अनौपचारिक
पत्र वे पत्र होते हैं, जिन्हें हम
अपने मित्रों, परिवार के
सदस्यों या परिचितों को व्यक्तिगत बातचीत के रूप में लिखते हैं। इन पत्रों में
औपचारिकता की कोई बाध्यता नहीं होती, और इन्हें
भावनात्मक, आत्मीय और सरल भाषा में लिखा जाता है।
अनौपचारिक पत्र का प्रारूप:
- प्रेषक का पता (ऊपर बाईं
ओर)
- दिनांक
- संबोधन (प्रिय
मित्र/प्रिय भाई/प्रिय माता-पिता आदि)
- पत्र का मुख्य भाग:
- परिचय: हालचाल
पूछना
- मुख्य विषय: जिस
विषय पर पत्र लिखा जा रहा है
- निष्कर्ष: शुभकामनाएँ, उत्तर देने का अनुरोध
- समापन शब्द (आपका
प्रिय मित्र/आपका स्नेही/तुम्हारा भाई आदि)
- प्रेषक का नाम
उदाहरण:
*********************
विषय: ग्रीष्मकालीन अवकाश में
घूमने का आमंत्रण
दिनांक: 20 मार्च 2025
प्रिय
मित्र अजय,
नमस्कार!
आशा है कि तुम स्वस्थ और प्रसन्न होंगे। मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ। आजकल हमारी
परीक्षाएँ समाप्त हो चुकी हैं और गर्मी की छुट्टियाँ शुरू हो गई हैं। मैं इस बार
अपनी छुट्टियाँ शिमला में बिताने जा रहा हूँ और सोच रहा हूँ कि तुम भी मेरे साथ
चलो। वहाँ की ठंडी वादियाँ, बर्फ से ढके
पहाड़ और सुंदर झीलें देखने का आनंद ही कुछ और होगा। साथ में समय बिताने का भी
बहुत अच्छा अवसर मिलेगा।
मुझे विश्वास
है कि तुम्हें भी यह यात्रा बहुत पसंद आएगी। अपने माता-पिता से पूछकर शीघ्र उत्तर
दो, ताकि मैं यात्रा की तैयारी कर सकूँ।
तुम्हारा मित्र,
(थेसौङ
छोई)
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