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Saturday, December 27, 2025

स्वर ध्वनियों का वर्गीकरण (Classification of Vowel Sounds)

 

हिंदी में स्वर ध्वनियों का वर्गीकरण मुख्य रूप से तीन आधारों पर किया गया है-

1.    जिह्वा की ऊँचाई (Tongue's Height)

2.    जिह्वा की स्थिति (Tongue's Position)

3.    होठों की आकृति (Lip's Rounding)

1.    जिह्वा की ऊँचाई (Tongue's Height) -  जिह्वा की ऊँचाई के आधार पर स्वरों को चार वर्गों में विभक्त किया गया है- संवृतअर्ध संवृतअर्ध विवृत और विवृत।

§  संवृत (Close) - जिन स्वरों के उच्चारण में जिह्वा सबसे अधिक ऊपर उठती हैऔर मुख में सबसे कम स्थान खुला रहता हैसंवृत स्वर कहलाते हैं। ईउ संवृत स्वर हैं।

§  अर्धसंवृत (Semi-close) - जिन स्वरों के उच्चारण में जिह्वा थोड़ा कम ऊपर उठती है और मुखविवर संवृत से थोड़ा कम खुला होता है, अर्ध संवृत स्वर कहलाते हैं। ए और ओ अर्ध संवृत स्वर हैं।

§  अर्धविवृत (Semi-open) - जिन स्वरों के उच्चारण में जिह्वा अर्धसंवृत से कम ऊपर उठती है और मुखविवर में वायु मार्ग खुला रहता है, अर्ध विवृत स्वर कहलाते हैं। अऐ और औ अर्धविवृत स्वर हैं।

§  विवृत (Open) - जिन स्वरों के उच्चारण में जिह्वा मध्य में स्थित होती है और मुखविवर पूरा खुला रहता है , ऐसे उच्चरित स्वर को विवृत कहते हैं। ‘’ विवृत स्वर है।

2.  जिह्वा की स्थिति (Tongue's Position) - किसी स्वर के उच्चारण में जिह्वा की स्थिति के आधार पर स्वरों के तीन भेद किए जाते हैं -

§  अग्रस्वर (Front Vowels) - जिन स्वरों के उच्चारण में जिह्वा का अग्रभाग सक्रिय होता हैअग्रस्वर कहलाते हैं। हिंदी में इअग्रस्वर हैं।

§  मध्य स्वर (Central Vowels) - जिन स्वरों के उच्चारण में जिह्वा का मध्य भाग सक्रिय होता हैमध्य स्वर कहलाते हैं। हिंदी में ‘’ मध्य स्वर है।

§  पश्चस्वर (Back Vowels) - जिन स्वरों के उच्चारण में जिह्वा का पश्च भाग सक्रिय होता हैपश्च स्वर कहलाते हैं। हिंदी में ऊ,,,एवं आ पश्च स्वर हैं।

3. होंठो की आकृति (Lip's Rounding) - किसी स्वर के उच्चारण में होठों की आकृति के आधार पर स्वरों को दो वर्गों में रख सकते हैं - 1. गोलीय 2. अगोलीय

§  गोलीय (Rounded) – इन स्वरों के उच्चारण में होंठ की स्थिति गोलाकार होती है,ऑ (अंग्रेजी से आगत) गोलीय स्वर हैं।

§  अगोलीय (Unrounded) – इन स्वरों के उच्चारण में होंठ की स्थिति गोलाकार नहीं होती। अए और ऐ अगोलीय स्वर हैं।

हिंदी के दस स्वरों का स्वानिक रूप चार्ट के माध्यम से इस प्रकार दिखाया जा सकता है -



(स्रोत : हिंदी की ध्वनि संरचना, डॉ. अनिल कुमार पाण्डेय)

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