अनुवाद के क्षेत्र
मानव समाज की विविध गतिविधियों से
संबंधित जितने क्षेत्र हैं, वे सभी
अनुवाद के क्षेत्र हैं। मनुष्य के सामाजिक जीवन का मूल आधार भाषा है। भाषा के कारण
ही हम अपनी बात अन्य लोगों तक पहुँचा पाते हैं। ऐसी स्थिति में यदि कोई ऐसा
व्यक्ति आ जाए तो आपकी भाषा न जानकर कोई अन्य भाषा जानता है तो अनुवाद की आवश्यकता
पड़ती ही है। अतः अनुवाद के क्षेत्र के अंतर्गत मानव व्यवहार के सभी क्षेत्र आ जाते
हैं। ‘साहित्य’ को केंद्र में रखते हुए
कुछ विद्वानों द्वारा अनुवाद के क्षेत्रों के दो वर्ग किए गए हैं-
(1) साहित्यिक अनुवाद-
इसके अंतर्गत सभी साहित्यिक क्षेत्र
आते हैं, जैसे-
कहानी
उपन्यास
कविता
निबंध
नाटक
फिल्म
आदि।
(2) साहित्येतर अनुवाद
इसके अंतर्गत अन्य सभी क्षेत्र आ
जाते हैं, जैसे-
विज्ञान (प्राकृतिक एवं सामाजिक)
वाणिज्य
खेल
कला
कार्यालय
तकनीकी
मीडिया
कृषि
चिकित्सा
आदि।
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