कंप्यूटर साधित भाषा अधिगम और कंप्यूटर साधित भाषा शिक्षण
(Computer assisted Language Learning and Computer
assisted Teaching : CALL and CALT)
डॉ. धनजी प्रसाद
भाषाविज्ञान एवं भाषा
प्रौद्योगिकी विभाग
म.गा.अं.हिं.वि., वर्धा
1. कंप्यूटर
साधित भाषा अधिगम (Computer-assisted Language Learning CALL)
भाषा सीखने की प्रक्रिया में कंप्यूटर का उपयोग करना या कंप्यूटर की सहायता से
भाषा सीखना CALL है। इसमें भाषायी
सामग्री और सहायक सामग्री कंप्यूटर में ही किसी न किसी रूप में संग्रहीत होती है
और शिक्षार्थी द्वारा उसका सुविधानुसार उपयोग किया जाता है। इसके निम्नलिखित दो
पक्ष हैं-
1.1 शिक्षार्थी द्वारा कंप्यूटर के माध्यम से स्वतः भाषा
अधिगम : इसका अर्थ है कि शिक्षार्थी
स्वयं किसी भाषा को सीखना चाह रहा है और उसके पास कंप्यूटर की सुविधा उपलब्ध है।
ऐसी स्थिति में वह पूर्णतः स्वतंत्र होता है तथा भाषा अधिगम की सामग्री हेतु केवल
कंप्यूटर पर आश्रित होता है। इस प्रकार का भाषा अधिगम तब अधिक सुगम होता है जब
शिक्षार्थी को उस भाषा का कुछ आधारभूत ज्ञान पहले से हो।
1.2 शिक्षण प्रक्रिया से जारी भाषा अधिगम में शिक्षार्थी
द्वारा कंप्यूटर का प्रयोग : इसका
अर्थ है कि शिक्षार्थी कहीं प्रवेश (admission)
लेकर शिक्षक की सहायता से भाषा रहा है और उसे कंप्यूटर की सहायता
प्राप्त हो रही है। इस स्थिति में शिक्षार्थी कंप्यूटर पर आश्रित तो नहीं होता है
किंतु कंप्यूटर उसके भाषा अधिगम को अधिक सरल, सुगम और
मनोरंजक बनाता है। कंप्यूटर का प्रयोग होने से शिक्षार्थी पुस्तकों के बोझ से बचता
है और उसे एक ही डिवाइस में अनेक प्रकार की चीजें प्राप्त हो जाती है।
उपर्युक्त दोनों ही परिस्थितियों में कंप्यूटर का प्रयोग करते हुए भाषा सीखना ‘कंप्यूटर साधित भाषा अधिगम’ है। इसमें कंप्यूटर का उपयोग दो प्रकार से किया जाता है-
(क) स्वतंत्र रूप से एक कंप्यूटर की सहायता से भाषा सीखना
(ख) भाषा प्रयोगशाला में कंप्यूटर का उपयोग करते हुए भाषा सीखना
ऐतिहासिक परिदृश्य-
(संदर्भ-http://wwwfunwithtechnology.blogspot.in/2010/06/about-calt-and-call-computer-assisted.html)
भाषा अधिगम और भाषा शिक्षण में कंप्यूटर का उपयोग 1960 के दशक में आरंभ हो
चुका था। तब से लेकर अब तक इस क्षेत्र में अनेक क्रांतिकारी परिवर्तन हो चुके हैं।
इसके मुख्यतः तीन चरण किए गए हैं -
(क) behaviorist CALL
(ख) communicative CALL
(ग) integrative CALL
इनमें से प्रत्येक चरण द्वारा विशेष तकनीकी और विशेष शिक्षण पद्धति का प्रयोग
किया गया है।
कंप्यूटर साधित भाषा अधिगम (Computer-assisted
Language Learning include) के प्रयोग कुछ महत्वपूर्ण कारक इस
प्रकार रहे हैं:
(क) Experiential Learning,
(ख) Motivation,
(ग) Enhance Student Achievement,
(घ) Authentic Materials For Study,
(ङ) Greater Interaction,
(च) Individualization,
(छ) Independence From A Single Source Of Information,
(ज) Global Understanding.
कंप्यूटर साधित भाषा अधिगम में आने वाली बाधाओं के निम्नलिखित वर्ग किए जा
सकते हैं-
(क) Financial Barriers,
(ख) Availability Of Computer Hardware And Software,
(ग) Technical And Theoretical Knowledge
(घ) Acceptance Of The Technology.
2. कंप्यूटर
साधित भाषा शिक्षण (Computer-assisted Language Teaching : CALT)
यह ‘कंप्यूटर साधित भाषा अधिगम’ का दूसरा पक्ष है। भाषा सीखाने की प्रक्रिया में कंप्यूटर का उपयोग करना
या कंप्यूटर की सहायता से भाषा सीखाना CALT है। इसमें भाषायी
सामग्री और सहायक सामग्री कंप्यूटर में ही किसी न किसी रूप में संग्रहीत होती है
और शिक्षक द्वारा उसका सुविधानुसार उपयोग किया जाता है। इससे शिक्षक को शिक्षण में
अत्यंत सुविधा हो जाती है। शिक्षण में कंप्यूटर के उपयोग के कुछ प्रमुख लाभ इस
प्रकार हैं-
(क) अंतरक्रियात्मकता (Interactivity)
(ख) शिक्षार्थी केंद्रित (Learner
Centered)
(ग) रोचकता (Appealingness)
(घ) प्रेरणा (Motivation)
(ङ) विस्तृत सामग्री (Wide-range
Material)
(च) सामग्री-विविधता (Diversity of Material)
(छ) त्वरित त्रुटि विश्लेषण (Immediate Error Analysis)
3. कंप्यूटर
साधित भाषा अधिगम और शिक्षण में शिक्षक की भूमिका
कंप्यूटर साधित भाषा अधिगम और शिक्षण में शिक्षक ही भाषा सीखाने का कार्य करते
हैं, किंतु कंप्यूटर होने से शिक्षण कार्य सरल
हो जाता है। इससे बार-बार अभ्यास कराना, किसी विदेशी भाषा के
होने पर उसकी ध्वनियों के वास्तविक उच्चारण को समझना और शिक्षार्थी के उच्चारण का
वास्तविक उच्चारण से मिलान करना आदि कार्य शिक्षक के लिए अत्यंत सहज होते हैं।
कंप्यूटर होने से चित्र,
ऑडियो-विडियो आदि का प्रयोग करके शिक्षक जीवंत रूप से भाषा शिक्षण का कार्य करता
है। इसी प्रकार कंप्यूटर में उपलब्ध शब्दकोशों में शब्द,
उनके अर्थ और प्रयोगों को समझना-समझाना सरल होता है।
भाषा प्रयोगशाला (Language Lab) के माध्यम से भाषा शिक्षण और अधिक सरल, रुचिकर तथा
सटीक हो जाता है। इसमें शिक्षक मुख्यतः निर्देशक की भूमिका में होता है।
4. कंप्यूटर
साधित भाषा अधिगम और शिक्षण में शिक्षार्थी की भूमिका
कंप्यूटर साधित भाषा अधिगम और शिक्षण में शिक्षार्थी केंद्र होता है। उसके पास
स्वयं कंप्यूटर या लैपटाप (या स्मार्टफोन) होने की स्थिति में वह सीखने की दृष्टि
से अत्यंत समृद्ध होता है। वह अपनी सुविधा के अनुसार कहीं भी और कभी भी अभ्यास कर
सकता है। वर्णमाला,
ध्वनियों का उच्चारण, शब्दों के अर्थ और प्रयोग, महत्वपूर्ण अथवा बार-बार प्रयुक्त होने वाले वाक्य आदि सदैव उसके पास
उपलब्ध होते हैं। इसके अलावा वह भाषायी सामग्री को ऑडियो-विजुअल रूप में भी सुन और
देख सकता है।
भाषा प्रयोगशाला की दृष्टि से भी कंप्यूटर साधित भाषा अधिगम और शिक्षण में
शिक्षक के साथ प्रत्यक्ष संलग्न (Direct attached) होता है। वह बिना किसी अन्य छात्र को प्रभावित किए अपनी बात शिक्षक तक
पहुँचा सकता है और शिक्षक का प्रत्युत्तर (Response) प्राप्त
कर सकता है। शिक्षक का किसी अन्य छात्र के साथ व्यस्त होने पर वह अपने कंप्यूटर का
उपयोग करते हुए स्वतः अध्ययन भी कर सकता है।
आगे पढ़ें-
आगे पढ़ें-
कंप्यूटर साधित भाषा शिक्षण/अधिगम (CALT/CALL) में सामग्री प्रकार
संदर्भ-सूची
·
Wilkenson, T. W., &
Sherman, T. M. (1996). Telecommunications-based distance
education: Who's doing what? Educational Technology, 21 (11),
54-59.
·
Zuboff, S. (1998). In the age of the smart machine. New York: Basic Books,
Inc.
प्रिय धनजी !
ReplyDeleteबधाई ! सुंदर ब्लॉग के लिए और उत्कृष्ट लेख के लिए !
बहुत-बहुत धन्यवाद मैडम
Deleteज्ञान से परिपूर्ण जानकारी ..
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteबहुत उपयोगी लेख हेतु सर आपको अशेष शुभकामनाएँ
ReplyDeleteआपका आभार
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर प्रयास है, इसे और भी समृध और सर गर्भित ; जैसे- और भी उदाहरण सहित और इमेज यानि चित्र के साथ
ReplyDeleteजिससे कम समय में ज्यादा सामग्री याद की जा सके
धन्यवाद श्रीमान