Total Pageviews

Tuesday, November 12, 2024

भाषा प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम सूचना

 भारत सरकार, शिक्षा मंत्रालय के *स्वयं (SWAYAM)* पोर्टल में *भाषा प्रौद्योगिकी का परिचय*  बहुविषयी हिंदी माध्यम पाठ्यक्रम का *जनवरी,  2025 सत्र में प्रवेश पाने के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हुई है* ।  

यह निः शुल्क पाठ्यक्रम है।  15 सप्ताह (13 जनवरी से 30 अप्रैल 2025 तक) के इस पाठ्यक्रम में कुल 48 पाठ हैं और इसके लिए निर्धारित क्रेडिट 5 हैं।  पाठ्य-सामग्री (वीडियो व पाठ तथा अन्य) अध्ययनार्थ दि. 13 जनवरी 2025 से  उपलब्ध हो जाएगी।  पंजीकरण के लिए कोई शुल्क निर्धारित नहीं है। 

इसमें स्नातक व स्नातकोत्तर छात्रों के अलावा अद्यतन ज्ञान हासिल करने के लिए शिक्षक, व्यवसायी, कोई भी उत्साही शामिल हो सकते हैं।

 इस *निःशुल्क ऑनलाइन पाठ्यक्रम* में आप अभी शामिल हो सकते हैं। पंजीकरण के लिए  आपका हार्दिक स्वागत है। 

 *पंजीकरण लिंक:* 

https://onlinecourses.swayam2.ac.in/cec25_lg04/preview

स्रोत : सोशल मीडिया से प्राप्त

Sunday, November 10, 2024

प्रभेदक लक्षण (Distinctive features)

 प्रभेदक लक्षण (Distinctive features)

 वह लक्षण या विशेषता जिसके आधार पर दो ध्वनियाँ भिन्न-भिन्न हो जाती हैं या दो ध्वनियों के बीच अंतर बताया जा सकता है, प्रभेदक लक्षण कहलाती है।

 उदाहरण 

प्राणत्व (Aspiration)

 इसका अर्थ है- किसी ध्वनि के उच्चारण में लगने वाले वायु की मात्रा। इस आधार पर दो भेद किए जा सकते हैं-

 अल्पप्राण                  महाप्राण 

(unaspirated)    (aspirated)

     क ख           ग घ

Friday, November 8, 2024

निपात (Particle)

 निपात (Particle)

शब्दों या पदबंधों के साथ लगकर अतिरिक्त सूचना देने वाले शब्द निपात कहलाते हैं। हिंदी में मूलतः तीन निपात हैं- ही, भी, तो।

§  ही का प्रयोग बल देने के लिए किया जाता है। वाक्य में जिस शब्द या पदबंध के बाद इसका प्रयोग होता है, वह निश्चित हो जाता है।

§  भी का प्रयोग अतिरिक्त का भाव देने के लिए किया जाता है। वाक्य में जिस शब्द या पदबंध के बाद इसका प्रयोग होता है, वह वाक्य के अर्थ में अतिरिक्त घटक के रूप में जुड़े होने का भाव प्रस्तुत करता है।

§  तोका प्रयोग विशेष रूप से दर्शाने या प्रस्तुत करने के लिए किया जाता है। जिस पद के साथ इसका प्रयोग होता है, उसकी विशिष्ट अभिव्यक्ति होती है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो इसका प्रयोग फोकस (focus) बढ़ाने के लिए किया जाता है।

उदाहरण :

हीनिपात का प्रयोग :

(मूल वाक्य)

§  माताजी ने बाजार से बच्चों के लिए मिठाई खरीदी।

(निपात योग से निर्मित वाक्य)

§  माताजी ने ही बाजार से बच्चों के लिए मिठाई खरीदी।

§  माता जी ने बाजार से ही बच्चों के लिए मिठाई खरीदी।

§  माताजी ने बाजार से बच्चों के लिए ही मिठाई खरीदी।

§  माताजी ने बाजार से बच्चों के लिए मिठाई ही खरीदी।

भीनिपात का प्रयोग :

(मूल वाक्य)

§  माताजी ने बाजार से बच्चों के लिए मिठाई खरीदी।

(निपात योग से निर्मित वाक्य)

§  माताजी ने भी बाजार से बच्चों के लिए मिठाई खरीदी।

§  माता जी ने बाजार से भी बच्चों के लिए मिठाई खरीदी।

§  माताजी ने बाजार से बच्चों के लिए भी मिठाई खरीदी।

§  माताजी ने बाजार से बच्चों के लिए मिठाई भी खरीदी।

तोनिपात का प्रयोग :

(मूल वाक्य)

§  माताजी ने बाजार से बच्चों के लिए मिठाई खरीदी।

(निपात योग से निर्मित वाक्य)

§  माताजी ने तो बाजार से बच्चों के लिए मिठाई खरीदी।

§  माता जी ने बाजार से तो बच्चों के लिए मिठाई खरीदी।

§  माताजी ने बाजार से बच्चों के लिए तो मिठाई खरीदी।

§  माताजी ने बाजार से बच्चों के लिए मिठाई तो खरीदी।

और पढ़ें-

नकारात्मक निपात (Negative Particles)

नकारात्मक निपात (Negative Particles)

 नकारात्मक निपात (Negative Particles)

 , नहीं, मतको नकारात्मक निपात के रूप में रखा गया है। इनमें से का प्रयोग ध्यान देने लायक है-

का प्रयोग वाक्य में दो रूपों में होता है- नकारात्मक अर्थ में और वाक्य के अंत में। वाक्य के बीच में आने पर निपात निषेध’ (negation) का भाव देता है। वाक्य के अंत में का प्रयोग होने पर यह वक्ता द्वारा श्रोता से सूचना निश्चित (confirm) किए जाने संबंधी पूछने का अर्थ देता है।

उदाहरण :

§  तुम घर जाओगे न।

§  आज मेरा काम हो जाएगा न।

§  आप अगले साल तक यहां रहेंगे न।

§  अब तो मेरी बात मान गए न।

उपर्युक्त वाक्यों में हम देख सकते हैं कि का प्रयोग वाक्य के अंत में हुआ है। इसके माध्यम से वक्ता श्रोता से सूचना को निश्चित (कंफर्म) करना चाह रहा है। के प्रयोग से बनने वाले सभी वाक्य प्रश्नवाचक ही होते हैं।

नकारात्मक निपातों में से नहीं का प्रयोग सभी प्रकार के वाक्यों में होता है-

उदाहरण :

§  वह घर नहीं जा रहा है।

§  तुम आम नहीं खाओगे।

§  तुम आम नहीं खाओ।

§  इतना भी खराब मौसम नहीं है!

मतऔर नकारात्मक अर्थ में का प्रयोग केवल आदेशात्मक वाक्यों में होता है-

उदाहरण :

§  तुम आम नहीं खाओ।

§  तुम आम मत खाओ।

§  तुम आम न खाओ।