सर्जनात्मक रचना का विश्लेषण
किसी सर्जनात्मक लेखन के विश्लेषण के लिए तीन विषयों का
ज्ञान आवश्यक है-
§ प्रोक्ति विश्लेषण (Discourse
Analysis)
§ शैलीविज्ञान (Stylistics)
§ काव्य भाषा (Poetic
Language)
किंतु यहाँ ध्यान रखने वाली बात है कि सर्जनात्मक लेखन करने
के लिए इनका ज्ञान आवश्यक नहीं है। किसी व्यक्ति द्वारा किए गए सर्जनात्मक लेखन का
आनंद लेने, पठन करने या समझने के लिए इनका ज्ञान आवश्यक नहीं है। किसी
विषय पर सर्जनात्मक रूप से हम अपनी बात अभिव्यक्त कर सकते हैं या किसी अन्य
व्यक्ति द्वारा अभिव्यक्त की गई बात का बोधन भी कर सकते हैं। यदि एक विशेषज्ञ की
तरह इस बात का विश्लेषण करना हो कि लेखक द्वारा किस प्रकार के भाषायी और कलात्मक
उपकरणों का प्रयोग करते हुए किसी कृति में कलात्मकता या सर्जनात्मकता पैदा की गई
है। इसका वस्तुनिष्ठ या वैज्ञानिक रूप से विश्लेषण करने के लिए इन विषयों का ज्ञान
आवश्यक है।
इन्हें निम्नलिखित लिंकों पर जाकर विस्तार से पढ़ें-
प्रोक्ति-विश्लेषण (Discourse Analysis)
काव्य भाषा (Poetic Language)
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