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Wednesday, October 29, 2025

लघु अवधि कार्यक्रम/ संकाय संवर्धन कार्यक्रम (Short Term Program/ Faculty Development Program)

यूजीसी – मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी), केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा द्वारा एक सप्ताह के लघु अवधि कार्यक्रम/ संकाय संवर्धन कार्यक्रम (Short Term Program/ Faculty Development Program) का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है, जिसका विवरण निम्नानुसार है -
विषय : भारतीय भाषा परिवार : अधुनातन आयाम
अवधि : 24 से 29 नवंबर 2025
नोट:
1. यह एक ऑफलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसे केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा में आयोजित किया जाएगा।
2. भाषाविज्ञान, हिंदी भाषा और विविध भाषाओं के भाषा शिक्षक इसमें सहभागिता हेतु आमंत्रित हैं।
3. इस कार्यक्रम में पंजीकरण निःशुल्क है।
4. यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के कैरियर प्रोन्नति योजना के लिए मान्य होगा।
5. कार्यक्रम में प्रतिभागियों को यूजीसी के नियमानुसार भत्ते एवं सुविधाएँ देय होंगे।
आप सभी से अधिकाधिक सहभागिता का अनुरोध है। कार्यक्रम से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए क्यूआर कोड के माध्यम से व्हाट्सएप समूह से जुड़ सकते हैं।
(प्रो. धनजी प्रसाद) : निदेशक, एमएमटीटीसी



 

Wednesday, October 22, 2025

पुनरुक्ति (Reduplication) द्वारा शब्द निर्माण

      जब किसी शब्द को ज्यों का त्यों या थोड़ा परिवर्तन करके दोहराया जाता है और उससे नया अर्थ या भाव उत्पन्न होता है, तो उसे पुनरुक्ति द्वारा शब्द निर्माण कहा जाता है। उदाहरण: घर-घर, दिन-दिन, धीरे-धीरे, बात-वात, मीठा-मीठा, चलो-चलो आदि।

पुनरुक्ति के प्रमुख प्रकार

क्रम

प्रकार

विवरण

उदाहरण

1.

पूर्ण (Full) पुनरुक्ति

एक ही शब्द को ज्यों का त्यों दोहराया जाता है।

धीरे-धीरे, दिन-दिन, घर-घर

2.

आंशिक (Partial) पुनरुक्ति

दूसरे शब्द में थोड़ा परिवर्तन किया जाता है (ध्वनि या रूप में)।

चाय-वाय, रंग-बिरंगा, बात-वात, रोना-धोना

3.

आर्थी (Semantic) पुनरुक्ति

समानार्थी या विलोम शब्दों का प्रयोग किया जाता है

धूप-छाँव, रात-दिन, बाग-बगीचा

4.

ध्वन्यात्मक (Phonetic /Onomatopoeic) पुनरुक्ति

शब्दों की पुनरावृत्ति से ध्वनि या आवाज की नकल की जाती है।

टन-टन, छन-छन, ठक-ठक, धड़ाम-धड़ाम

 

कुछ उदाहरणों की अर्थ सहित सूची:

शब्द

पुनरुक्ति रूप

अर्थ

घर

घर-घर

प्रत्येक घर

बात

बात-वात

कुछ बातें

रंग

रंग-बिरंगा

विविध रंगों वाला

धीरे

धीरे-धीरे

क्रमशः (धीमी गति से)

चलो

चलो-चलो

जोश के साथ आग्रह करना

ना

ना-ना

मना करना

टन

टन-टन

घंटी की आवाज़

धूप

धूप-छाँव

मिलीजुली स्थिति

 

भाषायी महत्व:

·       भाषा को लय, सुंदरता और भावनात्मक गहराई प्रदान करता है।

·       यह लोकभाषा और काव्य में अत्यधिक प्रयुक्त होता है।

·       पुनरुक्ति से बल, भाव या विविधता व्यक्त की जाती है।

 

Tuesday, October 21, 2025