वाक्य
स्तर पर अन्विति (Agreement
on Sentence Level)
हिंदी में वाक्य स्तर पर ‘कर्ता’ और ‘कर्म’ के साथ ‘क्रिया पदबंध’ की अन्विति होती है। इन्हें निम्नलिखित प्रकार से देख सकते हैं-
2.1
कर्ता और क्रिया की अन्विति
कर्ता के बाद किसी परसर्ग (ने, को, से, द्वारा) आदि का प्रयोग न होने पर ‘क्रिया’ की अन्विति ‘कर्ता’ के
साथ होती है, जैसे-
§    मोहन आम खाता है।
§    सीता आम खाती है।
§    तुम अपने घर में
आम खाते हो।
§    मैं बाजार से
खरीदकर पके हुए आम खाता हूँ।
अभ्यास : 
‘कर्ता’ के साथ अन्विति के अनुसार कोष्ठक में दिए गए शब्दों के उचित रूप से खाली स्थान
भरें- 
§    दिनेश बाजार से बहुत सारी सब्जी .... ....
। (लाना + है) 
§    सरिता बाजार से बहुत सारी सब्जी .... ....
। (लाना + है) 
§    राम और मोहन बाजार से बहुत सारी सब्जी .... ....
। (लाना + है) 
§    मैं बाजार से बहुत सारी सब्जी .... ....
। (लाना + है) 
§    तुम बाजार से बहुत सारी सब्जी .... ....
। (लाना + है) 
§    वे बाजार से बहुत सारी सब्जी .... ....
। (लाना + है) 
§    वह बाजार से बहुत सारी सब्जी .... ....
। (लाना + है) 
उत्तर
: 
§    दिनेश बाजार से बहुत सारी सब्जी .... लाता
है .... । (लाना + है) 
§    सरिता बाजार से बहुत सारी सब्जी .... लाती
है .... । (लाना + है) 
§    राम और मोहन बाजार से बहुत सारी सब्जी ....  लाते हैं.... । (लाना + है) 
§    मैं बाजार से बहुत सारी सब्जी .... लाता
हूँ/लाती हूँ.... । (लाना + है) 
§    तुम बाजार से बहुत सारी सब्जी .... लाते
हो/लाती हो.... । (लाना + है) 
§    वे बाजार से बहुत सारी सब्जी .... लाते
हैं/लाती हैं .... । (लाना + है) 
§    वह बाजार से बहुत सारी सब्जी .... लाता
है/लाती है .... । (लाना + है) 
2.2
कर्म और क्रिया की अन्विति
‘कर्ता + परसर्ग’ होने पर ‘क्रिया’ की अन्विति ‘कर्म’ के साथ होती है, जैसे-
§  मोहन ने आम खाया।
§  सीता ने आम खाया।
§  मोहन ने मिठाई खाई।
§  सीता ने मिठाई खाई।
§  तुमने अपने घर में आम खाया।
§  तुमने अपने घर में मिठाई खाई।
§  मैंने बाजार से
खरीदकर पके हुए 10 आम खाए।
§  मैंने बाजार से
खरीदकर स्वादिष्ट मिठाई खाई।
अभ्यास : ‘कर्म’ के साथ अन्विति के अनुसार कोष्ठक में दिए गए शब्दों के उचित रूप से खाली स्थान
भरें- 
§    दिनेश  ने बाजार से बहुत सारी सब्जी .... .... । (लाना + है) 
§    सरिता ने बाजार से बहुत सारी सब्जी .... ....
। (लाना + है) 
§    दिनेश  ने बाजार से एक आम .... .... । (लाना + था) 
§    सरिता ने बाजार से एक आम .... .... ।
(लाना +था) 
§    दिनेश  ने बाजार से एक जलेबी .... .... । (लाना) 
§    सरिता ने बाजार से एक जलेबी .... .... ।
(लाना) 
§    दिनेश  ने बाजार से दस आम .... .... । (खरीदना) 
§    सरिता ने बाजार से दस आम .... .... ।
(खरीदना ) 
उत्तर : 
§    दिनेश  ने बाजार से बहुत सारी सब्जी
.... लाई है.... । (लाना + है) 
§    सरिता ने बाजार से बहुत सारी सब्जी ....लाई है
.... । (लाना + है) 
§    दिनेश  ने बाजार से एक आम
.... लाया था .... । (लाना + था) 
§    सरिता ने बाजार से एक आम .... लाया .... ।
(लाना +था) 
§    दिनेश  ने बाजार से एक जलेबी
.... लाई .... । (लाना) 
§    सरिता ने बाजार से एक जलेबी .... लाई .... ।
(लाना) 
§    दिनेश  ने बाजार से दस आम
.... खरीदे .... । (खरीदना) 
§    सरिता ने बाजार से दस आम .... खरीदे.... ।
(खरीदना ) 
गृहकार्य
: कर्ता और कर्म से अन्विति वाले 05-05 वाक्य बनाकर लाएँ। (14-02-25)
2.3
स्वतंत्र क्रिया (अन्वितिहीनता)
जब कर्ता और कर्म दोनों के बाद परसर्ग आता है तो क्रिया स्वतंत्र (एकवचन, पुल्लिंग) रहती है, जैसे-
कर्ता क्रिया अन्विति के साथ दो वाक्य : 
§  मोहन सीता को मारता है।
§  सीता  मोहन को मारती है।
अन्वितिहीनता के साथ वही दो वाक्य
: 
§  मोहन ने सीता को मारा।
§  सीता ने मोहन को मारा।
2.4
कर्ता + कर्मपूरक अन्विति
‘कर्ता + कर्मपूरक पदबंध’ वाले वाक्यों
में कर्ता के साथ कर्मपूरक की भी अन्विति होती है। जैसे-
§  यह आम बहुत अच्छा है। 
§  यह जलेबी बहुत अच्छी है। 
 
 
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