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Sunday, February 23, 2025

हिंदी में वाच्य (Voice in Hindi)

 हिंदी में वाच्य (Voice in Hindi)

वाच्य वह व्याकरणिक कोटि है जिसके माध्यम से अर्थ की दृष्टि से कर्ता, कर्म अथवा क्रिया के मुख्य (प्रधान) और गौण होने का पता चलता है।

हिंदी में इसके तीन प्रकार होते हैं-

§  कर्तृवाच्य

§  कर्मवाच्य

§  भाववाच्य

आगे इन्हें विस्तार से देखते हैं-

(क) कर्तृवाच्य (Active Voice)

जिस वाक्य में कर्ता प्रधान (मुख्य) होता है, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं। उदाहरण :

§  मोहन आम खाता है।

§  मोहन ने आम खाया।

§  तुम विद्यालय जाओ।

§  क्या आज सीता मेला देखने जाएगी?

§  कल बाजार में कौन दौड़ रहा था?

§  मुझे अब खाना खाना है।

कर्तृवाच्य वाक्य में कर्ता तीन रूपों में आ सकता है-

1) बिना परसर्ग के : मोहन आम खाता है।

2) नेपरसर्ग के साथ : मोहन ने आम खाया।

3) को परसर्ग के साथ : अब तुमको जाना चाहिए।

 

(ख) कर्मवाच्य (Passive Voice)

जिस वाक्य में कर्म प्रधान (मुख्य) होता है, उसे कर्मवाच्य कहते हैं। उदाहरण :

§  मोहन द्वारा आम खाया जाता है।

§  मोहन द्वारा आम खाया गया।

§  अब राम के द्वारा दुकान चलाई जाएगी।

नोट (1) : कर्मवाच्य वाक्य में कर्ता के बाद द्वारा/के द्वारा/सेका प्रयोग होता है-

1) कर्ता + द्वारा : मोहन द्वारा आम खाया गया।

2) कर्ता + के द्वारा : मोहन के द्वारा आम खाया गया।

3) कर्ता + से : मोहन से आम मँगाया गया।

नोट (2) : कर्मवाच्य रूप केवल सकर्मक क्रिया वाले वाक्यों के बनते हैं।

 

(ग) भाववाच्य

जिस वाक्य में क्रिया या भाव ही प्रधान (मुख्य) होता है, उसे भाववाच्य कहते हैं। उदाहरण :

§  मोहन से चला नहीं जाता।

§  अब उससे उठा नहीं जाता।

§  राम से दुकान चलाई नहीं जाती।

नोट (1) : भाववाच्य वाक्य में कर्ता के बाद सेका प्रयोग होता है।

नोट (2) : ऐसे वाक्य नकारात्मकहोते हैं तथा इनमें कर्ता क्रिया को संपादित करने में समर्थ नहीं होता।

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