जगदीप सिंह दाँगी
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डोमेन नाम के संदर्भ में इंटरनेट पर हिंदी ; अँग्रेज़ी की मोहताज नहीं!
आज हिंदी तकनीकी के क्षेत्र में दिन प्रतिदिन उन्नति कर रही है। स्मार्टफोन तथा ब्रॉडबैंड के बढ़ते चलन के कारण देश के ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट का इस्तेमाल भी तेजी से बढ़ रहा है। इंटरनेट की दुनिया में डॉट भारत डोमेन हिंदी उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ाने में काफ़ी मददगार रहेगा। भारत में इंटरनेट सेवा 15 अगस्त 1995 में आरंभ हुई जब विदेश संचार निगम लिमिटेड ने अपनी टेलीफोन लाइन के माध्यम से भारत में स्थित कंप्यूटरों को दुनिया के अन्य देशों में स्थित कंप्यूटरों से जोड़ दिए। वर्तमान में भारत में लगभग 25.2 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में चाहे कंप्यूटर के माध्यम से या फिर मोबाइल के माध्यम से इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं। परंतु हिंदी के प्रयोग के संदर्भ में देखें तो मात्र 10% यानि के 2.52 करोड़ लोग इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं। एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2018 तक देश में लगभग 50 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ता होंगे। यूँ तो भारत में इंटरनेट पर हिंदी का शुभारंभ वर्ष 1999 में वेबदुनिया के पहले और सबसे सफल हिंदी पोर्टल के शुभारंभ से हुई। इस समय इंटरनेट पर हिंदी (देवनागरी लिपि) के प्रदर्शन के लिए विभिन्न अस्की फ़ॉन्ट्स का प्रयोग किया जाता था। जिनकी अपनी कुछ सीमाएँ थीं। तत्पश्चात यूनिकोड फ़ॉन्ट के आगमन ने हिंदी को बहुत विस्तार दिया और आज यूनिकोड फ़ॉन्ट की मदद से ही हिंदी को डोमेन नाम 'डॉट भारत' (.भारत) हिंदी भाषा एवं देवनागरी लिपि में प्राप्त हो सका। साथ ही हिंदी भाषा में डोमेन नाम का आना मतलब इंटरनेट के प्रयोग के लिए अँग्रेज़ी की अनिवार्यता का ख़त्म होना भी है।
विगत वर्ष की दिनांक 27 अगस्त 2014 को भारत सरकार ने 'डॉट भारत' (.भारत) नाम से डोमेन हिंदी (देवनागरी लिपि) में लॉन्च किया है। इस डोमेन की शुरुआत नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया की ओर से की गई। डॉट भारत (.भारत) डोमेन से हिंदी में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले अब उन वेबसाइट्स का यूआरएल अर्थात वेबसाइट्स का पता हिंदी (देवनागरी-लिपि) में लिख व सर्फ कर सकते हैं; जो डॉट भारत डोमेन के साथ पंजीकृत होंगी। यहाँ एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि हिंदी भाषा के अतिरिक्त देवनागरी लिपि आधारित अन्य भारतीय भाषाओं जैसे कि बोडो, डोगरी, कोंकणी, मैथिली, मराठी, नेपाली और सिंधी आदि में भी इस डोमेन का उपयोग किया जा सकता है। इस व्यवस्था (.भारत) के आने से पहले भी हमारी अनेक वेबसाइट हिंदी में थी और आज भी हैं अर्थात वेब पेज की सामग्री हिंदी में मौजूद थी, लेकिन उन वेबसाइट का यूआरएल पता अँग्रेज़ी (रोमन लिपि) में ही होता था। जैसे कि दैनिक भास्कर वेबसाइट का यूआरएल bhaskar.com है जोकि अँग्रेज़ी (रोमन लिपि) में है; जबकि भास्कर वेबसाइट की संपूर्ण सामग्री अर्थात वेब पेज हिंदी (देवनागरी लिपि) में ही होते हैं। अब डॉट भारत (.भारत) डोमेन नाम से इसका यूआरएल पूर्णतः हिंदी (देवनागरी लिपि) में इस प्रकार से हो सकता है; भास्कर.भारत, भारत डॉट डोमेन के यूआरएल के लिए शुरुआत में डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू लिखने की जरूरत नहीं रहती। उदाहरण के तौर पर भारत के राष्ट्रपति की वेबसाइट का यूआरएल होगा राष्ट्रपति.सरकार.भारत। (.भारत) डोमेन से एक बात और स्पष्ट होती है कि जिन वेबसाइट्स का यूआरएल पता डॉट भारत (.भारत) होगा तो वह वेबसाइट निश्चित ही किसी भारतीय स्थानीय भाषा की ही वेबसाइट होगी। वर्तमान में यह डोमेन (.भारत) मात्र आठ भाषाएँ, जिनकी लिपि देवनागरी है को ही स्वीकार करता है। जल्द ही यह सुविधा अन्य भारतीय भाषाओं बंगाली, तेलुगू, गुजराती, उर्दू, तमिल और पंजाबी के लिए भी मिल सकेगी। चूँकि यह तो स्थानीय भाषाओं में कार्य करने के इच्छुक लोगों के लिए एक सुविधा है ना कि कोई नया आविष्कार या खोज है। चीन और यूरोप में स्थानीय भाषाओं में वेबसाइट खोलने की इस प्रकार की सुविधा बहुत पहले से ही उपयोग की जाती रही है। वर्तमान में अब भारत देश भी चीन और यूरोप के उन देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है जहाँ उनके अपने डोमेन नाम अपनी स्थानीय भाषाओं में हैं।
इंटरनेट , डोमेन नाम और डोमेन नाम प्रणाली : तकनीकी परिचय
विभिन्न सूचनाओं और ई-दस्तावेज़ों के आदान-प्रदान के लिए टीसीपी/आईपी (ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल/ इंटरनेट प्रोटोकॉल) प्रोटोकॉल का उपयोग करके बनाया गया नेटवर्क; जो कि विश्वव्यापी (वर्ल्ड वाइड) नेटवर्क के सिद्धांत पर कार्य करता है उसे इंटरनेट कहते हैं। इंटरनेट विभिन्न कंप्यूटर नेटवर्कों का नेटवर्क होते हुए विश्व का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क है। इंटरनेट के आविष्कारक अमेरिकन कंप्यूटर वैज्ञानिक डॉ. विंट सर्फ माने जाते हैं। इंटरनेट के जनक कहे जाने वाले डॉ. विंट सर्फ ने सन् 1969 में इंटरनेट का आविष्कारक किया। पश्चिमी देशों में 1980 के दशक से इंटरनेट का व्यावसायिक उपयोग होने लगा था जबकि भारत में इंटरनेट सेवा वर्ष 1995 से आरंभ हुई। वास्तव में इंटरनेट विश्व के 160 से भी अधिक विभिन्न देशों में फैला हुआ बड़ा वाइड एरिया नेटवर्क है; जो अपने प्रोटोकॉल के रूप में टीसीपी/आईपी का प्रयोग करता है। आंतरिक तौर पर प्रोटोकॉल एक ऐसी विशिष्ट संख्या है, जिससे इंटरनेट पर होस्ट को पहचाना जा सकता है। इंटरनेट नेटवर्क में प्रयुक्त प्रत्येक कंप्यूटर को होस्ट टर्मिनल या होस्ट कहा जाता है (इन्हीं में से कुछ होस्ट; सर्वर के रूप में भी कार्य करते हैं) और उसे एक विशिष्ट नाम दिया जाता है। इस विशिष्ट नाम में होस्ट का नाम और डोमेन नाम (डोमेन नेम) का उल्लेख होता है। डोमेन नाम के भी कई भाग होते हैं, जिनसे होस्ट या सर्वर के संगठन की जानकारी मिलती है।
अमरीका की एक संस्था आईसीएएनएन द्वारा होस्ट का नामकरण किया जाता है; अर्थात यह संस्था इंटरनेट पर डोमेन नामों का प्रबंधन करती है। तकनीकी तौर पर इंटरनेट नेटवर्क में प्रत्येक कंप्यूटर; दूसरे कंप्यूटर को एक विशिष्ट सांख्यिक संख्या से ही पहचाना जाता है; (जैसे कि मोबाइल नेटवर्क में एक मोबाइल; दूसरे मोबाइल को उसके मोबाइल नंबर से पहचानता है), यहाँ कंप्यूटर पहचान के लिए प्रयुक्त अंकों का विशिष्ट क्रम अर्थात सांख्यिक संख्या; आईपी एड्रेस कहलाता है। इंटरनेट पर आईपी एड्रेस मोबाइल/फोन नंबर के तौर पर काम करता है। इसके माध्यम से इंटरनेट पर वेब सर्फ करने वाला व्यक्ति वेबसाइट्स तक पहुँचता है; अर्थात यह सर्फ करने वाले को अपने गंतव्य पर पहुँचने में मदद करता है। परंतु इंटरनेट डोमेन नामों को याद रखना आईपी एड्रेस याद रखने से ज्यादा आसान है। इसलिए मानवीय सुविधा के लिए बाहरी तौर पर प्रत्येक कंप्यूटर या होस्ट को आईपी एड्रेस (सांख्यिक संख्या) के स्थान पर एक शाब्दिक नाम दे दिया जाता है (जैसे कि मोबाइल डायरेक्ट्री में मौजूद किसी व्यक्ति का मोबाइल नंबर उस व्यक्ति के नाम के साथ सुरक्षित होता है) यही शाब्दिक नाम डोमेन नाम है। अर्थात डोमेन नाम किसी वेबसाइट के यूआरएल के साथ प्रयोग होने वाला नाम है। उदाहरण के तौर पर यूआरएल http://www.facebook.com में facebook.com एक डोमेन नाम है। प्रत्येक डोमेन नाम में डॉट (.) चिह्न के साथ एक प्रत्यय होता है; जिसे टीएलडी (टॉप लेवल डोमेन) कहते हैं; जो यह दर्शाता है कि वरीयता के क्रम में उक्त डोमेन किस स्तर और क्षेत्र का है। अँग्रेज़ी (रोमन) में पंजीकृत निम्नलिखित डोमेन नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टॉप लेवल डोमेन (टीएलडी) की श्रेणी के अंतर्गत आते हैं।
.com - व्यावसायिक कामकाज हेतु सर्वाधिक प्रचलित डोमेन है।
.net - नेटवर्क संगठन
.org - संगठन (अलाभकारी)
.edu - शैक्षणिक संस्थान आदि।
इनके अतिरिक्त प्रत्येक देश को भी अपना अलग टॉप लेवल डोमेन (टीएलडी) आवंटित है। जैसे भारत को .in, अमरीका को .us, थाईलैंड को .th आदि। भारत के टॉप लेवल डोमेन में अब (.भारत) - डॉट भारत हिंदी (देवनागरी लिपि) में उपलब्ध नवीन डोमेन है।
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Sunday, December 2, 2018
इंटरनेट की दुनिया में हिंदी डोमेन डॉट भारत
प्रोफेसर, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा
Professor, Kendriya Hindi Sansthan, Agra
(Managing Director : Ms. Ragini Kumari)
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