व्युत्पादक और रूपसाधक रूपविज्ञान (Derivational and Inflectional Morphology)
रूपविज्ञान के दो प्रकार किए जाते हैं- व्युत्पादक रूपविज्ञान (Derivational Morphology) और रूपसाधक
रूपविज्ञान (Inflectional Morphology)।
व्युत्पादक रूपविज्ञान का कार्यशब्दों से नए शब्दों का सृजन करना है अर्थात
इसमें शब्दों के साथउपसर्ग प्रत्यय या दूसरे शब्दआदि जोड़कर नए शब्द बनाए जाते हैं
अतःउत्पादक रूप विज्ञान के अंतर्गत निम्नलिखित प्रकार के कार्य एवं इनसे संबंधित
अध्ययन आते हैं-
§ उपसर्ग योग
§ प्रत्यय योग
§ संधि
§ समास
रूपसाधक रूपविज्ञान का संबंध शब्दरूपों (Word forms) के निर्माण से है। रूपविज्ञान की वह शाखा जिसके
अंतर्गत शब्द रूपों का निर्माण किया जाता है। रूपसाधक रूपविज्ञान कहलाती है। इसके
अंतर्गत निम्नलिखित बातें आती हैं-
§ संज्ञा शब्दों की पद (रूप) संरचना (Morph. Structur...
§ सर्वनाम शब्दों की पद (रूप) संरचना (Morph Structure...
§ क्रिया शब्दों की पद (रूप) संरचना (Morph. Structure...
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