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Wednesday, October 14, 2020

वाक्य रचना और अध्याहार

 वाक्य रचना और अध्याहार

  सामान्य जीवन में वक्ता और श्रोता के बीच विभिन्न संदर्भों के अनुरूप वाक्यों का व्यवहार किया जाता है। अतः वक्ता जब भी श्रोता को संबोधित करते हुए कोई बात कहता है, तो वह यह देखता है कि कितने शब्द बोलने से उसकी बात श्रोता समझ जाएगा। इसलिए वह केवल उतने ही शब्द बोलता है, जितने से संप्रेषण हो जाए। इसके विपरीत हम अपने व्याकरणिक ज्ञान के आधार पर हम यह मानकर चलते हैं कि किसी वाक्य रचना के लिए आवश्यक सभी संभव शब्दों को वाक्य में आना चाहिए। वाक्य रचना के लिए आ सकने वाले सभी आवश्यक शब्दों के स्थान पर उनमें से कुछ शब्दों को छोड़कर केवल कुछ ही शब्दों के माध्यम से छोटा वाक्य बनाने की प्रक्रिया अध्याहारकहलाती है।

 दूसरे शब्दों में- ‘अध्याहारवह प्रक्रिया है, जिसमें वक्ता द्वारा वाक्य-निर्माण करते समय उन शब्दों को छोड़ दिया जाता है, जिनसे श्रोता पहले से परिचित होता है। इस प्रकार वाक्य की लंबाई छोटी हो जाती है और संप्रेषण करना अधिक सुगम हो जाता है। संदर्भ के अनुरूप या सामान्य ज्ञानके आधार पर वाक्य निर्माण में कई प्रकार के अध्याहार किए जाते हैं। आपने अल्पांग वाक्य (sentence fragment) शीर्षक के अंतर्गत अपूर्ण वाक्य रचना के कई प्रकार पढ़े होंगे। ये सभी अध्याहार के माध्यम से निर्मित होते हैं। वाक्य निर्माण में आए हुए शब्दों के अलावा बचे हुए शब्दों का अध्याहार कर दिया जाता है। इसे कुछ प्रकारों में विभक्त करके देख सकते हैं-

1.  सरल वाक्य में अध्याहार

अल्पांग वाक्य (sentence fragment) निर्माण सरल वाक्यों में अध्याहार करके किया जाता है। यह विभिन्न प्रकार से हो सकता है, जैसे-

1.1 सरल वाक्य में कर्ता का अध्याहार

·       आओ।

·       यहां बैठो।

·       वहां चलिए।

इन उदाहरणों में पहले दो वाक्यों में तुम/तू और तीसरे वाक्य में आप का अध्याहार किया गया है।

1.2 कर्ता और कर्म दोनों का अध्याहार

·       इधर रखो।

·       उधर कर दीजिए।

इन वाक्यों में कर्ता और कर्म दोनों का अध्याहार हुआ है। इनका पूर्ण वाक्य के रूप में संभावित विस्तार इस प्रकार है-

·       तुम अपना सामान इधर रखो।

·       आप यह सामान उधर कर दीजिए।

2. मिश्र वाक्यों में अध्याहार

मिश्र वाक्य के निर्माण में कई प्रकार के शब्दों का अध्याहार किया जाता हैइसमें विशेष रूप से उन पदों/पदबंधों/वाक्यांशों का अध्याहार होता है, जिनकी उपवाक्यों में पुनरावृत्ति होती हैउदाहरण के लिए निम्नलिखित वाक्यों को देख सकते हैं-

·       तुम्हारा काम भी वैसे ही हो जाएगा जैसे मेरा

·       वह भी वैसे ही रोता है जैसे तुम

 इन वाक्यों में हम देख सकते हैं कि मुख्य उपवाक्य के जिस अंग की पुनरावृत्ति ‘आश्रित उपवाक्य’ में होती हुई दिख रही है, उसका अध्याहार कर दिया गया है। ये वाक्य पूरे बनाए जाएँ, तो इस प्रकार बनेंगे-

·       तुम्हारा काम भी वैसे ही हो जाएगा जैसे मेरा हो गया था

·       वह भी वैसे ही रोता है जैसे तुम रोते हो

3. संयुक्त वाक्यों में अध्याहार

 मिश्र वाक्य की तरह संयुक्त वाक्य के निर्माण में भी शब्दों/पदों/पदंबंधों या वाक्यांशों का अध्याहार होता हैइनमें भी विशेष रूप से उन्हीं पदबंधों या वाक्यांशों का अध्याहार कर दिया जाता है, जिनकी पुनरावृत्ति हो रही होती है या अर्थ की दृष्टि से जो संदर्भ में आ चुके रहते हैंउदाहरण के लिए निम्नलिखित वाक्यों को देख सकते हैं-

·       मैं बाजार जाऊँगा और फल खरीदूँगा।

·       मैं आम तोड़ूँगा और बाजार में बेचूँगा

 इन वाक्यों में संदर्भ के आधार पर पुनरावृति होने वाले शब्दों का अध्याहार किया गया हैइनका पूरा विस्तार इस प्रकार से किया जा सकता है-

·       मैं बाजार जाऊँगा और बाजार से फल खरीदूँगा

·       मैं आम तोड़ूँगा और तोड़े हुए आम बाजार में भेजूंगा

इन्हें देखकर हम समझ सकते हैं कि जिन शब्दों/पदबंधों का अध्याहार किया गया है, वे शब्द/पदबंध शब्द संदर्भ द्वारा समझे जा सकते हैंइसलिए उन्हें छोड़कर वाक्य निर्मित किया गया है ताकि वाक्य छोटा और संप्रेषणीय रहे।

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