पाली एक प्राकृत भाषा है, जो विशेष रूप से थेरवाद बौद्ध धर्म के ग्रंथों (जैसे त्रिपिटक) में प्रयुक्त होती है। यह भाषा विशेष रूप
से बौद्ध धर्म के प्रसार और बौद्ध साहित्य के लिए महत्त्वपूर्ण रही है।
पाली भाषा को लिखने के लिए कई लिपियों का प्रयोग किया गया है, जो स्थान और काल के अनुसार भिन्न रही हैं। पाली की कोई एक विशेष या मूल लिपि नहीं है।
विभिन्न लिपियाँ
जिनमें पाली लिखी गई:
क्षेत्र |
प्रयुक्त लिपियाँ |
विवरण |
भारत (प्राचीन काल) |
ब्राह्मी |
प्रारंभिक पाली अभिलेख, जैसे अशोक के शिलालेख |
श्रीलंका |
सिंहल-ब्राह्मी, बाद में सिंहला लिपि |
त्रिपिटक का लिपिबद्ध रूप |
बर्मा (म्यांमार) |
बर्मी लिपि |
थेरवाद परंपरा के ग्रंथ |
थाईलैंड |
थाई लिपि |
पाली धर्मग्रंथों के लिए संशोधित
थाई लिपि |
लाओस |
लाओ लिपि |
थेरवाद बौद्ध ग्रंथों के लिए |
कंबोडिया |
खमेर लिपि |
पाली धर्मशास्त्र की शिक्षा में
प्रयुक्त |
नेपाल/तिब्बत |
रंजन और न्यूरी लिपि |
कभी-कभी संस्कृत ग्रंथों के
साथ-साथ पाली भी |
पालि भाषा की एक
लिपि का फेसबुक से प्राप्त एक नमूना-
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