दैनिक भास्कर से साभार .....
पूरा पढ़ने के लिए इस लिंक पर जाएँ-
क्या कोई मरा हुआ एक्टर दोबारा पर्दे पर दिख सकता है? साधारण तौर पर इसका जवाब है- नहीं, लेकिन AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में यह संभव है। एक्टर की पुरानी फिल्मों, वीडियोज, फोटोज और पब्लिक अपियरेंस के विजुअल्स को इकट्ठा कर AI की मदद से एक वर्चुअल मॉडल तैयार किया जा सकता है। फिर इसे फिल्मों में यूज किया जा सकता है।
एक्टर की गैरमौजूदगी में बॉडी डबल उनके हिस्से की शूटिंग करते हैं, AI की मदद से इसकी भी जरूरत नहीं पड़ेगी। इसकी हेल्प से बॉडी डबल की जगह डिजिटल डबल डेवलप होगा, जो खतरनाक एक्शन सीक्वेंस आसानी से शूट कर देगा।
रील टु रियल के नए एपिसोड में हमने फिल्म मेकिंग में AI के बढ़ते प्रभाव, महत्व और दुरुपयोग पर बात की। इसके लिए दैनिक भास्कर ने VFX कंपनी चलाने वाले डायरेक्टर सैम भट्टाचार्जी से चर्चा की।
बॉडी डबल की जगह लेगा डिजिटल डबल?
आप फिल्मी टर्म में बॉडी डबल का काम तो जानते ही होंगे। बॉडी डबल उसे कहते हैं, जो एक्टर्स की गैरमौजूदगी में उनके हिस्से की शूटिंग करते हैं। सैम के मुताबिक, वो दिन दूर नहीं जब बॉडी डबल की जगह डिजिटल डबल जैसी चीजें सुनने को मिलेंगी। डिजिटल डबल AI के जरिए डेवलप की गई एक टेक्नोलॉजी है, जिसका यूज फिल्मों में किया जा रहा है। हॉलीवुड में इसकी शुरुआत हो चुकी है। आने वाले समय में इंडियन सिनेमा में भी इस टेक्नोलॉजी का यूज किया जाएगा।
अब समझिए, डिजिटल डबल है क्या?
एक्टर के चेहरे और बॉडी को AI की मदद से पहले स्कैन किया जाता है। AI एक्टर के चेहरे से लेकर उनके हाव भाव को समझती है। फोटोगैमेट्री नाम की एक मशीन के जरिए एक्टर की बॉडी को 360 डिग्री तक स्कैन किया जाता है, फिर उससे वर्चुअली एक्टर की तरह दिखने वाला एक हमशक्ल तैयार किया जाता है। यह देखने में बिल्कुल इंसान की तरह दिखेगा, हालांकि उसे छुआ या महसूस नहीं किया जा सकता।
सैम भट्टाचार्जी ने कहा कि हॉलीवुड फिल्मों में AI टेक्नोलॉजी का काफी यूज किया जाता है। एक्शन सीक्वेंस को फिल्माने में इस कॉन्सेप्ट का सबसे ज्यादा यूज किया जाता है। फिल्म एक्स मकिना, द मैट्रिक्स और रोबोट एंड फ्रैंक में इस तकनीक का काफी प्रयोग हुआ है।
No comments:
Post a Comment