आभ्यंतर : लोक, भाषा, विश्व साहित्य और समकालीन वैचारिकि का मंच; वर्ष-01, अंक : 02, जनवरी-2017
ISSN: 2348-7771, संपादक : कुमार विश्वमंगल पाण्डेय, जहाँगीरपुरी दिल्ली
डॉ. धनजी प्रसाद , सहायक प्रोफेसर, (भाषा-प्रौद्योगिकी)
महात्मा गांधी
अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र)
dhpr.langtech@gmail.com
1. परिचय
आज के समय में इंटरनेट हमारे तकनीकी
जीवन का आधार है। पाठ, चित्र के अलावा ऑडियो-विजुअल सामग्री में असीमित मात्रा में आज इंटरनेट
पर उपलब्ध है। किसी भी प्रकार की जानकारी या ज्ञान की आवश्यकता होने पर हम तुरंत
इंटरनेट खोलते हैं और उसे प्राप्त कर लेते हैं। इंटरनेट हमारे जीवन में
ज्ञान-विज्ञान, प्रचार-प्रसार और सूचनाओं के त्वरित विस्तारण
का माध्यम बन चुका है। इसलिए आज किसी भी देश या समाज की तकनीकी प्रगति बहुत हद तक
इस बात पर निर्भर करती है कि वह इंटरनेट से कितना जुड़ा हुआ है या इंटरनेट का वहाँ
कितना विस्तार है। यह बात भाषा के संदर्भ में भी उतनी ही सत्य है। आज किसी भी भाषा
के प्रयोग और विस्तार को बढ़ाने के लिए उस भाषा में इंटरनेट पर सामग्री उपलब्ध होना
अतिआवश्यक है।
हिंदी भारत की राजभाषा है। पिछले कुछ
दशकों में हिंदी को तकनीकी के क्षेत्र में अग्रणी भाषा के रूप में स्थापित करने के
लिए अनेक प्रकार के संस्थागत और व्यक्तिगत प्रयास किए गए हैं। भारत में कंप्यूटर
क्रांति के बाद इंटरनेट क्रांति आज के समय की माँग है। भारत के वर्तमान
प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी द्वारा भी ‘डिजिटल इंडिया’ के रूप
में तकनीकी साधनों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिनमें इंटरनेट
सर्वोपरि है। इंटरनेट का वास्तविक अर्थों में भारत में विस्तार तभी हो सकेगा, जब इंटरनेट पर हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में अधिकाधिक सामग्री उपलब्ध
हो सकेगी। इसलिए आज यह जानना नितांत आवश्यक है कि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में
कितनी और किस प्रकार की सामग्री इंटरनेट पर उपलब्ध है। इसी का ध्यान रखते हुए
व्यक्तिगत स्तर पर हिंदी में ऑनलाइन उपलब्ध सामग्री का एक सर्वेक्षण करके प्रमुख
वेबसाइटों और उन पर उपलब्ध सामग्री के बारे में प्रस्तुत आलेख में चर्चा की जा रही
है। इसे निम्नलिखित शीर्षकों में प्रस्तुत किया जा रहा है-
भाषा और साहित्य, हिंदी विकिपेडिया, स्वास्थ्य और चिकित्सा, मीडिया (समाचार चैनल और समाचार
पत्र), मनोरंजन (सिनेमा और गीत)
2. भाषा और साहित्य
इंटरनेट ज्ञान को संग्रहित करने एवं
प्राप्त करने का आज सबसे बड़ा भंडार है। यहाँ पर भी हिंदी ने प्रभावशाली दस्तकत दी
है। आज हिंदी के लाखों ब्लॉग एवं
वेबसाइटें हैं। ब्लॉग एवं वेबसाइटों के अतिरिक्त धीरे-धीरे हिंदी के बहुत सारे
भाषिक टूल भी इंटरनेट पर ऑनलाइन उपलब्ध हो गए है; जैसे: हिंदी के ई-कोश, हिंदी शब्द-तंत्र (Hindi WordNet) एवं हिंदी
साहित्य तथा ज्ञान विज्ञान से संबंधित ई-लाइब्रेरी आदि। इन सभी की उपलब्धता आधुनिक
युग में हिंदी को नई ऊँचाई प्रदान कर रही है। इंटरनेट पर केवल हिंदी ही नहीं बल्कि
अनेक भारतीय भाषाओं के लिए ऑनलाइन शब्दकोश उपलब्ध कराने वाली वेबसाइटें हैं। इस
प्रकार भिन्न-भिन्न प्रकार की सामग्री और साहित्य उपलब्ध कराने वाली वेबसाइटें भी
हैं। उदाहरण के लिए कुछ वेबसाइटों को देख सकते हैं-
2.1 http://www.hindisamay.com/ : यह महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा का एक बृहद
प्रयास है। जिसमें हिंदी के प्रमुख साहित्यकारों की रचनाओं की सामग्री लगभग पाँच
लाख पृष्ठों में उपलब्ध है और आगे भी कार्य निरंतर जारी है। हिंदी के विविध
रचनाकारों को इसमें वर्णानुक्रम में उनके नाम के अनुसार खोजा जा सकता है, अथवा हिंदी साहित्य के विविध क्षेत्रों के लिए दिए गए टैबों को क्लिक
करके भी आवश्यक सामग्री प्राप्त की जा सकती है-
आज देश-विदेश में लाखों लोगों द्वारा
हिंदी सीखने और सीखाने के लिए इसका प्रयोग किया जा रहा है।
2.3 http://bharatdiscovery.org/india/मुखपृष्ठ : भारत की साहित्यिक और सांस्कृतिक
थाती को सहेजता हुआ यह एक उल्लेखनीय प्रयास है। इसमें भारत के इतिहास, पर्यटन, साहित्य, धर्म, संस्कृति, दर्शन आदि से जुड़ी विशाल सामग्री एक ही स्थान पर प्राप्त हो जाती है-
2.4 http://kavitakosh.org/kk/कविता_कोश_मुखपृष्ठ : हिंदी और उसकी बोलियों के लोक
साहित्य को सहेजने की दृष्टि से यह भी एक बड़ा संकलन है। इसमें हिंदी की अनेक
सहभाषाओं और बोलियों के लोक साहित्य को देखा और पढ़ा जा सकता है-
2.5 http://www.hindikunj.com/ : यह भी हिंदी साहित्य और व्याकरण संबंधी ज्ञान के लिए एक उत्तम स्रोत है। वैसे इस वेबसाइट पर व्याकरण संबंधी ज्ञान बहुत कम है, किंतु साहित्यिक सामग्री पर्याप्त मात्रा में है-
इसी प्रकार इंटरनेट पर करोड़ों वेबसाइटें
हैं जहाँ प्रत्येक विषय से संबंधित ज्ञान विशाल मात्रा में उपलब्ध है। यद्यपि यहाँ
भी अंग्रेजी का वर्चस्व है किंतु इसके बावजूद विभिन्न विषयों से जुड़े ज्ञान का
पर्याप्त भंडार इंटरनेट पर हिंदी में भी देखा जा सकता है जो कंप्यूटर, तकनीकी और सूचना
प्रौद्योगिकी के सभी पक्षों से संबंधित हैं। इन्हें गूगल सर्च या वेबसाइट के नाम
से खोजा जा सकता है।
3. हिंदी विकिपीडिया
हिंदी विकिपीडिया, विकिपीडिया का हिंदी भाषा का संस्करण है,
जिसका स्वमित्व
विकिमीडिया संस्थान के पास है। हिंदी संस्करण जुलाई 2003 में आरम्भ किया गया था,
और 31 अगस्त 2011 तक इसमें 1,0,013 से अधिक वैध लेख और लगभग 51,220 से अधिक पंजीकृत सदस्य हैं। इसी दिन यह
एक लाख लेखों का आँकड़ा पार करने वाला प्रथम भारतीय भाषा विकिपीडिया बना।–
4. स्वास्थ्य और चिकित्सा
चिकित्सा (medical) एक ऐसा क्षेत्र
है जिसका कामकाज सामान्यतः अंग्रेजी में ही होता है। यह सभी प्रकार के लोगों की
मूल आवश्यकता है। इसलिए इससे संबंधित सामग्री का आम आदमी की भाषा में होना नितांत
आवश्यक है। वर्तमान में हिंदी में अनेक वेबसाइटें हैं, जिन
पर भिन्न-भिन्न प्रकार के रोगों और उनकी चिकित्सा संबंधी जानकारियाँ उपलब्ध हैं।
उदाहरण के लिए कुछ को देखा जा सकता है-
4.1 http://jkhealthworld.com/hindi/ : इस वेबसाइट पर आयुर्वेद, होम्योपैथ, प्राकृतिक चिकित्सा और हेल्थ से जुड़े अनेक क्षेत्रों की जानकारियाँ सरल
भाषा में उपलब्ध हैं। अतः यह वेबसाइट विभिन्न प्रकार के रोगों और उनके इलाजों के
बारे में हिंदी माध्यम से उपलब्ध कराते हुए चिकित्सा के क्षेत्र में हिंदी को
संपन्न बनाने का कार्य कर रही है-
4.2 http://www.onlymyhealth.com/hindi.html : हमारी वर्तमान जीवनशैली के कारण होने
वाली प्रमुख बिमारियों और विभिन्न गंभीर रोगों, जैसे- अर्थराइटिस,
कैंसर, डायबिटीज, बी.पी., थायराइड, माइग्रेन आदि के बारे में और उनके इलाज
में जानने के लिए यह एक उपयुक्त वेबसाइट है। साथ ही इस पर डाइट और फिटनेस, हेयर और ब्यूटी, गर्भावस्था और परवरिश संबंधी
महत्वपूर्ण बातें भी दी गई हैं। इसी प्रकार कुछ अन्य वेबसाइटों को भी देखा जा सकता
है-
इसी प्रकार विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के
ऑनलाइन वर्जन पर हेल्थ से संबंधित एक लिंक रहता है, जहाँ स्वास्थ्य और चिकित्सा संबंधी विभिन्न
जानकारियाँ प्राप्त की जा सकती हैं।
5. मीडिया (समाचार चैनल और समाचार पत्र)
मीडिया के क्षेत्र में हिंदी का स्थान
बहुत ही उन्नत है। हिंदी माध्यम से अनेक समाचार चैनल और समाचार पत्र संपूर्ण भारत
में चल रहे हैं। आज ये सभी हिंदी समाचार चैनल और समाचार पत्र ऑनलाइन भी उपलब्ध
हैं। उदाहरण के लिए कुछ समाचार चैनलों के लिंक इस प्रकार हैं-
·
khabar.ndtv.com/
·
aajtak.intoday.in/
·
abpnews.abplive.in/india-news/
·
khabar.ibnlive.com/
·
zeenews.india.com/hindi/india
·
www.newsnation.in/livevideo
इसी प्रकार समाचार पत्रों के भी लिंक
देखे जा सकते हैं-
·
navbharattimes.indiatimes.com/
·
www.amarujala.com/
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध होने के कारण
अब समाचार पत्रों के पास यह बाध्यता नहीं रही कि समाचारों को अगले दिन ही दिखाएँ।
जैसे ही कोई घटना घटित होती है, अपने वेबपेज पर वे तुरंत अपडेट कर देते हैं और बाद में अगले
दिन के अखबार में छपती है। इससे वे इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ कदम-से-कदम मिलाकर
चल रहे हैं।
6. मनोरंजन (सिनेमा और गीत)
हिंदी के अंतरराष्ट्रीय प्रचार-प्रसार
में हिंदी सिनेमा का बहुत बड़ा योगदान रहा है। आरंभ से हिंदी फिल्में और गीत
विदेशियों को अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं। इस कारण बहुत से विदेशिओं ने प्रेरित
होकर हिंदी सीखने में दिलचस्पी दिखाई। पहले इन फिल्मों और गीतों को संपूर्ण विश्व
में पहुँचाना एक चुनौती भरा कार्य रहा है। इंटरनेट के आगमन के पश्चात यह समस्या
खत्म हो गई। अब हम घर बैठे किसी भी फिल्म अथवा गीत को अपलोड और डाउनलोड कर सकते
हैं। इस कारण हिंदी के विस्तार में अधिक गति आई है। आज हिंदी फिल्मों और गीतों के
लिए अनेक वेबसाइटें उपलब्ध हैं। उदाहरणस्वरूप कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं-
हिंदी फिल्में देखने या डाउनलोड करने
हेतु-
हिंदी गीत देखने या डाउनलोड करने हेतु –
7. उपसंहार
इस प्रकार, वर्तमान समय में
इंटरनेट पर हिंदी में विविध प्रकार की सामग्री बहुत अधिक मात्रा में उपलब्ध है।
इससे हिंदी आधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलना संभव हो सका है। आज
विश्व के किसी भी कोने में हम घर बैठे हिंदी में भाषा और साहित्य, स्वास्थ्य और चिकित्सा, समाचार और मनोरंजन संबंधी
बिना किसी अवरोध के प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा ज्ञान-विज्ञान और
प्रौद्योगिकी संबंधी सामग्री भी प्रचुर मात्रा में ऑनलाइन उपलब्ध है। इसके लिए
हजारों या लाखों की संख्या में वेबसाइटें तो हैं ही यू-ट्यूब आदि पर ऑडियो-विजुअल
सामग्री में पर्याप्त मात्रा में देखी जा सकती है। यद्यपि यह सामग्री बहुत अधिक
होते हुए भी विश्व अन्य प्रमुख भाषाओं, जैसे- अंग्रेजी आदि
के सामने बहुत कम दिखाई पड़ती है। फिर भी ऑनलाइन हिंदी में उपलब्ध सामग्री की विशाल
मात्रा को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि शुरुआत अच्छी है,
बस आवश्यकता है और अधिक मनोयोग से लगकर इसे समृद्ध करने की तथा जन-जन तक पहुँचाने
की।
बधाई !
ReplyDeleteबधाई
ReplyDeleteव्यवस्थित प्रस्तुति के लिए बधाई
ReplyDeleteधन्यवाद।
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