Total Pageviews

Wednesday, August 30, 2023

प्रोक्ति विश्लेषण के प्रकार (Types of Discourse Analysis)

 प्रोक्ति विश्लेषण

 किसी प्रोक्ति का किया जाने वाला विश्लेषण प्रोक्ति विश्लेषण कहलाता है। प्रोक्ति विश्लेषण  भाषाविज्ञान का एक महत्वपूर्ण अंग है यह सैद्धांतिक भाषाविज्ञान की शाखा है जो एक ओर वाक्यविज्ञान तथा अर्थविज्ञान तो दूसरी ओर प्रकरर्णार्थविज्ञान (Pragmatics) से जुड़ी हुई है। 

 प्रोक्ति विश्लेषण के प्रकार

चूँकि प्रोक्ति एक बड़ी इकाई होती है जिसमें अनेक प्रकार की वाक्य रचनाओंभाषिक तत्वोंअभिव्यक्तिसंदर्भसर्जना और मंतव्य से संबंधित पक्ष समाहित होते हैं, इस कारण प्रोक्ति विश्लेषण एक अत्यंत ही जटिल कार्य है। किसी एक ही प्रोक्ति में अनेक प्रकार के तत्वों का समावेश होता है। यही कारण है कि किसी एक ही प्रोक्ति का विश्लेषण अनेक दृष्टियों से किया जा सकता है। इस आधार पर विचार किया जाए तो प्रोक्ति विश्लेषण के मुख्यतः दो प्रकार किए जा सकते हैं-

 (क) सैद्धांतिक प्रोक्ति विश्लेषण 

(ख) अनुप्रयुक्त प्रोक्ति विश्लेषण

 

 आगे इन्हें संक्षेप में समझते हैं -

(क)  सैद्धांतिक प्रोक्ति विश्लेषण 

इसके अंतर्गत मुख्य रूप से प्रोक्ति विश्लेषण से संबंधित सैद्धांतिक कार्य आते हैंजैसे-  पाठ विश्लेषण,  संदर्भों का वर्गीकरण और विश्लेषणकिसी प्रोक्ति की पाठपरकता (Textuality) वाक घटनाएं और वाक कार्य (Speech Acts) आदि ।

इसके साथ ही वास्तविक प्रोक्तियों के रचनात्मक भाषिक और आर्थी तत्वों का विश्लेषण भी इसमें रखा जा सकता हैजैसे- 'गायशब्द  का  संपूर्ण संप्रेषणात्मक अर्थ अपने आप में एक प्रोक्ति है जिसकी अभिव्यक्ति हम 'गायविषय पर निबंध लिखते हुए करते हैं। गाय विषय पर निबंध लेखन की प्रक्रिया अथवा लिखने के उपरांत आए हुए उसमें तत्वों के परस्पर संबंधों का विश्लेषण सैद्धांतिक प्रोक्ति विश्लेषण का कार्य है ।

(ख) अनुप्रयुक्त प्रोक्ति विश्लेषण

इसके अंतर्गत उद्देश्य अथवा किसी विशिष्ट दृष्टिकोण के आधार पर किए जाने वाले प्रोक्ति विश्लेषण से संबंधित कार्य आते हैं। इसके कुछ वर्ग इस प्रकार से किए जा सकते हैं-

§  ऐतिहासिक प्रोक्ति विश्लेषण

§  राजनीतिक  प्रोक्ति विश्लेषण

§  सामाजिक प्रोक्ति विश्लेषण

§  समालोचनात्मक प्रोक्ति विश्लेषण 

इनमें से समालोचनात्मक प्रोक्ति विश्लेषण (Critical Discourse Analysis-CDA) की चर्चा आगे विस्तार से की जाएगी । इसके बारे में पढ़ने के लिए इसे क्लिक करें‌-

समालोचनात्मक प्रोक्ति विश्लेषण 

No comments:

Post a Comment