जगदीप सिंह दाँगी
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हिंदी भाषा (Hindi Language)
भारत के संविधान में 22 भारतीय भाषाओं का उल्लेख किया गया है। हिंदी संवैधानिक रूप से भारत की राजभाषा होने के साथ-साथ देश में सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा भी है। देश की कुल जनसंख्या में से लगभग 65 प्रतिशत लोग हिंदी को जानने व समझने वाले हैं। चीनी भाषा के बाद यह विश्व में भी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसकी लिपि देवनागरी है।
लिपि (Script)
किसी भी भाषा के लिखने की व्यवस्था को ही लिपि कहते हैं। संस्कृत, हिंदी, मराठी आदि भाषाओं की लिपि का नाम देवनागरी है। इसी प्रकार अँग्रेज़ी भाषा की लिपि 'रोमन', उर्दू भाषा की लिपि 'अरबी-फ़ारसी', और पंजाबी भाषा की लिपि 'गुरुमुखी' है।
देवनागरी लिपि (Devanagari Script )
हिंदी की अपनी एक लेखन पद्धति है। हिंदी नागरी वर्ण चिह्नों में लिखी जाती है, जिसे नागरी लिपि या देवनागरी लिपि कहते हैं। देवनागरी लिपि में अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कुछ विदेशी भाषाएँ भी लिखी जाती हैं। संस्कृत, पालि, हिंदी, मराठी, कोंकणी, नेपाली आदि भाषाएँ देवनागरी लिपि में लिखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी, उर्दू आदि भाषाएँ भी देवनागरी लिपि में लिखी जाती हैं।
अधिकतर भारतीय लिपियाँ ब्राह्मी लिपि से विकसित हुई हैं। देवनागरी लिपि का विकास भी ब्राह्मी लिपि से हुआ है। नागरी भारत की लगभग 10 प्रमुख लिपियों में से एक है। देवनागरी एक आक्षरिक (सिलैबिक) लिपि है जो प्रचलित लिपियों (रोमन, अरबी, चीनी आदि) में सबसे अधिक वैज्ञानिक है। अधिकतर लिपियों की तरह देवनागरी भी बाएँ से दाएँ की तरफ़ लिखी जाती है। प्रत्येक शब्द के ऊपर एक रेखा खिंची होती है (कुछ वर्णों के ऊपर रेखा कटी होती है, जैसे:- ध, भ) जिसे 'शिरोरेखा' कहते हैं।
हिंदी के लिए प्रयुक्त देवनागरी लिपि में कुल 52 वर्ण हैं, जिनमें 11 मूल स्वर वर्ण (जिनमें से 'ऋ' का उच्चारण अब स्वर जैसा नहीं होता), 33 मूल व्यंजन, 2 उत्क्षिप्त व्यंजन, 2 अयोगवाह और 4 संयुक्ताक्षर व्यंजन हैं।
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Sunday, December 2, 2018
हिंदी, देवनागरी लिपि और यूनीकोड
प्रोफेसर, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा
Professor, Kendriya Hindi Sansthan, Agra
(Managing Director : Ms. Ragini Kumari)
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