पर्यायवाची शब्द
वे शब्द जो एक ही अर्थ को अभिव्यक्त
करते हैं, आपस में पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं। वैसे
पर्यायवाची शब्दों के स्वरूप और पृष्ठभूमि आदि के आधार पर उनके प्रयोग और व्यवहार
में सूक्ष्म अंतर होता है, किंतु उनके द्वारा अभिव्यक्त
बाह्य संसार में अर्थ एक ही रहता है। कुछ पर्यायवाची शब्दों के उदाहरण इस प्रकार
हैं-
शब्द
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पर्याय
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जल
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पानी, वारि, नीर, तोय, अंबु, सलिल
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आग
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अग्नि, पावक, दाहक, अनल, कृशानु
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प्रकाश
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रोशनी, ज्योति, उजाला,
चमक, प्रभा
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सूर्य
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सूरज, दिवाकर, प्रभाकर, रवि, दिनकर, दिवाकर, आदित्य
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स्त्री
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महिला, औरत, नारी, रमणी, कांता, अबला
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हवा
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वायु, पवन, अनिल, समीर, मारुत, वात
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रास्ता
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राह, पथ, पंथ, मार्ग
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रात
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रात्रि, निशा, रैन, रजनी, यामिनि
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वैसे तो पर्यायवाची शब्द एक ही अर्थ
की अभिव्यक्ति करते हैं, किंतु
उनके प्रयोग के परिवेश अलग-अलग होते हैं, जहाँ एक शब्द की
जगह दूसरे शब्द का प्रयोग नहीं होता। उदाहरण के लिए ‘पानी’ और ‘जल’ पर्यायवाची हैं किंतु
‘गंगाजल’ की जगह ‘गंगापानी’ नहीं लिखा जा सकता। इसी प्रकार ‘रात, रात्रि और रैन’ पर्यायवाची
हैं, किंतु ‘रात्रिकाल’ की जगह ‘रातकाल/रैनकाल’ अथवा ‘रैन-बसेरा’ की जगह ‘रात-बसेरा/रात्रि-बसेरा’ शब्दों प्रयोग संभव नहीं है। अतः पर्यायवाची शब्दों का व्यवहार करते समय
उनके परिवेश का ध्यान रखना आवश्यक है।
Sir
ReplyDeleteparyayvachi shabd ki full pdf bhi share kre pls
thank you