भाषावैज्ञानिक और मनोभाषावैज्ञानिक मॉडलों
के परीक्षण के लिए न्यूरोभाषाविज्ञान में मस्तिष्क चित्रण पद्धतियों का उपयोग किया
जाता है। इन पद्धतियों को मुख्यतः दो वर्गों में रखा जा सकता है:
(क) रक्तसक्रिय/हीमोडायनेमिक (hemodynamic)
(ख) विद्युतदैहिक/इलेक्ट्रोफिजिओलोजिकल (electrophysiological)
(क) हीमोडायनेमिक (hemodynamic):- मस्तिष्क चित्रण की यह तकनीक इस तथ्य के
आधार पर कार्य करती है कि जब मस्तिष्क का कोई विशिष्ट भाग किसी कार्य को करता है तो
उस क्षेत्र में ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए रक्त भेज दिया जाता है। मस्तिष्क में होने
वाली इस प्रकार की क्रियाओं के दौरान परीक्षण से प्राप्त संकेतों और चित्रों को Blood Oxygen
Level-Dependent (BOLD) रिस्पांस कहा गया है। PET
(Poistron Emission Tomography), और FMRI (Functional
Magnetic Resonance Imaging) आदि तकनीकों द्वारा इस प्रकार का परीक्षण
किया जाता है।
(ख) इलेक्ट्रोफिजिओलोजिकल (electrophysiological):- इलेक्ट्रोफिजिओलोजिकल तकनीकों
में इस बात (तथ्य) को आधार बनाया जाता है कि जब न्यूरानों का समूह एक साथ छूटता है
तब वे एक विद्युतिक द्विध्रुव (electric dipole) या धारा का निर्माण
करते हैं। EEG (Electroen cephalography) और MEG (Magnetoencephalography) इसकी दो प्रमुख तकनीकें हैं।
ईईजी में खोपड़ी पर लगे इलेक्ट्रोडों की सहायता से मस्तिष्क के विद्युत क्षेत्रों को
मापा जाता है और MEG में मस्तिष्क के प्रक्षेत्र की विद्युतिक
गतिविधि (electrical activity) द्वारा निर्मित चुम्बकीय क्षेत्रों
का मापन अतिसंवेदनशील युक्तियों (extremely sensitive devices) द्वारा किया जाता है।
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