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Sunday, February 2, 2025

समुच्चयबोधक (Conjunction) :: अभ्यास :

 समुच्चयबोधक (Conjunction) :: अभ्यास :

पहले इस लिंक को खोलकर समुच्चयबोधक (Conjunction) के बारे में पढ़ें-

समुच्चयबोधक (Conjunction)

निम्नलिखित वाक्यों में उचित समुच्चयबोधक का प्रयोग करें-

§  इस कक्षा में लड़का ..... ..... लड़की पढ़ते हैं।

§  तुम आज ..... ..... कल काम पर नहीं आना।

§  आज मैं बीमार हूँ, ..... ..... मुझे छुट्टी चाहिए।

§  मुझे छुट्टी चाहिए, ..... ..... मैं बीमार हूँ।

§  कृपया मेरा काम कर दीजिए, ..... ..... यह बहुत जरूरी है।

§  ..... ..... तुम मेहनत नहीं करोगे, ..... ..... कैसे सफल हो जाओगे।

§  ..... ..... बारिश होती है, ..... ..... यहाँ कीचड़ भर जाता है।

 

 

समुच्चयबोधक (Conjunction)

 समुच्चयबोधक (Conjunction)

समुच्चयबोधक वे शब्द होते हैं जो दो या अधिक शब्दों, वाक्यों या वाक्यांशों को जोड़ने का कार्य करते हैं। इन्हें अव्ययके अंतर्गत रखा जाता है।

समुच्चयबोधक अव्ययों के प्रकार:

1.   संयोजक समुच्चयबोधक (Coordinating Conjunctions) – समान स्तर के वाक्यांशों या वाक्यों को जोड़ते हैं।

o   उदाहरण: और, तथा, एवं, भी, तथा, अथवा

o   जैसे: राम और श्याम स्कूल जाते हैं।

2.   विकल्प सूचक समुच्चयबोधक (Alternative Conjunctions) – विकल्प का बोध कराते हैं।

o   उदाहरण: या, अथवा, नहीं तो

o   जैसे: तुम पढ़ाई करो या खेलो।

3.   विरोध सूचक समुच्चयबोधक (Adversative Conjunctions) – विपरीत विचार व्यक्त करते हैं।

o   उदाहरण: परंतु, लेकिन, किंतु, मगर, फिर भी

o   जैसे: वह अमीर है, किंतु दयालु नहीं है।

4.   कारण दर्शाने वाले समुच्चयबोधक (Causal Conjunctions) – कारण प्रकट करते हैं।

o   उदाहरण: क्योंकि, इसीलिए, चूंकि

o   जैसे: वह बीमार था, इसलिए स्कूल नहीं गया।

5.   परिणाम सूचक समुच्चयबोधक (Consequence Conjunctions) – किसी कार्य के परिणाम को प्रकट करते हैं।

o   उदाहरण: अतः, इस कारण, इसलिए

o   जैसे: परीक्षा नजदीक है, अतः तैयारी करो।

6.   शर्त सूचक समुच्चयबोधक (Conditional Conjunctions) – शर्त को व्यक्त करते हैं।

o   उदाहरण: यदि, तो, जब, मानो

o   जैसे: यदि तुम मेहनत करोगे, तो सफल हो जाओगे।

 

Thursday, January 30, 2025

संवाद से वर्णन में परिवर्तन (Dialogue to Description Conversion) :

 संवाद से वर्णन में परिवर्तन (Dialogue to Description Conversion) :

पहले पढ़ें :

            ·       संवाद लेखन (Dialogue Writing)

 

संवाद से वर्णन में परिवर्तन :

किसी संवाद को वर्णन में बदलने के लिए उसमें कही गई बातों को विवरणात्मक रूप में प्रस्तुत करते हैं। इसे कुछ उदाहरणों से समझ सकते हैं-

उदाहरण -01

संवाद:

राहुल: "मुझे यह किताब बहुत पसंद आई। इसकी कहानी बेहद रोचक है!"

समीरा: "सच में? तो मुझे भी इसे पढ़नी चाहिए!"

राहुल: "हाँ, तुम्हें जरूर पढ़नी चाहिए। तुम्हें भी बहुत पसंद आएगी।"

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उक्त संवाद का वर्णन में परिवर्तन:

राहुल ने उत्साहित होकर किताब के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त की। उसे इसकी कहानी अत्यंत रोचक लगी। समीरा ने उसकी प्रतिक्रिया सुनकर जिज्ञासा प्रकट की और कहा कि यदि यह इतनी अच्छी है, तो उसे भी इसे पढ़नी चाहिए। राहुल ने सहमति जताते हुए उसे इस किताब को पढ़ने की सिफारिश की, यह विश्वास दिलाते हुए कि यह उसे भी बहुत पसंद आएगी।

उदाहरण -02

संवाद:

रीना: सुमित, देखो! मौसम कितना बदल गया है। लगता है बारिश होने वाली है। 

सुमित: (मुस्कुराते हुए) हाँ, और मुझे बारिश में भीगना बहुत पसंद है। 

रीना: (चिंतित होकर) लेकिन ठंडी हवा चल रही है। अगर भीग गए, तो तुम्हें सर्दी हो जाएगी। 

सुमित: (हँसते हुए) अरे, कुछ नहीं होगा। बारिश में भीगने का मज़ा ही कुछ और है। 

रीना: ठीक है, लेकिन अगर बीमार पड़े, तो मुझे मत कहना। मैं तो घर के अंदर जा रही हूँ। 

सुमित: (मज़ाक करते हुए) ठीक है, तुम जाओ। मैं थोड़ी देर और यहीं रुकूँगा। 

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उक्त संवाद का वर्णन में परिवर्तन:

रीना और सुमित घर के बाहर खड़े थे। अचानक मौसम बदलने लगा। काले बादल छा गए, और ठंडी हवा चलने लगी। रीना ने महसूस किया कि बारिश होने वाली है। उसने सुमित से कहा कि वे घर के अंदर चले जाएँ। लेकिन सुमित को बारिश में भीगने का बहुत शौक था। वह बाहर ही खड़ा रहना चाहता था। रीना ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हुआ।

..................

उदाहरण -03

संवाद:

राम: "मुझे भूख लगी है। कुछ खाने को मिलेगा?"

सीता: "हाँ, मैं तुम्हारे लिए कुछ बना देती हूँ।"

उक्त संवाद का वर्णन में परिवर्तन:

राम ने भूख महसूस की और भोजन की तलाश में इधर-उधर देखा। उसने सीता की ओर मुड़कर पूछा कि क्या कुछ खाने के लिए मिल सकता है। सीता ने मुस्कुराते हुए सहमति जताई और प्रेमपूर्वक उसके लिए कुछ पकाने की पेशकश की।

.........................

उदाहरण -04

संवाद:

श्रेया: "देखो, आसमान में कितने सुंदर बादल हैं!"

आरव: "हाँ, ऐसा लग रहा है जैसे बारिश होने वाली है।"

श्रेया: "काश, हल्की फुहारें पड़ें तो मज़ा आ जाए!"

उक्त संवाद का वर्णन में परिवर्तन:

श्रेया ने उत्साहपूर्वक आसमान की ओर इशारा किया और वहाँ फैले सुंदर बादलों की ओर ध्यान दिलाया। आरव ने भी ऊपर देखते हुए सहमति व्यक्त की और अनुमान लगाया कि शायद बारिश होने वाली है। श्रेया ने मुस्कुराते हुए अपनी इच्छा ज़ाहिर की कि यदि हल्की फुहारें गिरें, तो माहौल और भी सुहावना हो जाएगा।

क्रियाविशेषण प्रयोग : उदाहरण और अभ्यास

 क्रियाविशेषण प्रयोग : उदाहरण और अभ्यास

निम्नलिखित वाक्यों में उचित क्रिया विशेषण भरें‌-

§    तुम बहुत ..... चलते हो।

§    मैं .... देर से उठा।

§    मैं .... देर से उठता हूँ।

§    अब तुम ......... जाओगे।

§    आज वह लड़का ..... विद्यालय आया।

उत्तर :

§    तुम बहुत ..जल्दी-जल्दी.. चलते हो।

§    तुम बहुत ... धीरे-धीरे ... चलते हो।

§    तुम बहुत ... तेज ... चलते हो।

§    तुम बहुत ...तेजी से ... चलते हो।

 

§    मैं .. आज .. देर से उठा।

§    मैं .. सुबह .. देर से उठा।

§    मैं .. कल .. देर से उठा।

§    मैं ..सोमवार को.. देर से उठा।

 

§    मैं ..हमेशा.. देर से उठता हूँ।

§    मैं .. अब .. देर से उठता हूँ।

§    मैं ..मार्च में .. देर से उठता हूँ।

§    मैं ..सोमवार को .. देर से उठता हूँ।

 

§    अब तुम ....कैसे..... जाओगे?

§    अब तुम ....कब..... जाओगे?

§    अब तुम ....कहाँ ..... जाओगे?

§    अब तुम ..... किधर .... जाओगे?

§    अब तुम ..... इधर .... जाओगे।

§    अब तुम ..... उधर .... जाओगे।

§    अब तुम ..... यहाँ .... जाओगे।

§    अब तुम ..... वहाँ .... जाओगे।

§    अब तुम ..... सोमवार को.... जाओगे।

§    अब तुम ..... मार्च में .... जाओगे।

 

§    आज वह लड़का ... जल्दी ... विद्यालय आया।

§    आज वह लड़का ... देर से ... विद्यालय आया।

§    आज वह लड़का ... आराम से... विद्यालय आया।

§    आज वह लड़का ... कैसे ... विद्यालय आया?

§    आज वह लड़का ... कब ... विद्यालय आया?

§    आज वह लड़का ... किधर से ... विद्यालय आया?