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Wednesday, October 29, 2025
लघु अवधि कार्यक्रम/ संकाय संवर्धन कार्यक्रम (Short Term Program/ Faculty Development Program)
प्रोफेसर, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा
Professor, Kendriya Hindi Sansthan, Agra
(Managing Director : Ms. Ragini Kumari)
Wednesday, October 22, 2025
पुनरुक्ति (Reduplication) द्वारा शब्द निर्माण
जब किसी शब्द को ज्यों का त्यों या थोड़ा परिवर्तन करके दोहराया जाता है और उससे नया अर्थ या भाव उत्पन्न होता है, तो उसे पुनरुक्ति द्वारा शब्द निर्माण कहा जाता है। उदाहरण: घर-घर, दिन-दिन, धीरे-धीरे, बात-वात, मीठा-मीठा, चलो-चलो आदि।
पुनरुक्ति
के प्रमुख प्रकार
|
क्रम |
प्रकार |
विवरण |
उदाहरण |
|
1. |
पूर्ण (Full) पुनरुक्ति |
एक ही शब्द को ज्यों का त्यों
दोहराया जाता है। |
धीरे-धीरे, दिन-दिन, घर-घर |
|
2. |
आंशिक (Partial) पुनरुक्ति |
दूसरे शब्द में थोड़ा
परिवर्तन किया जाता है (ध्वनि या रूप में)। |
चाय-वाय, रंग-बिरंगा, बात-वात, रोना-धोना |
|
3. |
आर्थी (Semantic) पुनरुक्ति |
समानार्थी या विलोम शब्दों का
प्रयोग किया जाता है |
धूप-छाँव, रात-दिन,
बाग-बगीचा |
|
4. |
ध्वन्यात्मक (Phonetic /Onomatopoeic) पुनरुक्ति |
शब्दों की पुनरावृत्ति से ध्वनि या आवाज की
नकल की जाती है। |
टन-टन, छन-छन, ठक-ठक, धड़ाम-धड़ाम |
कुछ उदाहरणों
की अर्थ सहित सूची:
|
शब्द |
पुनरुक्ति रूप |
अर्थ |
|
घर |
घर-घर |
प्रत्येक घर |
|
बात |
बात-वात |
कुछ बातें |
|
रंग |
रंग-बिरंगा |
विविध रंगों वाला |
|
धीरे |
धीरे-धीरे |
क्रमशः (धीमी गति से) |
|
चलो |
चलो-चलो |
जोश के साथ आग्रह करना |
|
ना |
ना-ना |
मना करना |
|
टन |
टन-टन |
घंटी की आवाज़ |
|
धूप |
धूप-छाँव |
मिलीजुली स्थिति |
भाषायी महत्व:
·
भाषा
को लय, सुंदरता और भावनात्मक गहराई प्रदान करता है।
·
यह लोकभाषा और काव्य में अत्यधिक प्रयुक्त होता है।
·
पुनरुक्ति
से बल, भाव या विविधता व्यक्त
की जाती है।
प्रोफेसर, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा
Professor, Kendriya Hindi Sansthan, Agra
(Managing Director : Ms. Ragini Kumari)
Tuesday, October 21, 2025
भारतीय भाषा परिवार: Perspectives and Horizons
प्रोफेसर, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा
Professor, Kendriya Hindi Sansthan, Agra
(Managing Director : Ms. Ragini Kumari)
भारतीय भाषा परिवार: A New Framework in Linguistics
प्रोफेसर, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा
Professor, Kendriya Hindi Sansthan, Agra
(Managing Director : Ms. Ragini Kumari)
Tuesday, October 14, 2025
303 हिंदी भाषा की संरचना
- भाषा और व्याकरण (Language and
Grammar)
- हिंदी की ध्वनियाँ (Hindi Sounds)
- ध्वनि, वर्ण और अक्षर (Sound, Letter and
Syllable)
- शब्दों में ध्वनियों का वितरण (Distribution
of Soun...
- प्रभेदक लक्षण (Distinctive
Features)
- व्यतिरेकी, परिपूरक और मुक्त वितरण (Contrastive,
C...
प्रोफेसर, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा
Professor, Kendriya Hindi Sansthan, Agra
(Managing Director : Ms. Ragini Kumari)
संधि (Sandhi) : परिभाषा और प्रकार
परिभाषा :
जब दो शब्द या वर्ण मिलते हैं और उनके मेल से ध्वनि या रूप में परिवर्तन होता है, उसे संधि कहते हैं, जैसे- राम + इश्वर = रामेश्वर ।
संधि के तीन प्रकार
| नाम | संक्षिप्त विवरण | उदाहरण | |
|---|---|---|---|
| 1 | स्वर संधि | जब दो स्वरों के मिलने से नया स्वर बनता है। | राम + ईश्वर = रामेश्वर |
| 2 | व्यंजन संधि | जब दो व्यंजनों के मिलने से ध्वनि परिवर्तन होता है। | सत् + जन = सज्जन |
| 3 | विसर्ग संधि | जब किसी शब्द के अंत में ः (विसर्ग) हो और उसके बाद कोई स्वर या व्यंजन आए, तो परिवर्तन होता है। | दुः + जन = दुर्जन |
स्वर संधि के प्रकार :
| उपप्रकार | नियम | उदाहरण |
|---|---|---|
| दीर्घ संधि | समान स्वर मिलने पर दीर्घ स्वर बनता है। | विद्या + आलय = विद्यालय |
| गुण संधि | अ/आ + इ/ई = ए, अ/आ + उ/ऊ = ओ | राम + ईश = रमेश |
| वृद्धि संधि | अ/आ + ए/ओ = ऐ/औ | मत + ऐक्य = मतैक्य |
| अयादि (यण) संधि | इ, ई, उ, ऊ के पहले अ/आ होने पर य/व | इति + आदि = इत्यादि |
स्वर संधि अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1: निम्नलिखित शब्दों में स्वर संधि करके नए शब्द लिखिए।
-
राम + ईश्वर = ______
-
देव + इंद्र = ______
-
पुनः + उक्ति = ______
-
तथा + अपि = ______
-
देव + आलय = ______
प्रश्न 2: बताइए कि किस प्रकार की स्वर संधि हुई है?
-
राम + ईश्वर = रामेश्वर
-
सदा + एव = ______
-
ज्ञान + उपदेश = ______
-
अति + अधिक = ______
प्रोफेसर, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा
Professor, Kendriya Hindi Sansthan, Agra
(Managing Director : Ms. Ragini Kumari)
प्रत्यय द्वारा शब्द निर्माण (Making Word with Suffixes)
परिभाषा :
जब किसी मूल शब्द के अंत में कोई प्रत्यय जोड़ा जाता है और उससे नया अर्थ वाला शब्द बनता है, तो उस प्रक्रिया को प्रत्यय द्वारा शब्द निर्माण कहते हैं।
कुछ सामान्य प्रत्यय और उनसे बने शब्द
| प्रत्यय | मूल शब्द | नया शब्द | अर्थ |
|---|---|---|---|
| -ई | भला | भलाई | भला होने का गुण या अवस्था |
| -ता | सुंदर | सुंदरता | सुंदर होने का भाव या गुण |
| -पन | छोटा | छोटापन | छोटा होने की अवस्था |
| -कार | कला | कलाकार | कला दिखाने वाला |
| -दार | हवा | हवादार | खुला स्थान |
| -आई | पढ़ | पढ़ाई | पढ़ने की क्रिया |
| -बाज | कला | बाज | कला दिखाने वाला |
| -वत् | पूर्व | पूर्ववत् | पिछली तरह का होना |
| -मय | प्रेम | प्रेममय | भरे होने का अर्थ |
| -मंद | भरोसा | भरोसेमंद | भरोसा करने योग्य |
प्रत्यय द्वारा शब्द निर्माण अभ्यास
प्रश्न 1: प्रत्यय जोड़कर नया शब्द बनाइए।
-
मानव + ता = ______
-
सुंदर + ता = ______
-
मीठा + आस = ______
-
भला + ई = ______
-
ज्ञान + ई = ______
प्रश्न 2: सही प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए।
-
खेल + ___ = खेलना
-
बोल + ___ = बोलना
-
पुस्तक + ___ = पुस्तकीय
-
शिल्प + ___ = शिल्पी
-
प्रेम + ___ = प्रेममय
प्रश्न 3: दिए गए शब्दों में प्रत्यय पहचानिए।
-
दीर्घता → प्रत्यय: ______
-
आवारापन → प्रत्यय: ______
-
पढ़ाई → प्रत्यय: ______
-
प्रेममय → प्रत्यय: ______
-
चरागाह → प्रत्यय: ______
प्रोफेसर, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा
Professor, Kendriya Hindi Sansthan, Agra
(Managing Director : Ms. Ragini Kumari)
समास : परिभाषा और प्रकार (Compounding : Definition and Types)
समास की परिभाषा:
जब दो या दो से अधिक शब्द मिलकर एक नया और संक्षिप्त शब्द बनाते हैं, जिसमें पहले शब्दों का कुछ अंश लुप्त हो जाता है, उसे समास कहते हैं, जैसे- राजा + पुत्र = राजपुत्र, सीता + हरण = सीताहरण आदि।
समास के प्रकार:
| क्रमांक | समास का नाम | उदाहरण | संक्षिप्त अर्थ / पहचान |
|---|---|---|---|
| 1 | अव्ययीभाव समास | यथाशक्ति, प्रति दिन | जब समास का प्रथम पद अव्यय (असंग्या शब्द) होता है और वही प्रधान होता है। |
| 2 | तत्पुरुष समास | रसोईघर, ग्रामवासी, जलपान | जब समास में दूसरा पद प्रधान होता है और पहला पद उसकी विशेषता या संबंध बताता है। |
| 3 | कर्मधारय समास | नीलकमल, मधुरवाणी | पहला पद (विशेषण) दूसरे पद (विशेष्य) की विशेषता बताता है |
| 4 | द्वंद्व समास | माता-पिता, दिन-रात, सुख-दुख | जब दोनों पद समान महत्व रखते हैं और संयुक्त रूप में अर्थ देते हैं। |
| 5 | बहुव्रीहि समास | त्रिनेत्र (शिव), दशानन (रावण) | जब बने हुए शब्द का अर्थ किसी तीसरे व्यक्ति या वस्तु पर लागू होता है। |
कुछ सामासिक शब्दों का उदाहरण सहित विश्लेषण:
नीलकमल = नीला + कमल → (कर्मधारय समास)
जलपान = जल + पान → (तत्पुरुष समास)
राम-लक्ष्मण = राम और लक्ष्मण → (द्वंद्व समास)
दिनभर = दिन + भर → (अव्ययीभाव समास)
चतुर्भुज = चार भुजाओं वाला (विष्णु) → (बहुव्रीहि समास)
त्रिवेणी = तीन + वेणियाँ (नदियाँ) → (द्विगु समास)
समास अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1: समास करके नया शब्द बनाइए।
-
राजा + पुत्र = ______
-
ग्राम + वासी = ______
-
नील + कमल = ______
-
सुख + दुःख = ______
प्रश्न 2: दिए गए शब्दों का विग्रह कीजिए।
-
मानवशास्त्र = ______
-
नीलकमल = ______
-
माता-पिता = ______
-
पंचमुख = ______
-
यथास्थिति = ______
प्रश्न 3: समास का प्रकार पहचानिए।
-
लौहपुरुष = ______
-
कमलनयन = ______
-
माता-पिता = ______
-
पंचमुख = ______
-
प्रतिदिन = ______
प्रश्न 4: रिक्त स्थान भरिए।
-
______ समास में पहले पद अव्यय होता है। (उत्तर: अव्ययीभाव)
-
______ समास में दोनों पद समान महत्व रखते हैं। (उत्तर: द्वंद्व)
-
______ समास में बने शब्द का अर्थ किसी तीसरे पर लागू होता है। (उत्तर: बहुव्रीहि)
-
______ समास में पहला पद विशेषण और दूसरा प्रधान होता है। (उत्तर: तत्पुरुष)
-
______ समास में एक पद दूसरे पद की विशेषता बताता है। (उत्तर: कर्मधारय)
प्रोफेसर, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा
Professor, Kendriya Hindi Sansthan, Agra
(Managing Director : Ms. Ragini Kumari)
Sunday, October 12, 2025
विमर्श और मानविकी पत्रिकाएं
प्रोफेसर, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा
Professor, Kendriya Hindi Sansthan, Agra
(Managing Director : Ms. Ragini Kumari)
Thursday, October 9, 2025
गवेषणा अंक 140
प्रोफेसर, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा
Professor, Kendriya Hindi Sansthan, Agra
(Managing Director : Ms. Ragini Kumari)
















































