न्यूरालिंक डिवाइस क्या है?
दैनिक भास्कर से साभार।
पूरा पढ़ने के लिए लिंंक-
1. फोन को सीधे ब्रेन से जोड़ेगा न्यूरालिंक ने सिक्के के आकार का एक डिवाइस बनाया है जिसे "लिंक" नाम दिया गया है। ये डिवाइस कंप्यूटर, मोबाइल फोन या किसी अन्य उपकरण को ब्रेन एक्टिविटी (न्यूरल इम्पल्स) से सीधे कंट्रोल करने में सक्षम करता है। उदाहरण के लिए, पैरालिसिस से पीड़ित व्यक्ति मस्तिष्क में चिप के प्रत्यारोपित होने के बाद केवल यह सोचकर माउस का कर्सर मूव कर सकेंगे कि वे इसे कैसे मूव करना चाहते हैं।
2. कॉस्मैटिक रूप से अदृश्य चिप न्यूरालिंक ने कहा, हम पूरी तरह से इम्प्लांटेबल, कॉस्मैटिक रूप से अदृश्य ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस डिजाइन कर रहे हैं, ताकि आप कहीं भी जाने पर कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस को कंट्रोल कर सकें। माइक्रोन-स्केल थ्रेड्स को ब्रेन के उन क्षेत्रों में डाला जाएगा जो मूवमेंट को कंट्रोल करते हैं। हर एक थ्रेड में कई इलेक्ट्रोड होते हैं जो उन्हें "लिंक" नामक इम्प्लांट से जोड़ते हैं।
3. रोबोटिक प्रणाली डिजाइन की कंपनी ने बताया कि लिंक पर थ्रेड इतने महीन और लचीले होते हैं कि उन्हें मानव हाथ से नहीं डाला जा सकता। इसके लिए कंपनी ने एक रोबोटिक प्रणाली डिजाइन की है जिससे थ्रेड को मजबूती और कुशलता से इम्प्लांट किया जा सकता है।
इसके साथ ही न्यूरालिंक ऐप भी डिजाइन किया गया है ताकि ब्रेन एक्टिविटी से सीधे अपने कीबोर्ड और माउस को बस इसके बारे में सोच कर कंट्रोल किया जा सके।
डिवाइस को चार्ज करने की भी जरूरत होगी। इसके लिए कॉम्पैक्ट इंडक्टिव चार्जर भी डिजाइन किया गया है जो बैटरी को बाहर से चार्ज करने के लिए वायरलेस तरीके से इम्प्लांट से जुड़ता है।
ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस टेक्नोलॉजी से बनाई चिप
एलन मस्क ने जिस टेक्नोलॉजी के जरिए चिप बनाई है उसे ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस या शॉर्ट में BCIs कहा जाता है। इस पर कई और कंपनियां भी सालों से काम कर रही हैं।
ये सिस्टम ब्रेन में रखे गए छोटे इलेक्ट्रोड का इस्तेमाल पास के न्यूरॉन्स से संकेतों को "पढ़ने" के लिए करता है। इसके बाद सॉफ्टवेयर इन सिग्नल्स को कमांड या एक्शन में डिकोड करता है, जैसे कि कर्सर या रोबोटिक आर्म को हिलाना।