व्याकरण (Grammar) क्या है
किसी भाषा की संरचना (structure of a language) के नियमों की व्यवस्थित प्रस्तुति व्याकरण है। व्याकरण में भाषा के नियमों को कई स्तरों पर देखा जाता है, जिनमें तीन मूलभूत हैं - ध्वनि स्तर, शब्द स्तर और वाक्य स्तर।
व्याकरण (Grammar) क्या है
किसी भाषा की संरचना (structure of a language) के नियमों की व्यवस्थित प्रस्तुति व्याकरण है। व्याकरण में भाषा के नियमों को कई स्तरों पर देखा जाता है, जिनमें तीन मूलभूत हैं - ध्वनि स्तर, शब्द स्तर और वाक्य स्तर।
दैनिक भास्कर से साभार, लिंक :
विस्तार से इस लिंक पर पढ़ें।
ये वीडियो गूगल एआई स्टूडियो से लिया गया है।
अब वीडियो बनाने के लिए महंगे कैमरे, भारी-भरकम लाइट्स या फिल्म क्रू की जरूरत नहीं पड़ेगी। सिर्फ कुछ टेक्स्ट प्रॉम्प्ट, एक आइडिया और कुछ एआई टूल्स से आप भी एनिमेशन से लेकर फिल्मी वीडियो तक बना सकते हैं। मेटा-गूगल जैसी बड़ी टेक कंपनियों ने भी हाल में ऐसे टूल्स लॉन्च किए हैं जो आम यूजर के लिए उपयोगी हैं।
ये हैं 5 उपयोगी एआई टूल्स
1. मेटा एआई मेटा एआई से केवल टेक्स्ट टाइप करके छोटे-छोटे एनिमेटेड वीडियो बना सकते हैं। आप इससे वॉट्सएप या इंस्टाग्राम पर सीधे चैट करते हैं और यह 6 सेकंड तक का एक विजुअल क्लिप बना देता है। यह एक फ्री टूल है।
2. गूगल एआई स्टूडियो यह गूगल का वेब-बेस्ड वीडियो जनरेशन प्लेटफॉर्म है जहां आप एक टेक्स्ट प्रॉम्प्ट डालते हैं और यह उससे एक वीडियो तैयार कर देता है। इसमें दो मॉडल होते हैं। aistudio.google.com पर जाएं। इसके कोई चार्ज नहीं है।
3. इनवीडियो एआई इनवीडियो एक ऐसा टूल है जो आपके लिखे हुए टेक्स्ट से पूरा वीडियो बनाता है, जिसमें क्लिप्स, बैकग्राउंड म्यूजिक, सबटाइटल और वॉयसओवर भी शामिल होते हैं। ai.invideo.io पर जाएं। एजुकेशन वीडियो में उपयोगी है।
4. क्लिंग एआई क्लिंग एआई अधिक विजुअली रिच वीडियो बनाता है। आप इसमें बताकर बना सकते हैं कि कौन सा कैरेक्टर हो, उसका कपड़ा, जगह कैसी हो, कैमरा एंगल क्या हो और यह उसके हिसाब से एक सीन बनाता है। app.klingai.com पर जाएं। फ्री वर्जन, वॉटरमार्क के साथ आता है।
5. रनवे एमएल रनवे फोटोग्राफ से वीडियो क्लिप बनाता है या टेक्स्ट से पहले फोटो और फिर उससे मूविंग सीन। यह वीडियो की लंबाई को स्टेबल रखता है। उसमें बेसिक मोशन जोड़ता है। app.runwayml.com पर जाएं। फ्री में 25 सेकंड तक का वीडियो बना सकते हैं।
AI से वीडियो बनाते समय ध्यान रखने वाली ये जरूरी बातें
न्यूरालिंक डिवाइस क्या है?
दैनिक भास्कर से साभार।
पूरा पढ़ने के लिए लिंंक-
1. फोन को सीधे ब्रेन से जोड़ेगा न्यूरालिंक ने सिक्के के आकार का एक डिवाइस बनाया है जिसे "लिंक" नाम दिया गया है। ये डिवाइस कंप्यूटर, मोबाइल फोन या किसी अन्य उपकरण को ब्रेन एक्टिविटी (न्यूरल इम्पल्स) से सीधे कंट्रोल करने में सक्षम करता है। उदाहरण के लिए, पैरालिसिस से पीड़ित व्यक्ति मस्तिष्क में चिप के प्रत्यारोपित होने के बाद केवल यह सोचकर माउस का कर्सर मूव कर सकेंगे कि वे इसे कैसे मूव करना चाहते हैं।
2. कॉस्मैटिक रूप से अदृश्य चिप न्यूरालिंक ने कहा, हम पूरी तरह से इम्प्लांटेबल, कॉस्मैटिक रूप से अदृश्य ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस डिजाइन कर रहे हैं, ताकि आप कहीं भी जाने पर कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस को कंट्रोल कर सकें। माइक्रोन-स्केल थ्रेड्स को ब्रेन के उन क्षेत्रों में डाला जाएगा जो मूवमेंट को कंट्रोल करते हैं। हर एक थ्रेड में कई इलेक्ट्रोड होते हैं जो उन्हें "लिंक" नामक इम्प्लांट से जोड़ते हैं।
3. रोबोटिक प्रणाली डिजाइन की कंपनी ने बताया कि लिंक पर थ्रेड इतने महीन और लचीले होते हैं कि उन्हें मानव हाथ से नहीं डाला जा सकता। इसके लिए कंपनी ने एक रोबोटिक प्रणाली डिजाइन की है जिससे थ्रेड को मजबूती और कुशलता से इम्प्लांट किया जा सकता है।
इसके साथ ही न्यूरालिंक ऐप भी डिजाइन किया गया है ताकि ब्रेन एक्टिविटी से सीधे अपने कीबोर्ड और माउस को बस इसके बारे में सोच कर कंट्रोल किया जा सके।
डिवाइस को चार्ज करने की भी जरूरत होगी। इसके लिए कॉम्पैक्ट इंडक्टिव चार्जर भी डिजाइन किया गया है जो बैटरी को बाहर से चार्ज करने के लिए वायरलेस तरीके से इम्प्लांट से जुड़ता है।
ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस टेक्नोलॉजी से बनाई चिप
एलन मस्क ने जिस टेक्नोलॉजी के जरिए चिप बनाई है उसे ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस या शॉर्ट में BCIs कहा जाता है। इस पर कई और कंपनियां भी सालों से काम कर रही हैं।
ये सिस्टम ब्रेन में रखे गए छोटे इलेक्ट्रोड का इस्तेमाल पास के न्यूरॉन्स से संकेतों को "पढ़ने" के लिए करता है। इसके बाद सॉफ्टवेयर इन सिग्नल्स को कमांड या एक्शन में डिकोड करता है, जैसे कि कर्सर या रोबोटिक आर्म को हिलाना।
20 साल से पैरालाइज्ड ऑड्रे क्रूज न्यूरालिंक ब्रेन इम्प्लांट के जरिए कंप्यूटर कंट्रोल करने वाली दुनिया की पहली महिला बन गई हैं। ऑड्रे क्रूज ने न्यूरालिंक चिप की मदद से मेंटल कमांड्स (दिमागी निर्देश) देकर पहली बार लैपटॉप पर अपना नाम लिखा और कुछ डूडल्स यानी तस्वीरें बनाईं। जिसकी कुछ फोटोज ऑड्रे क्रूज के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X से शेयर की गई हैं।
मैंने 20 सालों में पहली बार अपना नाम लिखने की कोशिश की
पहले पोस्ट में लैपटॉप स्क्रीन की एक फोटो शेयर की गई, जिसमें व्हाइट स्क्रीन पर डिजिटली हैंडरिटन 'Audrey' लिखा दिखाई दे रहा है। इस फोटो को शेयर कर उन्होंने ने लिखा, 'मैंने 20 सालों में पहली बार अपना नाम लिखने की कोशिश की। मैं इस पर और काम कर रही हूं।'
वहीं दूसरे पोस्ट में डूडल्स की दो फोटोज शेयर कर ऑड्रे क्रूज ने लिखा, 'ये रहे मेरे बनाए कुछ और डूडल्स। इमेजिन कीजिए कि आपकी पॉइंटर फिंगर लेफ्ट क्लिक है और कर्सर मूवमेंट आपकी रिस्ट यानी कलाई से होता है। मैं फिजिकल मूवमेंट किए बिना, ये कर रही हूं। टेलीपैथी का इस्तेमाल करते हुए बस एक सामान्य दिन।'
ऑड्रे क्रूज ने जो डूडल्स बनाए हैं, उनमें एक रेड हार्ट, फेस, बर्ड और एक पिज्जा दिखाई दे रहा है। लैपटॉप स्क्रीन पर यह सभी डूडल्स ऑड्रे ने टेलीपैथी के जरिए बनाए हैं।
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संध्याकालीन
पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए दिए गए लिंक को क्लिक करें।
इसके पश्चात प्रवेश
संबंधी सूचना 2025 का पृष्ठ खुलता
है। उसमें नीचे बताए गए चित्र के अनुसार दिए गए बिंदु पर विवरणिका और अनापत्ति
प्रमाण पत्र आदि डाउनलोड किया जा सकता है।
आवेदन
करने के लिए आवेदन पत्र पर क्लिक करें, जिससे आवेदन
संबंधी गूगल फॉर्म का लिंक खुल जाता है, जो इस प्रकार है-
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLScxIZOfaA86Xfl7hZLpj5s1RP9zhwgAdmtxwl7j7zM9dxasbg/viewform
निम्नलिखित क्यू.आर.
कोड को स्कैन करके भी उक्त लिंक पर जा सकते हैं-
यहाँ पर
क्रमशः मांगी गई सूचनाएँ भरें और आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण करें।
यदि व्हाट्सएप में किसी के द्वारा भेजा गया कोई लिंक क्लिक करते ही किसी ऐप में खुल जा रहा है जिसमें आप नहीं चाहते हैं तो इसके लिए सेटिंग में जाकर उस ऐप को खोलिए और clear default preferences को क्लिक करके सारा डिफॉल्ट क्लियर कर दीजिए। इसके बाद आप जिस ऐप में चाहें उसमें खोल सकते हैं।
उदाहरण के लिए जब मुझे कोई लोकेशन लिंक भेज रहा था तो वह क्लिक करते ही ओला में खुल जा रहा था। इसे हटाने के लिए मैंने सेटिंग में जाकर ओला ऐप खोला तथा Clear default preferences को क्लिक कर दिया। अब मैं लिंक को किसी भी दूसरे एप में खोल सकता हूँ।
ओला में पहले इस प्रकार से क्लियर करें -
अब लिंक को क्लिक करने पर ऐसा आएगा -
अब आप मन चाहे एप को चुन सकते हैं।
तकनीक बहुत तेजी से बदल रही है। 21वीं शताब्दी का युग कृत्रिम बुद्धिमत्ता का युग है। इसमें पीछे रहने का मतलब है कि हो सकता है कि आने वाली पीढियों के लिए हम बंदर मात्र रह जाएँ। इसलिए आधुनिक मानव सभ्यता के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए आवश्यक है कि हमें कृत्रिम बुद्धि के अनुप्रयोग और विकास प्रक्रिया दोनों का प्रचुर मात्रा में ज्ञान हो। कम से कम हमारे बच्चों के लिए तो यह अतिआवश्यक है, क्योंकि आने वाले समय में लगभग सभी प्रकार की पारंपरिक नौकरियाँ और व्यवसाय खत्म हो जाएँगे। इसलिए मुख्य धारा में केवल वही लोग बचेंगे, जिनके पास कृत्रिम बुद्धि का ज्ञान ज्ञान होगा तथा उस स्तर तक सोचने की क्षमता रख सकेंगे। इसलिए हम सबके लिए अपनी आने वाली पीढ़ियाँ के लिए आवश्यक है कि अपने आप को कृत्रिम बुद्धि के ज्ञान तक अध्ययन करें।
कृत्रिम बुद्धि के बारे में यह समाचार बहुत डराने वाला है-
मेरा मानना है कि इससे डरने की जरूरत नहीं है बल्कि हमें अपने आप को अद्यतन करना है। इसके लिए सुविधा भी अब ऑनलाइन सहज रूप में उपलब्ध होती जा रही है, क्योंकि उसी के समानांतर यह दूसरा समाचार भी देखा जा सकता है।
कॉलेज-स्टूडेंट्स को ₹19,500 का सब्सक्रिप्शन फ्री में दे रहा गूगल:AI प्रो प्लान में 2 TB स्टोरेज, Veo 3 भी मिलेगा; जानें इसे क्लेम करने की प्रोसेस
गुगल अब भारतीय कॉलेज स्टूडेंट्स को अपने प्रीमियम गूगल AI प्रो प्लान का एक साल का फ्री सब्सक्रिप्शन देगा। इसकी कीमत 19,500 रुपए सालाना है। ये 18 साल से ऊपर के कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए है। ऑफर 15 सितंबर 2025 तक वैलिड है।
इस प्लान में स्टूडेंट्स को जेमिनी 2.5 Pro जैसे एडवांस्ड AI टूल्स, 2TB क्लाउड स्टोरेज से लेकर वीडियो बनाने के लिए Veo 3 का सब्सक्रिप्शन मिलेगा।
यहां हम सवाल-जवाब में पूरी डिटेल्स बता रहे हैं..
सवाल 1: इस Gemini AI Pro प्लान में क्या-क्या मिलेगा?
जवाब: इस प्लान में शामिल है…