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Friday, March 27, 2020

हिंदी में समास (compounding in Hindi)

दो या दो से अधिक शब्दों को जोड़कर नया स्वतंत्र शब्द बनाने की प्रक्रिया समास है। समास द्वारा निर्मित शब्द को सामासिक शब्द कहते हैं। हिंदी में समास के माध्यम से अनेक शब्दों का निर्माण होता है। इस प्रक्रिया में दो शब्द आपस में जुड़ते हैं तथा एक नए अर्थ की अभिव्यक्ति करते हैं। आपस में जुड़ने वाले शब्दों के बीच कोई प्रत्यय आदि दिखाई नहीं पड़ता है किंतु उन शब्दों के बीच किसी-न-किसी विभक्ति का लोप होता है। समास द्वारा निर्मित शब्दों को अलग-अलग विश्लेषित किया जा सकता है। किसी सामासिक शब्द को विश्लेषित करने की प्रक्रिया को समास-विग्रह कहते हैं। समास के निम्नलिखित प्रकार किए गए हैं-
(क)    अव्ययीभाव समास- वह समास जिसमें पहला पद प्रधान होता है और पूरा शब्द क्रियाविशेषण का कार्य करता हैअव्ययीभाव समास हैजैसे- यथासंभवप्रतिपलभरसक आदि।
(ख)   तत्पुरुष समास- वह समास जिसमें दूसरा पद प्रधान होता हैतत्पुरुष समास कहलाता है। इस समास में पहला शब्द अधिकांशतः संज्ञा या विशेषण होता है और उसके विग्रह में इस शब्द के साथ कर्ता और संबोधन’ के अलावा सभी कारक संबंध प्राप्त होते हैं। उदाहरण- राजमाता (राजा की माता)स्वर्गदूत (स्वर्ग का/से आया हुआ दूत) आदि। तत्पुरुष के मुख्यतः दो भेद हैं- व्याधिकरण तत्पुरुष और समानाधिकरण तत्पुरुष। समानाधिकरण तत्पुरुष को ही कर्मधारय समास कहा गया है।
(ग)     कर्मधारय समास- जिस समास के विग्रह में दोनों घटक शब्दों में एक ही विभक्ति पाई जाती हैउसे कर्मधारय समास कहते हैं। इसके कई उपभेद हैं,जिन्हें मुख्यतः दो वर्गों में रखा गया है- विशेषतावाचक कर्मधारय, जैसे- महाजन, पुरुषोत्तम आदि; उपमावाचक कर्मधारय, जैसे- चंद्रमुखी, चरणकमल आदि।
(घ)     द्वंद्व समास- जिस समास में दो पद मिलकर एक ही इकाई का कार्य करते हैंउसे द्वंद्व समास कहते हैं। इसके मुख्यतः तीन भेद किए गए हैं- इतरेतर द्वंद्व, जैसे- भाई-बहन, रोटी-कपड़ा आदि; समाहार द्वंद्व, जैसे- चाय-पानी, घर-बार आदि; और वैकल्पिक द्वंद्व, जैसे- कम-अधिक, थोड़ा-बहुत आदि।
(ङ)     बहुब्रीहि समास- वह समास जिसमें कोई भी पद प्रधान नहीं होता और जिसमें दोनों पदों के अर्थ की जगह एक नए अर्थ की प्राप्ति होती हैबहुब्रीहि समास कहलाता हैजैसे- अनंत (जिसका कोई अंत न हो = आकाश /ईश्वर)लंबोदर (लंबा है उदर जिसका = गणेश) आदि।
(च)    द्विगु समास- वह समास जिसमें पहला पद संख्यावाची शब्द होता हैद्विगु समास कहलाता है, जैसे- त्रिभुवनपंचवटीअष्टाध्यायीदोपहरचौमासासतसईचौराहादुपट्टाचहारदिवारी आदि।

नोट- किसी भी हिंदी व्याकरण की पुस्तक में विस्तार से पढ़ सकते हैं।

संदर्भ-

हिंदी की शब्द संरचना

(दूर शिक्षाम.गा.अं.हिं.वि.,वर्धा के एम.ए. हिंदी की पाठ्य सामग्री में)

पाठ्यचर्या का शीर्षक :  हिंदी भाषा एवं भाषा-शिक्षण
खंड: 2– हिंदी भाषा-संरचना
इकाई – 2 : शब्‍द संरचना

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