विकारी और अविकारी शब्दवर्ग (Declinable and Indeclinable word categories)
किसी शब्द के रूप बनने की स्थिति को
विकार कहते हैं और जिन शब्दों के रूप बनते हैं उन्हें विकारी शब्द कहते हैं।
उदाहरण के लिए निम्नलिखित शब्दों को देखें-
लड़का – लड़का, लड़के, लड़कों
प्यारा – प्यारा, प्यारे, प्यारी
कैसा – कैसा, कैसे, कैसी
इन शब्दों के रूप में लिंग और वचन के
आधार पर परिवर्तन हो रहा है। अतः इन्हें विकारी शब्द कहेंगे।
पश्चिमी व्याकरण परंपरा के आधार पर 08
शब्दवर्गों (parts of speech) की
बात की गई है-
1.
संज्ञा
2.
सर्वनाम
3.
क्रिया
4.
विशेषण
5.
क्रियाविशेषण
6.
संबंधबोधक
7.
योजक
8.
विस्मयबोधक
इनमें से प्रथम चार शब्दवर्गों को
विकारी शब्दवर्ग के अंतर्गत रखा जाता है, क्योंकि इन शब्दवर्गों के अधिकांश शब्द विकारी होते हैं। इन्हें दो-दो
उदाहरणों के साथ दिया जा रहा है-
1.
संज्ञा
लड़का – लड़का, लड़के, लड़कों
गाय- गाय, गायें, गायों
2.
सर्वनाम
मैं- मैंने, मुझे, मुझको, मुझसे, मेरा, मेरी, मेरे, मुझमें, मुझपर
वह – उसने, उसे, उसको, उससे, उसका/की/के, उसमें, उसपर
3.
क्रिया
चलना – चल, चलना, चलनी, चलने, चलता, चलती, चलते, चला, चली, चले, चलेगा, चलेगी, चलेंगे, चलेंगी, चलूँगा, चलूँगी, चलिए, चलिएगा, चलो, चलकर।
खाना – खा, खाना, खानी, खाने, खाता, खाती, खाते, खाया, खायी, खाए, खाएगा, खाएगी, खाएँगे, खाएँगी, खाऊँगा, खाऊँगी, खाइए, खाइएगा, खाओ, खाकर।
4.
विशेषण
अच्छा – अच्छा, अच्छे, अच्छी
प्यारा – प्यारा, प्यारे, प्यारी
इनके अलावा शेष चार शब्दवर्गों को
अविकारी शब्दवर्गों के अंतर्गत रखा जाता है-
1.
क्रियाविशेषण
2.
संबंधबोधक
3.
योजक
4.
विस्मयबोधक
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