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Tuesday, January 3, 2023

सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले

 *माता सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले*


 *(3 जनवरी 1831 – 10 मार्च 1897)*

 

ह्वाट्सएप से प्राप्त एक संदेश

*भारत की प्रथम महिला प्राचार्या,समाज सुधारिका एवं मराठी कवियत्री थीं।*


 *उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए।*

*तथागत महामानव गौतम बुद्ध के धम्म मार्ग को आगे बढ़ाने  के लिए जी जान की बाजी लगा दी।*


 *वे प्रथम महिला शिक्षिका थीं। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है*

 *1852 में उन्होंने बालिकाओं के लिए अनेकों विद्यालयो की स्थापना की।*

*उस समय कितनी मुसीबतों का सामना करते हुए धर्म के ठेकेदारों व अपने ही परिवार के लोगों ने समाज से बाहर कर दिया परंतु शिक्षा का प्रचार प्रसार का मार्ग नहीं छोड़ा।*

* *इसीलिए बाबा साहब के प्रथम गुरु सावित्रीबाई फुले दंपत्ति,पेरियार रामास्वामी नायकर को आदर्श मानते हुए तथागत बुद्ध की शरण में गए।*

*उनके द्वारा खोले गए कन्या व लडको के विद्यालयों की संख्या निम्न प्रकार है।*

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*1 भिड़ेवाड़ा जिला पूना।*

*2 हरिजनवाड़ा जिला पूना।*

*3 हडपसर, जिला पूना।*

*4 ओतूर जिला पूना।*

*5 सावड़ जिला पूना।*

*6 ऑल हॉट का घर जिला पूना।*

*7 नाय गाव तालुका खंडाला जिला सतारा।*

*8 शिरवल तालुका खंडाला जिला सतारा।*

*9 तालेगांव धमधेरे जिला पुना।*

*10 शिरवर जिला पूना।*

*11 आजीरवाडी माजगांव सातारा।*

*12 करंजे कस्वा जिला सातारा।*

*13 भिगार सातारा।*

*14  मुंडले जिला पूना।*

*15 अप्पा साहब चिपलुणकर हवेली पूना।*

*16 नाना पेठ पूना।*

*17 रास्ता पेठ पूना।*

*18 बेताल पेठ पूना।*


*ये स्कूल 1/1/ 1848 से लेकर 1853 के मध्य खोले गए।*


*फुले दंपत्ति ने एक विधवा माता का बच्चा गोद लिया उसका नाम यशवंत रखा।उसको पढ़ा लिखा कर डॉक्टर बनाया और उस डॉ पुत्र की उस समय अंतर्जातीय शादी की थी।*


*1897 ईस्वी में महाराष्ट्र में ताउन्न (प्लेग) की बीमारी फैली लोग गांव छोड़कर जंगलों में चले गए मरीजों को उठाकर* *सावित्रीबाई लाती और अपने पुत्र यशवंत के अस्पताल में उनका इलाज करवाती।*

*एक अछूत बालक प्लेग के रोग से तड़प रहा था। सावित्री बाई फूले उस बालक को उठा कर कंधे पर आ रही थी।वो भी प्लेग की शिकार हो गई और उनकी मृत्यु 10 मार्च 1897 में  हो गई।*


  *इस प्रकार नारी समाज को धर्म की गंदगी से उठाकर नया जीवन देने वाली महान नारी का अंत हुआ आज घर-घर में लड़कियां पढ़ी लिखी मिलती है यह फुले दंपत्ति की ही देन है।*


*आओ सब मिलकर सम्यक संकल्प लें की माता सावित्रीबाई फुले के जन्म दिवस के मौके पर गरीब शोषित सर्व समाज के बच्चों के बीच जाकर शिक्षा का प्रचार प्रसार करें।* 

*जन्म दिवस की हार्दिक धम्म मंगकामनाएं*

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*कोटि कोटि नमन*

*नमो फुले*

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