भाषाविज्ञान और क्षेत्र भाषाविज्ञान
क्षेत्र भाषाविज्ञान अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान की एक शाखा है, जिसका उद्देश्य कम ज्ञात अथवा विलुप्तप्राय भाषाओं का अध्ययन
करना और उनकी भाषिक सामग्री का संकलन करते हुए उनके शब्दकोश, व्याकरण आदि का निर्माण करना है। इसके लिए उसे भाषा के
स्वाभाविक या प्राकृतिक स्वरूप में अर्थात समाज या समुदाय में जाकर प्रत्यक्ष विधि
से डाटा को संकलित किया जाता है और उसका विश्लेषण करते हुए भाषा के विविध स्तरों- ‘स्वनिम, रूपिम, शब्द/पद, पदबंध, उपवाक्य, वाक्य और अर्थ’ पर उसका विश्लेषण करते हुए उसे
भाषा की ध्वनि व्यवस्था, शब्द व्यवस्था, व्याकरण और शब्दकोश आदि का निर्माण किया जाता है। इसका
उद्देश्य कम ज्ञात अथवा विलुप्तप्राय हो रही भाषाओं की भाषायी ज्ञान सामग्री का संकलन, संरक्षण करना और इसके माध्यम से उन भाषाओं के पुनरुद्धार
का प्रयास करना है।
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