| मुख्य
  क्रिया | सहायक
  क्रिया | 
| मुख्य क्रिया वाक्य द्वारा व्यक्त कार्य या स्थिति
  की सूचना को व्यक्त करती है। | सहायक क्रिया वाक्य को पूर्ण और व्याकरणिक बनाती
  है। | 
| उदाहरण: राम खाता है। | उदाहरण: राम खा रहा है। | 
| इसमें ‘खाने’ के कार्य की सूचना ‘खाता’
  द्वारा मिल रही है। जिसमें ‘खा’ मुख्य क्रिया है और ‘ता’ सहायक
  क्रिया प्रत्यय है। साथ ही ‘है’ सहायक
  क्रिया क भी प्रयोग किया गया है।  | इसमें भी ‘खाने’ का कार्य हो रहा है, किंतु
  ‘रहा है’ के प्रयोग से काल, लिंग, वचन आदि की सूचना जोड़ते हुए वाक्य को पूर्ण
  किया गया है।  | 
 
 
 
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