जब किसी शब्द को ज्यों का त्यों या थोड़ा परिवर्तन करके दोहराया जाता है और उससे नया अर्थ या भाव उत्पन्न होता है, तो उसे पुनरुक्ति द्वारा शब्द निर्माण कहा जाता है। उदाहरण: घर-घर, दिन-दिन, धीरे-धीरे, बात-वात, मीठा-मीठा, चलो-चलो आदि।
पुनरुक्ति
के प्रमुख प्रकार
| क्रम | प्रकार | विवरण | उदाहरण | 
| 1. | पूर्ण (Full) पुनरुक्ति | एक ही शब्द को ज्यों का त्यों
  दोहराया जाता है। | धीरे-धीरे, दिन-दिन, घर-घर | 
| 2. | आंशिक (Partial) पुनरुक्ति | दूसरे शब्द में थोड़ा
  परिवर्तन किया जाता है (ध्वनि या रूप में)। | चाय-वाय, रंग-बिरंगा, बात-वात, रोना-धोना | 
| 3.  | आर्थी (Semantic) पुनरुक्ति  | समानार्थी या विलोम शब्दों का
  प्रयोग किया जाता है | धूप-छाँव, रात-दिन,
  बाग-बगीचा | 
| 4. | ध्वन्यात्मक (Phonetic /Onomatopoeic) पुनरुक्ति | शब्दों की पुनरावृत्ति से ध्वनि या आवाज की
  नकल की जाती है। | टन-टन, छन-छन, ठक-ठक, धड़ाम-धड़ाम | 
कुछ उदाहरणों
की अर्थ सहित सूची:
| शब्द | पुनरुक्ति रूप | अर्थ | 
| घर | घर-घर | प्रत्येक घर | 
| बात | बात-वात | कुछ बातें | 
| रंग | रंग-बिरंगा | विविध रंगों वाला | 
| धीरे | धीरे-धीरे | क्रमशः (धीमी गति से)  | 
| चलो | चलो-चलो | जोश के साथ आग्रह करना | 
| ना | ना-ना | मना करना | 
| टन | टन-टन | घंटी की आवाज़ | 
| धूप | धूप-छाँव | मिलीजुली स्थिति | 
भाषायी महत्व:
·      
भाषा
को लय, सुंदरता और भावनात्मक गहराई प्रदान करता है।
·      
यह लोकभाषा और काव्य में अत्यधिक प्रयुक्त होता है।
·      
पुनरुक्ति
से बल, भाव या विविधता व्यक्त
की जाती है।
 
 
 
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