क्रिया की रूपावली बनाने के लिए उसमें अनेक प्रकार के प्रत्ययों का योग होता है, जिन्हें निम्नलिखित चित्र में देख सकते हैं
1. राम आता है। पेड़ गिरता है ।
2. शीला आती है। पतंग गिरती है ।
3. लड़के आते हैं। पेड़ गिरते हैं।
4. अब किसे आना है? अब किसे गिरना है?
5. अब किसकी बारी आनी है? अब किसकी सरकार गिरनी है?
6. अभी कितने लोग आने वाले हैं? बारिश से कई पेड़ गिरने वाले हैं?
7. कल तूफान आया था। कल पेड़ गिरा था ।
8. कल बारिश आई थी। कल बिजली गिरी थी।
9. कल दो तूफान आए थे। कल दो पेड़ गिरे थे।
10. कल 10 लड़कियाँ आईं। कल 10 लड़कियाँ गिरीं।
11. आप बीच में ना आएँ। आप नीचे ना गिरें।
12. तुम कल आओ। तुम इतना मत गिरो।
13. आप कल आइए। आप इतना मत गिरिए।
14. आप कल आइएगा। आप नीचे मत गिरिएगा।
15. क्या मैं आऊं? तुम्हारे लिए मैं क्यों गिरूँ?
16. रमेश कल आएगा। कल शेयर बाजार और गिरेगा।
17. शीला कल आएगी। अब बिजली नहीं गिरेगी।
18. इस सर्कस में दो शेर आएंँगे। अब ये टावर नहीं गिरेंगे।
19. कल कक्षा में दो नई छात्राएँ आएँगी। कल बारिश में मछलियाँ गिरेंगी।
20. क्या तुम मेरा घर देखने आओगे? तुम छत पर से गिरोगे।
21. क्या तुम मेरा घर देखने आओगी? पैर फिसलेगा तो तुम गिरोगी।
22. मैं कल कक्षा में आऊँगा। मैं छत पर से नहीं गिरूँगा।
23. मैं कल कक्षा में आऊँगी। मैं छत से नहीं गिरूँगी।
24. तुम कल आकर देख लेना। देखो, गिरकर कैसा लगता है।
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