भाषाविज्ञान क्या है? (What is Linguistics?)
भाषाविज्ञान वह विषय है, जिसके अंतर्गत मानव भाषाओं का
वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है। इसमें किसी भाषा विशेष के अध्ययन पर बल नहीं दिया
जाता, बल्कि भाषा मात्रा के अध्ययन पर बल दिया जाता है। इसमें
ऐसे नियमों और सिद्धांतों को विकसित करने का प्रयास किया जाता है, जिनसे विश्व की किसी भी भाषा का अध्ययन किया जा सके।
(1) भाषाविज्ञान : विज्ञान या
सामाजिक विषय ?
भाषाविज्ञान के संबंध में एक प्रश्न जरूर किया जाता
है कि यह कोई विज्ञान की शाखा है या कोई सामाजिक विषय है? इस संबंध में भाषावैज्ञानिकों का मत
है की भाषाविज्ञान न तो पूरी तरह से विज्ञान है और न ही
सामाजिक विषय। बल्कि यह दोनों की संधि पर अर्थात दोनों के बीच में स्थिति विषय है।
इस दृष्टि से यही कहा जा सकता है कि भाषाविज्ञान की विश्लेषण पद्धति वैज्ञानिक है, जबकि इसकी विषयवस्तु सामाजिक है। अर्थात ‘भाषा’ एक
सामाजिक वस्तु है। इसे किसी प्राकृतिक पदार्थ की तरह प्रस्तुत करके नहीं
दिखाया जा सकता, क्योंकि इसका संबंध मानव मन और
मानव व्यवहार से है; किंतु भाषा की इकाइयों के विश्लेषण के लिए भाषाविज्ञान वैज्ञानिक नियमों
और सिद्धांतों का प्रतिपादन करता है। अतःअपनी पद्धति में भाषाविज्ञान एक विज्ञान के रूप में
उभरकर सामने आता है तो विषयवस्तु इसे
सामाजिक विज्ञान की श्रेणी में ला देती है। इसी कारण भाषाविज्ञान पर विज्ञान और
सामाजिक विषय की दृष्टि से विचार करते हुए भाषा वैज्ञानिकों द्वारा कहा गया है
भाषा विज्ञान सभी वैज्ञानिक विषयों में सबसे ज्यादा
सामाजिक है तो सभी सामाजिक विषयों में सबसे ज्यादा वैज्ञानिक है।
(2) भाषाविज्ञान के प्रकार (Types of Linguistics)
(क्लिक करके पढ़ें)
(3) ) सैद्धांतिक बनाम अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान
(क्लिक करके पढ़ें)
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