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Wednesday, February 15, 2023

शब्द निर्माण की विधियाँ

 शब्द निर्माण की विधियाँ

रचना की दृष्टि से शब्द के मूलतः दो भेद किए जा सकते हैं-

§  मूल शब्द

§  निर्मित शब्द

इनमें से निर्मित शब्दों की रचना होती है, जिसके बारे में विवरण निम्नानुसार है- 

किसी भी भाषा में शब्द निर्माण विविध प्रकार की विधियों से किया जाता है, जिन्हें मुख्य रूप से तीन वर्गों में वर्गीकृत करके देख सकते हैं-  शब्द और शब्दांश योगएकाधिक मूल शब्द योग तथा अन्य विधियाँ । हिंदी के संदर्भ में शब्द निर्माण की निम्नलिखित विधियाँ देखी जा सकती हैं –

§  उपसर्ग योग

§  प्रत्यय योग

§  उपसर्ग और प्रत्यय योग

§  समाज

§  संधि

§  पुनरुक्ति

§  प्रति ध्वन्यात्मक शब्द निर्माण

§  अन्य 

(संक्षिप्त रूप (Abbreviation), संकुचित शब्द (Contraction), परिवर्णी शब्द (Acronym), कतित रूप (Clipped form))

इन्हें निम्नलिखित लिंक पर विस्तार से पढ़ सकते हैं-

 

(1) उपसर्ग योग : मूल शब्द अथवा निर्मित शब्दों में उपसर्ग जोड़कर नए शब्द बनाने की विधि उपसर्ग योग कहलाती है, जैसे-

अ + ज्ञान  = अज्ञान

अ + ज्ञात = अज्ञात

प्र + विशेषण = प्रविशेषण 

 यहां ध्यान रखने वाली बात है कि उपसर्ग मूल शब्द और निर्मित शब्द दोनों में जोड़े जा सकते हैंजैसे-

(अ) मूल शब्द के साथ उपसर्ग योग

§  देश => विदेश, प्रदेश

§  वाद  => विवाद, प्रतिवाद, अनुवाद

(आ) निर्मित शब्द के साथ उपसर्ग योग

§  उपसर्ग वाले शब्द के साथ उपसर्ग योग

सं + विधान = संविधान

§  प्रत्यय वाले शब्द के साथ उपसर्ग योग

वि + देशी = विदेशी

§  उपसर्ग और प्रत्यय वाले शब्द के साथ उपसर्ग योग

अ + संवैधानिक = असंवैधानिक

§  सामासिक शब्द के साथ उपसर्ग अयोग

उप + प्रधानमंत्री = उपप्रधानमंत्री

(2) प्रत्यय योग : मूल शब्द अथवा निर्मित शब्दों में प्रत्यय जोड़कर नए शब्द बनाने की विधि उपसर्ग योग कहलाती है, जैसे-

ज्ञान + ई = ज्ञानी

ज्ञात + आ = ज्ञाता

प्र्त्यय भी मूल शब्द और निर्मित शब्द दोनों में जोड़े जा सकते हैं, जैसे-

(अ) मूल शब्द के साथ प्रत्यय योग

§  देश => विदेश, प्रदेश

§  वाद  => विवाद, प्रतिवाद, अनुवाद

(आ) निर्मित शब्द के साथ प्रत्यय योग

§  उपसर्ग वाले शब्द के साथ प्रत्यय योग

संविधान + इक = संवैधानिक

§  प्रत्यय वाले शब्द के साथ प्रत्यय योग

राष्ट्रीय + ता = राष्ट्रीयता 

§  उपसर्ग और प्रत्यय वाले शब्द के साथ प्रत्यय योग

संवैधानिक + ता = संवैधानिकता

§  सामासिक शब्द के साथ प्रत्यय योग

भाषाविज्ञान + इक =  भाषावैज्ञानिक

(3) उपसर्ग एवं प्रत्यय योग

यह किसी मूल शब्द अथवा निर्मित शब्द में उपसर्ग और प्रत्यय दोनों जोड़ने की विधि है। हिंदी में उपसर्ग वाले शब्द में भी प्रत्यय जोड़कर नया शब्द बनाया जा सकता है, अथवा प्रत्यय वाले शब्द में भी उपसर्ग जोड़कर नया शब्द बनाया जा सकता है, जैसे- मानवता, विदेशी, विशेषता आदि।

 यहाँ ध्यान रखने वाली बात है कि कई बार शब्दों में उपसर्ग तभी जुड़ते हैं, जब उनके साथ पहले प्रत्यय आया हो। 

इसी प्रकार कई बार प्रत्यय तब जुड़ते हैं, जब शब्द के साथ पहले से उपसर्ग आया हो।

अतः यह दोनों उपसर्ग एवं प्रत्यय योग से शब्द निर्माण के दो अलग-अलग विधियां हैं। इन्हें निम्नलिखित प्रकार से समझ सकते हैं-

 उपसर्ग युक्त शब्द के साथ प्रत्यय जोड़ना

 विशेष + ता = विशेषता

 इसमें बिना उपसर्ग के मूल शब्द के साथ प्रत्यय नहीं जोड़ा जा सकता, क्योंकि 'शेषता' जैसा कोई शब्द नहीं होता।

प्रत्यय युक्त शब्द के साथ उपसर्ग जोड़ना

अ + मानवता = अमानवता

इसमें बिना 'ता' प्रत्यय के '' उपसर्ग का प्रयोग नहीं किया जा सकता, क्योंकि 'अमानव' जैसा कोई शब्द नहीं होता। 

 कुछ शब्दों के संदर्भ में एक ही शब्द की दोनों प्रकार से व्याख्या की जा सकती है-

 विदेशी = वि + देशी

विदेशी = विदेश + ई

(4) समास

इसके बारे में निम्नलिखित लिंक पर विस्तार से पढ़ सकते हैं-

हिंदी में समास (compounding in Hindi)

(5) संधि

इसके बारे में निम्नलिखित लिंक पर विस्तार से पढ़ सकते हैं-

संधि

(नोट- संधि और समास के बारे में इंटरनेट पर ऑनलाइन कई वेबसाइटों पर सामग्री उपलब्ध है। उसका स्वयं से अध्ययन करें।)

(6) पुनरुक्ति

एक ही शब्द का एक से अधिक बार (सामान्यतः दो बार) प्रयोग करके उससे दूसरे प्रकार का शब्द बनाना पुनरुक्ति कहलाता है, जैसे -

 वह घर-घर गया। (घर-घर)

 जो भी अच्छा-बुरा होगा, देखा जाएगा। (अच्छा-बुरा)

  पुनरुक्ति के दो प्रकार किए जाते हैं-

(क) पूर्ण पुनरुक्ति :  

जब पूरा शब्द दो बार प्रयुक्त होता है तो उसे पूर्ण पुनरुक्ति कहते हैं, जैसे- घर-घर, बार-बार, थोड़ा-थोड़ा, देखते-देखते आदि।

पूर्ण पुनरुक्ति का एक प्रकार समान अर्थ रखने वाले सार्थक शब्दों का प्रयोग करके पुनरुक्त शब्द बनाना भी है, जैसे- घर-बार, साथ-संगत, बाग-बगीचा आदि।

इसका दूसरा प्रकार विलोम शब्दों का प्रयोग करके पुनरुक्त शब्द बनाना है, जैसे- दिन-रात, इधर-उधर, ऊपर-नीचे आदि।

(नोट- जब किसी शब्द की पूर्ण पुनरुक्ति होती है तो दोनों के बीच में डैश का प्रयोग किया जाता है।)

(ख) आंशिक पुनरुक्ति :  

जब पहला शब्द सार्थक होता है और दूसरा शब्द उसी शब्द की पहली ध्वनि के स्थान पर '' या '' आदि का प्रयोग करते हुए निर्मित निरर्थक शब्द होता है, तो ऐसी पुनरुक्ति को आंशिक पुनरुक्ति कहते हैं, जैसे- चाय-वाय, घर-वर, कमरा-समरा, चाय-साय आदि।

(7) प्रति धवन्यात्मक शब्द निर्माण

बाह्य संसार में होने वाली ध्वनियों का अनुकरण करते हुए निर्मित किए जाने वाले शब्द इसके अंतर्गत आते हैं। इस प्रक्रिया से बनने वाले शब्द भी सामान्यतः पुनरुक्त शब्दों की तरह ही होते हैं, जैसे- धाँय, भौं-भौं, ठक-ठक आदि। 

(8) अन्य

इसके अंतर्गत अंग्रेजी के प्रभाव से हिंदी में आई हुई शब्द निर्माण की कुछ पद्धतियां रखी जा सकती हैं जिनमें से तीन महत्वपूर्ण हैं जिन्हें 'हिंदी की रूप संरचना' शीर्षक के अंतर्गत m.a. हिंदी में दूर शिक्षा निदेशालय, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा  की सामग्री में इस प्रकार से दिया गया है-

ज)    संक्षिप्त रूप (Abbreviation)शब्दों के आरंभ स्थान से कुछ वर्णों को लेकर भी बनाए गए शब्द इस श्रेणी में आते हैं। यह प्रक्रिया मूलतः अंग्रेजी जैसी भाषाओं में अपनाई जाती है, जैसे- professor के लिए prof., doctor के लिए dr. आदि। इन शब्दों का हिंदी में भी प्रो., डॉ. आदि के रूप में प्रचलन देखा जा सकता है।

(झ)    संकुचित शब्द (Contraction)यह भी अंग्रेजी (या इस प्रकार की) भाषाओं में शब्द-निर्माण की विशेषता है, जैसे- I am के लिए I’m, it is या it has के लिए it’s, she will के लिए she’ll आदि।

(ञ)    परिवर्णी शब्द (Acronym)कई शब्दों वाले किसी नाम के शब्दों के प्रथम वर्णों या अक्षरों को मिलाने से बनने वाले शब्दपरिवर्णी शब्दकहलाते हैं। यह भी हिंदी में अंग्रेजी के प्रभाव से आया है, जैसे- भाजपा, BBC आदि।

(ट)      कतित रूप (Clipped form)यह भी मुख्यतः अंग्रेजी (या इस प्रकार की) भाषाओं में शब्द-निर्माण की विशेषता है। प्रायः ऐसे शब्दों का हिंदी में देवनागरीकरण कर लिया जाता है, जैसे- telephone के लिए ‘phone’ को हिंदी मेंफोन’, gymnasium के लिए ‘gym’ को हिंदी मेंजिमआदि।

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