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Tuesday, July 29, 2025

न्यूरालिंक डिवाइस

 न्यूरालिंक डिवाइस क्या है?

दैनिक भास्कर से साभार। 

पूरा पढ़ने के लिए लिंंक-

https://www.bhaskar.com/tech-auto/news/audrey-crews-first-woman-to-get-neuralink-chip-can-now-write-and-draw-with-her-mind-after-20-years-of-paralysis-135550553.html

1. फोन को सीधे ब्रेन से जोड़ेगा न्यूरालिंक ने सिक्के के आकार का एक डिवाइस बनाया है जिसे "लिंक" नाम दिया गया है। ये डिवाइस कंप्यूटर, मोबाइल फोन या किसी अन्य उपकरण को ब्रेन एक्टिविटी (न्यूरल इम्पल्स) से सीधे कंट्रोल करने में सक्षम करता है। उदाहरण के लिए, पैरालिसिस से पीड़ित व्यक्ति मस्तिष्क में चिप के प्रत्यारोपित होने के बाद केवल यह सोचकर माउस का कर्सर मूव कर सकेंगे कि वे इसे कैसे मूव करना चाहते हैं।

2. कॉस्मैटिक रूप से अदृश्य चिप न्यूरालिंक ने कहा, हम पूरी तरह से इम्प्लांटेबल, कॉस्मैटिक रूप से अदृश्य ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस डिजाइन कर रहे हैं, ताकि आप कहीं भी जाने पर कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस को कंट्रोल कर सकें। माइक्रोन-स्केल थ्रेड्स को ब्रेन के उन क्षेत्रों में डाला जाएगा जो मूवमेंट को कंट्रोल करते हैं। हर एक थ्रेड में कई इलेक्ट्रोड होते हैं जो उन्हें "लिंक" नामक इम्प्लांट से जोड़ते हैं।

3. रोबोटिक प्रणाली डिजाइन की कंपनी ने बताया कि लिंक पर थ्रेड इतने महीन और लचीले होते हैं कि उन्हें मानव हाथ से नहीं डाला जा सकता। इसके लिए कंपनी ने एक रोबोटिक प्रणाली डिजाइन की है जिससे थ्रेड को मजबूती और कुशलता से इम्प्लांट किया जा सकता है।

इसके साथ ही न्यूरालिंक ऐप भी डिजाइन किया गया है ताकि ब्रेन एक्टिविटी से सीधे अपने कीबोर्ड और माउस को बस इसके बारे में सोच कर कंट्रोल किया जा सके।

डिवाइस को चार्ज करने की भी जरूरत होगी। इसके लिए कॉम्पैक्ट इंडक्टिव चार्जर भी डिजाइन किया गया है जो बैटरी को बाहर से चार्ज करने के लिए वायरलेस तरीके से इम्प्लांट से जुड़ता है।

ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस टेक्नोलॉजी से बनाई चिप

एलन मस्क ने जिस टेक्नोलॉजी के जरिए चिप बनाई है उसे ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस या शॉर्ट में BCIs कहा जाता है। इस पर कई और कंपनियां भी सालों से काम कर रही हैं।

ये सिस्टम ब्रेन में रखे गए छोटे इलेक्ट्रोड का इस्तेमाल पास के न्यूरॉन्स से संकेतों को "पढ़ने" के लिए करता है। इसके बाद सॉफ्टवेयर इन सिग्नल्स को कमांड या एक्शन में डिकोड करता है, जैसे कि कर्सर या रोबोटिक आर्म को हिलाना।

मस्क की न्यूरो चिप-2

 

मस्क की न्यूरो चिप पहली बार महिला को लगाई गई:20 साल से पैरालाइज्ड ऑड्रे क्रूज ने सिर्फ सोचकर लैपटॉप पर अपना नाम लिखा, तस्वीरें बनाईं

नई दिल्ली19 घंटे पहले

20 साल से पैरालाइज्ड ऑड्रे क्रूज न्यूरालिंक ब्रेन इम्प्लांट के जरिए कंप्यूटर कंट्रोल करने वाली दुनिया की पहली महिला बन गई हैं। ऑड्रे क्रूज ने न्यूरालिंक चिप की मदद से मेंटल कमांड्स (दिमागी निर्देश) देकर पहली बार लैपटॉप पर अपना नाम लिखा और कुछ डूडल्स यानी तस्वीरें बनाईं। जिसकी कुछ फोटोज ऑड्रे क्रूज के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X से शेयर की गई हैं।

मैंने 20 सालों में पहली बार अपना नाम लिखने की कोशिश की

पहले पोस्ट में लैपटॉप स्क्रीन की एक फोटो शेयर की गई, जिसमें व्हाइट स्क्रीन पर डिजिटली हैंडरिटन 'Audrey' लिखा दिखाई दे रहा है। इस फोटो को शेयर कर उन्होंने ने लिखा, 'मैंने 20 सालों में पहली बार अपना नाम लिखने की कोशिश की। मैं इस पर और काम कर रही हूं।'

वहीं दूसरे पोस्ट में डूडल्स की दो फोटोज शेयर कर ऑड्रे क्रूज ने लिखा, 'ये रहे मेरे बनाए कुछ और डूडल्स। इमेजिन कीजिए कि आपकी पॉइंटर फिंगर लेफ्ट क्लिक है और कर्सर मूवमेंट आपकी रिस्ट यानी कलाई से होता है। मैं फिजिकल मूवमेंट किए बिना, ये कर रही हूं। टेलीपैथी का इस्तेमाल करते हुए बस एक सामान्य दिन।'

ऑड्रे क्रूज ने जो डूडल्स बनाए हैं, उनमें एक रेड हार्ट, फेस, बर्ड और एक पिज्जा दिखाई दे रहा है। लैपटॉप स्क्रीन पर यह सभी डूडल्स ऑड्रे ने टेलीपैथी के जरिए बनाए हैं।

पूरा पढ़ें- 

https://www.bhaskar.com/tech-auto/news/audrey-crews-first-woman-to-get-neuralink-chip-can-now-write-and-draw-with-her-mind-after-20-years-of-paralysis-135550553.html

Thursday, July 24, 2025

Wednesday, July 23, 2025

गवेषणा के विविध अंक

गवेषणा के विविध अंक केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा की वेबसाइट पर निम्नलिखित लिंक के माध्यम से प्राप्त होते हैं- 

https://sites.google.com/view/gaveshana-khs/%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%B6%E0%A4%A4-%E0%A4%85%E0%A4%95?authuser=0

इन्हें ऑनलाइन पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें-

गवेषणा अंक 139     I    गवेषणा अंक 138     I    गवेषणा अंक 137     I    गवेषणा अंक 136     I    गवेषणा अंक 135     I     गवेषणा अंक 134     I     गवेषणा अंक 133     I     गवेषणा अंक 132     I     गवेषणा अंक 131     I     

गवेषणा अंक 130     I     गवेषणा अंक 129     I     गवेषणा अंक 128     I     गवेषणा अंक 127     I     गवेषणा अंक 126     I     गवेषणा अंक 125     I     गवेषणा अंक 124     I     गवेषणा अंक 123     I     गवेषणा अंक 122     I     गवेषणा अंक 121     I    

गवेषणा अंक 120     I     गवेषणा अंक 119     I     गवेषणा अंक 118     I     गवेषणा अंक 117     I     गवेषणा अंक 116     I     गवेषणा अंक 115     I     गवेषणा अंक 114     I     गवेषणा अंक 113     I     गवेषणा अंक 112     I     गवेषणा अंक 111     I   

गवेषणा अंक 110     I     गवेषणा अंक 109     I     गवेषणा अंक 108     I     गवेषणा अंक 107     I     गवेषणा अंक 106     I     गवेषणा अंक 105     I     गवेषणा अंक 104     I     गवेषणा अंक 103     I     गवेषणा अंक 102     I     गवेषणा अंक 101     I   

गवेषणा अंक  100     I     गवेषणा अंक 99     I     गवेषणा अंक 98     I     गवेषणा अंक 97     I     गवेषणा अंक 96     I     गवेषणा अंक 95     I     गवेषणा अंक 94     I     गवेषणा अंक 93     I     गवेषणा अंक 92     I     गवेषणा अंक 91     I   

गवेषणा अंक  90     I     गवेषणा अंक 89     I     गवेषणा अंक 88     I     गवेषणा अंक 87     I     गवेषणा अंक 86     I     गवेषणा अंक 85     I     गवेषणा अंक 84     I     गवेषणा अंक 83     I     गवेषणा अंक 82     I     गवेषणा अंक 81     I   

  

Tuesday, July 22, 2025

केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा द्वारा संचालित डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश

 संध्याकालीन पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए दिए गए लिंक को क्लिक करें। 

https://hindisansthan.in/%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%b8%e0%a4%82%e0%a4%ac%e0%a4%82%e0%a4%a7%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a5%82%e0%a4%9a%e0%a4%a8%e0%a4%be-2025/

इसके पश्चात प्रवेश संबंधी सूचना 2025 का पृष्ठ खुलता है। उसमें नीचे बताए गए चित्र के अनुसार दिए गए बिंदु पर विवरणिका और अनापत्ति प्रमाण पत्र आदि डाउनलोड किया जा सकता है।



 आवेदन करने के लिए आवेदन पत्र पर क्लिक करें, जिससे आवेदन संबंधी गूगल फॉर्म का लिंक खुल जाता है, जो इस प्रकार है-

https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLScxIZOfaA86Xfl7hZLpj5s1RP9zhwgAdmtxwl7j7zM9dxasbg/viewform

 यहाँ पर क्रमशः मांगी गई सूचनाओं भरें और आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण करें।

Saturday, July 19, 2025

मोबाइल में लिंक खोलने का डिफॉल्ट एप हटाना

 यदि व्हाट्सएप में किसी के द्वारा भेजा गया कोई लिंक क्लिक करते ही किसी ऐप में खुल जा रहा है जिसमें आप नहीं चाहते हैं तो इसके लिए सेटिंग में जाकर उस ऐप को खोलिए और clear default preferences को क्लिक करके सारा डिफॉल्ट क्लियर कर दीजिए। इसके बाद आप जिस ऐप में चाहें उसमें खोल सकते हैं।

 उदाहरण के लिए जब मुझे कोई लोकेशन लिंक भेज रहा था तो वह क्लिक करते ही ओला में खुल जा रहा था। इसे हटाने के लिए मैंने सेटिंग में जाकर ओला ऐप खोला तथा Clear default preferences को क्लिक कर दिया। अब मैं लिंक को किसी भी दूसरे एप में खोल सकता हूँ।

ओला में पहले इस प्रकार से क्लियर करें -


अब लिंक को क्लिक करने पर ऐसा आएगा -


अब आप मन चाहे एप को चुन सकते हैं।



Thursday, July 17, 2025

ए.आई. के लिए बंदर जैसे होंगे हम...

      तकनीक बहुत तेजी से बदल रही है। 21वीं शताब्दी का युग कृत्रिम बुद्धिमत्ता का युग है। इसमें पीछे रहने का मतलब है कि हो सकता है कि आने वाली पीढियों के लिए हम बंदर मात्र रह जाएँ। इसलिए आधुनिक मानव सभ्यता के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए आवश्यक है कि हमें कृत्रिम बुद्धि के अनुप्रयोग और विकास प्रक्रिया दोनों का प्रचुर मात्रा में ज्ञान हो। कम से कम हमारे बच्चों के लिए तो यह अतिआवश्यक है, क्योंकि आने वाले समय में लगभग सभी प्रकार की पारंपरिक नौकरियाँ और व्यवसाय खत्म हो जाएँगे। इसलिए मुख्य धारा में केवल वही लोग बचेंगे, जिनके पास कृत्रिम बुद्धि का ज्ञान ज्ञान होगा तथा उस स्तर तक सोचने की क्षमता रख सकेंगे। इसलिए हम सबके लिए अपनी आने वाली पीढ़ियाँ के लिए आवश्यक है कि अपने आप को कृत्रिम बुद्धि के ज्ञान तक अध्ययन करें। 

कृत्रिम बुद्धि के बारे में यह समाचार बहुत डराने वाला है-




मेरा मानना है कि इससे डरने की जरूरत नहीं है बल्कि हमें अपने आप को अद्यतन करना है। इसके लिए सुविधा भी अब ऑनलाइन सहज रूप में उपलब्ध होती जा रही है, क्योंकि उसी के समानांतर यह दूसरा समाचार भी देखा जा सकता है।


कॉलेज-स्टूडेंट्स को ₹19,500 का सब्सक्रिप्शन फ्री में दे रहा गूगल:AI प्रो प्लान में 2 TB स्टोरेज, Veo 3 भी मिलेगा; जानें इसे क्लेम करने की प्रोसेस

गुगल अब भारतीय कॉलेज स्टूडेंट्स को अपने प्रीमियम गूगल AI प्रो प्लान का एक साल का फ्री सब्सक्रिप्शन देगा। इसकी कीमत 19,500 रुपए सालाना है। ये 18 साल से ऊपर के कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए है। ऑफर 15 सितंबर 2025 तक वैलिड है।

इस प्लान में स्टूडेंट्स को जेमिनी 2.5 Pro जैसे एडवांस्ड AI टूल्स, 2TB क्लाउड स्टोरेज से लेकर वीडियो बनाने के लिए Veo 3 का सब्सक्रिप्शन मिलेगा।

यहां हम सवाल-जवाब में पूरी डिटेल्स बता रहे हैं..

सवाल 1: इस Gemini AI Pro प्लान में क्या-क्या मिलेगा?

जवाब: इस प्लान में शामिल है…

  • जेमिनी 2.5 Pro: ये गुगल का सबसे पावरफुल AI मॉडल है। ये निबंध लिखने, कोडिंग प्रॉब्लम सॉल्व करने, एग्जाम की तैयारी और यहां तक कि जॉब इंटरव्यू की प्रैक्टिस में मदद करता है।
  • 2TB क्लाउड स्टोरेज: गूगल ड्राइव, फोटोज और जीमेल में यह स्टोरेज इस्तेमाल होता है। स्टूडेंट्स इसकी मदद से असाइनमेंट्स, प्रोजेक्ट्स और दूसरी फाइल्स को आसानी से स्टोर कर सकते हैं।
  • Veo 3 फास्ट: यह AI-पावर्ड टूल टेक्स्ट और इमेज से 8 सेकंड की फोटोरियलिस्टिक वीडियो बना सकता है। इसमें डायलॉग और साउंड इफेक्ट्स भी शामिल होंगे। यह क्रिएटिव प्रोजेक्ट्स में काम आएगा।
  • पूरा पढ़ने के लिए इस लिंक पर जाएँ- 
  • https://www.bhaskar.com/tech-auto/news/google-premium-ai-tools-free-to-college-students-135459372.html

UGC केयर लिस्ट का प्रावधान समाप्त

 




भाषा सांस्कृतिक या जैविक हस्तांतरण

 भाषा सांस्कृतिक या जैविक हस्तांतरण

भाषा की प्रमुख विशेषताओं में से एक विशेषता यह बताई जाती रही है कि भाषा सांस्कृतिक संचरण (Cultural Transmission) या सांस्कृतिक हस्तांतरण (Cultural Inheritance) है। इसके अनुसार मानव भाषा एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी को समाज और संस्कृति के माध्यम से हस्तांतरित की जाती है। इसका कोई भी जैविक कारक नहीं होता, बल्कि मानव शिशु जन्म के पश्चात अपने परिवेश से भाषा सीखता है। इसी बात को व्यवहारवादी भाषावैज्ञानिकों ने कहा कि भाषा मानव व्यवहार द्वारा सीखी जाती है। यद्यपि इसके विरोध में मनोवादियों और संज्ञानवादियों ने कहा कि भाषा को मानव शिशु भले ही समाज से इनपुट मिलने के बाद व्यवहार के माध्यम से सीखता है, किंतु भाषा को अर्जित करने की क्षमता उसके अंदर अंतर्निहित (इनबिल्ट) होती है। इसे ही सुप्रसिद्ध अमेरिकी भाषाविद नोएम चाम्स्की ने भाषा अर्जन युक्ति (Language Acquisition Device- LAD) का नाम दिया।

यह बात वर्तमान में चूहे पर किए गए एक प्रयोग से भी सिद्ध हुई है, जिसमें चूहों के जीनोम में कुछ परिवर्तन किया गया और वैज्ञानिकों ने पाया कि उनकी आवाज प्रस्तुत करने की क्षमता सामान्य की तुलना में बहुत अधिक बढ़ गई। इस रिसर्च के बारे में और अधिक निम्नलिखित लिंक पर पढ़ें –

https://www.futura-sciences.com/en/humanized-mice-what-this-genetic-experiment-reveals-is-beyond-belief_18321/

“Humanized” mice: what this genetic experiment reveals is beyond belief

June 16, 2025 by Futura Team

A groundbreaking genetic discovery is radically changing our understanding of human language. Researchers have successfully introduced a gene unique to humans into mice, leading to extraordinary vocal changes in these rodents. Could these unprecedented vocalizations provide insights into the evolution of human communication? The implications of this experiment are both fascinating and ethically complex.

With this groundbreaking scientific experiment, the line between humans and animals has become even more blurred. Scientists have managed to genetically modify mice by inserting a human gene linked to language. The results were far beyond their initial expectations and have opened new possibilities for understanding the evolutionary origins of human communication. This recent genetic manipulation reveals how a tiny variation in our DNA may have played a key role in the emergence of our unique linguistic abilities.

पूरा पढ़ने के लिए उपर्युक्त लिंक को क्लिक करें।

Friday, July 4, 2025

गवेषणा अंक 139 (जनवरी-मार्च 2025)

 संपादक के रूप में गवेषणा का अंक 139 (जनवरी-मार्च 2025) प्रस्तुत करते हुए अत्यंत हर्ष की अनुभूति हो रही है। इसके प्रकाशन के लिए प्रधान संपादक एवं केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के माननीय निदेशक प्रो. सुनील बाबूराव कुळकर्णी तथा संपूर्ण संपादन टीम का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ।

सभी भाषा चिंतकों, शोधकर्ताओं एवं भाषाप्रेमियों से आगामी अंकों के लिए अधिकाधिक आलेख प्रेषित करने का विनम्र निवेदन करता हूँ। आलेख प्रेषित करने हेतु ईमेल- gaveshnapatrika@gmail.com






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