प्रकार्य (Function) :- किसी व्यवस्था में किसी स्थान/पद (position) विशेष पर निर्धारित कार्य ‘प्रकार्य’ कहलाते हैं, जैसे- ‘शिक्षक’ शिक्षा व्यवस्था में एक स्थान/पद (position) है, जिसका कार्य ‘विद्यार्थियों को पढ़ाना’ है। यह कार्य शिक्षक का ‘प्रकार्य’ कहलाएगा। इसी प्रकार ‘कुलपति’ (VC) विश्वविद्यालय व्यवस्था में एक स्थान/पद (position) है, जिसका कार्य ‘विश्वविद्यालय में अध्ययन-अध्यापन एवं संबंधित गतिविधियों को सुचारु रूप से संपन्न कराना’ है। यह कार्य कुलपति का ‘प्रकार्य’ कहलाएगा। इसे कोई एक व्यक्ति भी संपन्न कर सकता है या एक से अधिक लोगों के समूह को भी यह कार्य दिया जा सकता है।
इसी प्रकार वाक्य में ‘एक पद’ या ‘एक से अधिक पदों का समूह’ होता है, जो वाक्य में कोई एक प्रकार्य (function), जैसे- कर्ता, कर्म, करण, क्रिया आदि संपन्न करता है। वही एक पद या एक से अधिक पदों का समूह ‘पदबंध’ कहलाता है।
उदाहरण-
बच्चा मिठाई खाएगा। => 03 पद
प्रकार्य => (कर्ता + कर्म + क्रिया) = 03 पदबंध
छोटा बच्चा ताजी मिठाई खाता है। => 06 पद
प्रकार्य => (कर्ता + कर्म + क्रिया) = 03 पदबंध
बहुत छोटा बच्चा थोड़ी ताजी मिठाई खा रहा है। => 09 पद
प्रकार्य => (कर्ता + कर्म + क्रिया) = 03 पदबंध
एक वाक्य में कई पदबंध देखें-
राम ने रावण को बाण से लंका में सीता के लिए मारा। => 12 पद
प्रकार्य => (कर्ता + कर्म + करण + अधिकरण + संप्रदान + क्रिया) = 06 पदबंध
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