प्रोग्रामिंग और प्रोग्रामिंग भाषा -
कंप्यूटर में प्रोग्राम बनाने की प्रक्रिया प्रोग्रामिंग है। इसके लिए विशेष
प्रकार की भाषाओं का प्रयोग किया जाता है, जिन्हें
प्रोग्रामिंग भाषाएँ कहा जाता है। ये कृत्रिम भाषाएँ (artificial
languages) होती हैं, जो कंप्यूटर को
सीधे-सीधे निर्देश देने के उद्देश्य से तैयार की गई रहती हैं। कंप्यूटर जिस भाषा
का प्रयोग करता है, उसे ‘मशीनी भाषा’ कहते हैं। यह विद्युत के ‘ऑन’
और ‘ऑफ’ पर आधारित होती है। ऑन और ऑफ
के ही विभिन्न संयोजनों के माध्यम से कंप्यूटर को किसी कार्य विशेष को संपन्न करने
या न करने के लिए निर्दिष्ट किया जाता है। इसके लिए लॉजिकल सर्किट बनाए जाते हैं, जो विद्युत के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं। हम अपनी सुविधा के लिए ‘ऑन’ और ‘ऑफ’ को ‘1’ तथा ‘0’ से प्रदर्शित
करते हैं। इनके संयोजन बनने वाले किसी प्रतीक या निर्देश का स्वरूप इस प्रकार हो
सकता है-
0001010101
1101010101
इस प्रकार के प्रत्येक प्रतीक से कंप्यूटर को किसी एक इकाई या एक कार्य को समझाया
है। ऐसे प्रतीकों को याद कर पाना मनुष्य के लिए संभव नहीं है। इसीलिए प्रोग्रामिंग
भाषाओं का विकास किया गया है। इन भाषाओं में मानव भाषाओं (जैसे- अंग्रेजी) के शब्दों
और प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है, जिसे हम
आसानी से समझ सकते हैं। इन प्रतीकों का एक निश्चित संक्रम (syntax) होता है, जिससे मशीन को निर्देश समझने में कोई जटिलता
न आए। प्रतीकों और उनकी व्यवस्था का समुच्च्य ही प्रोग्रामिंग भाषा कहलाती है। अतः
प्रोग्रामिंग भाषा ऐसी भाषा है, जिसके माध्यम से कंप्यूटर को
सीधे-सीधे निर्देश दिए जाते हैं। इन्हें मनुष्य और मशीन के बीच अंतरमध्यवर्ती भाषा
(intermediate language) भी कहा जाता है। प्रोग्रामिंग भाषाओं
की पीछे कंपाइलर या इंटरप्रेटर लगे रहते हैं, जो प्रतीक शब्दों
और उनके संक्रम के माध्यम से दिए गए निर्देशों को मशीनी भाषा में परिवर्तित कर देते
हैं और कंप्यूटर हमारे निर्देश को समझ जाता है।
मनुष्य द्वारा मानव भाषा का प्रयोग किया जाता है, जो ‘स्वनिम से लेकर प्रोक्ति तक’ विभिन्न स्तरों की इकाइयों की जटिल व्यवस्था है। मानव भाषा में दिए गए आदेशों को कंप्यूटर नहीं समझ सकता और मशीन द्वारा समझे जाने वाले संकेतों को मनुष्य द्वारा याद रखना संभव नहीं है।
अतः मशीनी भाषा के सापेक्ष मनुष्य की स्थिति कुछ इस प्रकार होती है-
इसी प्रकार मानव भाषा के सापेक्ष मशीन की स्थिति कुछ इस प्रकार हो जाती है-
अतः मशीनी भाषा के सापेक्ष मनुष्य की स्थिति कुछ इस प्रकार होती है-
इस कारण मानव भाषा के कुछ शब्दों और तार्किक संक्रम (logical syntax) को आधार बनाकर निर्मित वह भाषा प्रोग्रामिंग भाषा है जिसमें दिए गए आदेश कंप्यूटर समझ लेता है और उनके अनुरूप इनपुट को संसाधित कर आउटपुट प्रदान करता है। प्रोग्रामिंग भाषाओं के माध्यम से कंप्यूटर प्रोग्राम बनाए जाते हैं जो किसी कार्य विशेष को संपन्न करते हैं। अत: सरलतम शब्दों में प्रोग्रामिंग भाषा वह भाषा है जिसमें कंप्यूटर प्रोग्राम बनाए जाते हैं। प्रोग्रामिंग भाषाओं में दिए गए आदेशों को मशीनी भाषा में रूपांतरित करने के लिए ‘कंपाइलर’ और ‘इंटरप्रेटर’ बनाए जाते हैं। मानव और मशीन के सापेक्ष प्रोग्रामिंग भाषा को चित्र के माध्यम से इस प्रकार से समझ सकते हैं-
प्रोग्रामिंग भाषा के प्रकार-
(1) स्तर के आधार पर
(क) निम्न-स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा (low level language)
(ख) उच्च-स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा (high level language)
(2) प्रकृति के आधार पर
(क) प्रक्रियात्मक प्रोग्रामिंग भाषा (procedural programming
language)
(ख) वस्तु-केंद्रित प्रोग्रामिंग भाषा (object-oriented programming
language)
(3) उद्देश्य के आधार पर
(क) सामान्य प्रोग्रामिंग भाषा
(ख) विशिष्ट प्रोग्रामिंग भाषा
आदि।
प्रमुख प्रोग्रामिंग भाषाएँ-
प्रमुख प्रोग्रामिंग भाषाएँ-
Java
JavaScript
C#
PHP
Python
Objective-C
Ruby
Perl
C, C++
Visual Basic
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