वाक्यविज्ञान (Syntax) में अध्ययन के बिंदु
वाक्यविज्ञान यह जानने का प्रयत्न करता है कि ‘शब्दों’ या ‘पदों’ के योग से वाक्य कैसे निर्मित होते हैं।
(1) शब्द और पद
वाक्य में प्रयुक्त शब्द को ‘पद’ कहते हैं। वह ‘कोशीय शब्द’ या ‘शब्दरूप’ दोनों में से
कोई भी हो सकता है।
उदाहरण =
§ राम घर गया।
कुल पद = 03; (कोशीय
शब्द = 02 {राम, घर}; शब्दरूप = 01 {गया > जाना})
(नोट- कोशीय
शब्द = शब्द का कोई व्याकरणिक रूप न बना हो)
§ लड़के खेतों में
खेलते हैं।
कुल पद = 05; (कोशीय
शब्द = 01 {में};
(शब्दरूप = 04 {लड़के > लड़का; खेतों > खेत; खेलते> खेलना; हैं>है})
(नोट :- ‘पद’ एक
भारतीय व्याकरण परंपरा की संकल्पना है। सामान्यतः हम वाक्य में गिनते समय पदों
को ‘शब्द’ ही कहते हैं। अंग्रेजी में इसे भी ‘word’ ही कहते हैं।)
(2) वाक्यविज्ञान के अंतर्गत आने वाले भाषिक
स्तर
§ पदबंध
§ उपवाक्य
§ वाक्य
(3) पदबंध (Phrase) क्या है?
कोई एक पद या एक से
अधिक पदों का वह समूह जो वाक्य में एक ही इकाई का प्रकार्य (function) करता है, पदबंध है। किसी भी वाक्य में एक क्रिया
होती है और उससे संबंधित अन्य ‘पद’ या ‘पदों के समूह’ होते हैं। क्रिया भी वाक्य में ‘अकेले’ या ‘सहायक क्रियाओं के
साथ’ आ सकती है। इस प्रकार के सभी शब्दों या पदों के ‘एकल (Single) या एकाधिक (Multi) के समूह में प्रयोग’ पदबंध होते हैं। अतः पदबंध को
चित्र रूप में इस प्रकार से देख सकते हैं-
प्रकार्य (Function) :- किसी व्यवस्था में किसी स्थान/पद (position) विशेष
पर निर्धारित कार्य ‘प्रकार्य’ कहलाते
हैं, जैसे- ‘शिक्षक’ शिक्षा व्यवस्था में एक स्थान/पद (position) है, जिसका कार्य ‘विद्यार्थियों को पढ़ाना’ है। यह कार्य शिक्षक का ‘प्रकार्य’ कहलाएगा। इसी प्रकार ‘कुलपति’
(VC) विश्वविद्यालय व्यवस्था में एक स्थान/पद (position) है, जिसका कार्य ‘विश्वविद्यालय
में अध्ययन-अध्यापन एवं संबंधित गतिविधियों को सुचारु रूप से संपन्न कराना’ है। यह कार्य कुलपति का ‘प्रकार्य’ कहलाएगा। इसे कोई एक व्यक्ति भी संपन्न कर सकता है या एक से अधिक लोगों
के समूह को भी यह कार्य दिया जा सकता है।
इसी प्रकार वाक्य में ‘एक पद’ या ‘एक से अधिक पदों का
समूह’ होता है, जो वाक्य में कोई एक प्रकार्य
(function), जैसे- कर्ता,
कर्म, करण, क्रिया आदि संपन्न करता है।
वही एक पद या एक से अधिक पदों का समूह ‘पदबंध’ कहलाता है।
उदाहरण-
बच्चा मिठाई खाएगा।
=> 03 पद
प्रकार्य => (कर्ता + कर्म + क्रिया)
= 03 पदबंध
छोटा बच्चा ताजी मिठाई खाता है। => 06 पद
प्रकार्य => (कर्ता + कर्म + क्रिया) = 03 पदबंध
बहुत छोटा
बच्चा थोड़ी ताजी मिठाई खा रहा है। => 09
पद
प्रकार्य => (कर्ता + कर्म + क्रिया) = 03 पदबंध
एक वाक्य में कई पदबंध देखें-
राम ने रावण को बाण से लंका में सीता के लिए मारा। => 12 पद
प्रकार्य => (कर्ता + कर्म +
करण + अधिकरण + संप्रदान +
क्रिया) = 06 पदबंध
3. पदबंध के प्रकार
(क) संरचना की दृष्टि से : अंतःकेंद्रिक (03)
और बाह्यकेंद्रिक (02)
(ख) प्रकार्य की दृष्टि से :
§ संरचनात्मक
प्रकार्य = संज्ञा पदबंध, सर्वनाम पदबंध, क्रिया पदबंध, विशेषण पदबंध .....
§ व्याकरणिक/वाक्यात्मक
प्रकार्य = कर्ता पदबंध, कर्म पदबंध, करण पदबंध ......
4.
उपवाक्य (Clause) क्या है?
असरल वाक्यों (संयुक्त और मिश्र वाक्यों) में
आने वाले वाक्य स्तर के भाग (या अंश) उपवाक्य कहलाते हैं। उपवाक्य सरल वाक्य ही
होते हैं, लेकिन वे आपस में जुड़कर बड़े वाक्य का निर्माण करते हैं,
जैसे-
· वह लड़का बाहर
बैठा है जो कल आया था। => (मिश्र वाक्य) => दो उपवाक्य
· मैंने कहा कि तुम घर जाओ। =>
(मिश्र वाक्य) => दो उपवाक्य
· आज भारत मैच
जीतेगा या वर्ल्ड कप से बाहर हो जाएगा।=> (संयुक्त वाक्य)
=> दो उपवाक्य
5. उपवाक्य के प्रकार (Types of
Clause)
(क) मुख्य उपवाक्य
(ख) आश्रित उपवाक्य (संज्ञा उपवाक्य, विशेषण उपवाक्य, क्रियाविशेषण उपवाक्य)
6. वाक्य क्या है? (What is Sentence?)
शब्दों या पदों का वह समूह जिससे कम-से-कम एक
सूचना का संप्रेषण होता है, वाक्य है।
पारंपरिक परिभाषा
पूर्ण मंतव्य की प्रतीति कराने वाले पद समूह को
वाक्य कहते हैं।
वाक्य में एक ‘क्रिया
पदबंध’ होता है और उससे ‘संबंधित अन्य
पदबंध’ होते हैं। अतः इसे सूत्र रूप में इस प्रकार से दिखा
सकते हैं-
वाक्य = क्रिया पदबंध + अन्य संबंधित पदबंध
(कर्ता, कर्म, संप्रदान आदि)
हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में क्रिया पदबंध
वाक्य के अंत में आते हैं, जबकि अंग्रेजी और इस प्रकार की भाषाओं में वाक्य के बीच में।
उदाहरण-
§ मोहन आम खाता
है। Mohan eats mango.
§ रमेश मेरा काम
नहीं करेगा। Ramesh will not do my
work.
§ तुम खेलो। (You),
Play.
7. वाक्य के प्रकार (Types of Sentences)
(क) संरचना की दृष्टि से- सरल, मिश्र और संयुक्त वाक्य
(ख) अर्थ की दृष्टि से- कथनात्मक, आज्ञार्थक और मनोभावात्मक वाक्य
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