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Monday, October 17, 2022
सरकारी पत्रों के रूप
Saturday, October 15, 2022
मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में
BBC विशेष
मध्य प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई अब हिन्दी में भी की जा सकेगी. साथ ही मध्य प्रदेश देश का वो पहला राज्य होगा जहाँ हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई करवाई जाएगी.
हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई करवाने का मक़सद क्या है? ये कैसे करवाया जाएगा?
इसके जवाब में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग बताते हैं, "इसका मक़सद पढ़ाई को ग्रामीण क्षेत्रों और हिन्दी मीडियम से पढ़ने आने वाले छात्रों के लिए आसान बनाना है."
वह कहते हैं कि यह किसी भी तरह से अंग्रेज़ी में मेडिकल पढ़ाई का विकल्प नहीं है बल्कि छात्रों को एक ऐसा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना है, जिससे वो आसानी से विषय के बारे में समझ सकें.
विश्वास सारंग ने ही इस पूरे प्रोजक्ट की रूप रेखा तैयार की है. उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत उन्होंने फ़रवरी में एक मीटिंग करके की. पहले तो डॉक्टरों और शिक्षकों को इसे लेकर संदेह था लेकिन लगातार बैठक के बाद सभी इस प्रोजेक्ट के लिए जुट गए.
इस प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के तीन विषयों एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री की किताबों को हिन्दी माध्यम में किया गया है. लेकिन धीरे-धीरे इसे आगे के वर्षों के लिए भी लागू किया जाएगा.
तकनीकी शब्दों में नहीं किया गया बदलाव
जब विश्वास सारंग पूछा गया कि कहीं इससे ये न हो कि हिंदी विषय में पढ़ने वाले छात्रों अंग्रेज़ी वालों से पिछड़ जाएं तो उन्होंने बताया, "ऐसा मुमकिन ही नहीं है. क्योंकि तकनीकी शब्दों को नहीं बदला गया है. बस उसे देवनागरी में लिखा गया है ताकि छात्र उसे आसानी से पढ़, समझ सकें."
उन्होंने कुछ उदाहरण देते हुए बताया कि, "जैसे स्पाइनल कॉर्ड को देवनागरी में 'स्पाइनल कॉर्ड' लिखा गया है, उसे मेरूदंड नहीं लिखा गया है. तो कोशिश यही है कि छात्र विषय को अपनी भाषा में आसानी से समझ सकें. उसके साथ ही अंग्रेज़ी में भी लिखा होगा तो उसे समझने में आसानी होगी."
इस पूरे प्रयोग को मध्य प्रदेश सरकार देश में पहला प्रयोग बता रही है. वहीं उनका मानना है कि इससे दूसरे प्रदेशों में वहाँ की स्थानीय भाषाओं में भी बदलने का रास्ता खुलेगा.
इस पूरे प्रोजक्ट के लिए भोपाल के सरकारी गांधी मेडिकल कॉलेज में एक वॉर रूम स्थापित किया गया है. इसका नाम मंदार रखा गया, जहाँ पर प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के 97 डॉक्टर्स ने इस काम को अंजाम दिया है.
प्रोजेक्ट पर काम करने वाले डॉक्टरों का क्या है कहना?
वहीं इस विषय को तैयार करने वालें एक डॉक्टर दीपक शर्मा ने बताया कि यह काम चुनौतीपूर्ण था.
उन्होंने कहा, "इसे आसान काम तो नहीं कहा जा सकता है. कोशिश यही रही कि जो भी तकनीकी शब्द हैं, उनके साथ छेड़छाड़ न किया जाए और जो भी बदलाव किए जाएं वो पढ़ने वालों को आसानी से समझ आ जाएं."
डॉक्टर दीपक शर्मा ने कहा कि इस काम के लिए महीनों से वे और उनके साथी लगे रहे तब जाकर अब ये किताबें तैयार हो पाई हैं.
वहीं एक अन्य डॉक्टर रश्मि दवे शर्मा ने भी कहा कि काम तो मुश्किल था लेकिन अब जबकि इसकी शुरुआत हो गई है तो ये काम अब आगे ही बढ़ता जाएगा.
उन्होंने बताया, "तकनीकी शब्दों को नहीं बदला गया है. अगर उसे बदलते तो निश्चित तौर पर छात्रों को दिक्क़त आती. लेकिन इसमें सिर्फ़ उन्हें देवनागरी में लिखा गया है, जिसकी वजह से उन्हें समझने में आसानी होगी."
पूरा पढ़ें
https://www.bbc.com/hindi/india-63256348
Sunday, October 9, 2022
वेब पेज से मैटर कॉपी करना (Copy matter from webpage)
आज बहुत सी ऐसी वेबसाइट देखी जा सकती हैं, जिनमें दिए गए मैटर को हम कॉपी नहीं कर सकते, किंतु उनको भी कॉपी किया जा सकता है। इसके लिए राइट क्लिक करके save as करें और दूसरे application में खोलें। यदि राइट भी क्लिक नहीं हो रहा हो तो setting में जाकर JavaScript को disable करें।
काम हो जाने के बाद JavaScript को Enable करना न भूलें।
Sunday, October 2, 2022
Text Linguistics : The How and Why of Meaning (M.A.K. Halliday)
£30.00 / $39.95
Institutional
£350.00 / $700.00
Text Linguistics
The How and Why of Meaning
M.A.K. Halliday † [+]
University of Sydney (Emeritus)
Jonathan J. Webster [–]
City University of Hong Kong
Jonathan J. Webster is Professor,
Department of Chinese, Translation and Linguistics, and Director, The Halliday
Centre for Intelligent Applications of Language Studies at the City University
of Hong Kong. He is also the General Editor of the Equinox journal Linguistics and
the Human Sciences and the editor (with Ruqaiya Hasan and Christian
Matthiessen) of the two volume Continuing Discourse on Language: A Functional
Perspective (Equinox, 2007).
Whether prose or poetry, how does
a text come to mean what it does? A functional-semantic approach to text
analysis, such as is illustrated in this book, offers a revealing look at the
resources of language at work in the creation of meaning, and a unique
perspective on the text as object of study. Believing the best way to learn about
text linguistics is through the analysis of full texts, the authors include
analyses of texts, both spoken and written, drawn from a variety of genres,
including examples of religious and political discourse. In the first section,
the authors provide an overview suitable to those who are new to the theory and
methodology of Systemic Functional Grammar and Rhetorical Structure Theory.
Building on this foundation, section two presents the findings from several
case studies in text analysis, demonstrating how to conduct indepth
functional-semantic analysis of selected texts. This second section will
benefit both beginners and those who have already had some background in the
study of linguistics. Text Linguistics is the ideal choice for those who are
learning about text linguistics, and functional approaches to language study.
Table of Contents
Preliminaries
Part One: A functional approach
Part Two: Text and texture
Part Three: Case studies in text linguistics
End Matter