भाषाविज्ञान की भूमिका : देवेंद्रनाथ शर्मा
देवेंद्रनाथ शर्मा एक सुप्रसिद्ध आधुनिक भारतीय भाषाविद
हैं। इन्होंने ‘भाषाविज्ञान की
भूमिका’ नामक पुस्तक का लेखन किया है,
जो राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली से
प्रकाशित है। इसका प्रथम संस्करण 1966 में प्रकाशित हुआ था। इस पुस्तक में सहलेखक
के रूप में दीप्ति शर्मा हैं।
भाषाविज्ञान की भूमिका पुस्तक में आचार्य देवेंद्रनाथ
शर्मा द्वारा भाषा और भाषाविज्ञान से संबंधित लगभग सभी पक्षों का परिचय दिया गया
है। इसके अंतर्गत भाषा, भाषा
का विकास और प्रयोग, भाषा की विशेषताएँ, भाषा के रूप, उत्पत्ति, भाषा
परिवर्तन की चर्चा करते हुए भाषाओं के वर्गीकरण और भाषा-परिवारों को विस्तार से
समझाया गया है।
इसके पश्चात भाषाविज्ञान के अंतर्गत भाषाविज्ञान के
स्वरूप, प्रकार अन्य ज्ञानशास्त्रों से संबंध की
चर्चा करते भाषाविज्ञान के अंगों- ध्वनिविज्ञान, पदविज्ञान, वाक्यविज्ञान और अर्थविज्ञान का परिचय दिया गया है। आगे आचार्य शर्मा ने
भाषाविज्ञान के इतिहास का संक्षिप्त विवरण देते हुए लिपि और भाषाविज्ञान के विविध
आयामों की बात की है। अंत में परिशिष्ट है।
पुस्तक का लिंक-
भाषाविज्ञान की भूमिका (Bhashavigyan ki Bhumika) : देवेंद्रनाथ शर्मा
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