रचना में भाषा प्रौद्योगिकी का योगदान
यहाँ ‘रचना’ शब्द से तात्पर्य ‘किसी विधा विशेष में लेखन’ से है। भाषा
प्रौद्योगिकी वह विषय है जिसमें मानव भाषाओं के ज्ञान को मशीन में इस प्रकार से
स्थापित करने का प्रयास किया जाता है कि मशीन द्वारा भाषा संबंधी कार्य कराए जा
सकें। भाषा प्रौद्योगिकी के प्रमुख अनुप्रयोग क्षेत्र इस प्रकार हैं-
1. मशीनी अनुवाद (Machine
Translation)
2. प्रकाशिक अक्षर पहचान (Optical
Character Recognition)
3. पाठ से वाक् और वाक् से पाठ (Speech-to-Text
and Text-to-Speech)
4. सूचना प्रत्ययन (Information
Extraction and Information Retrieval)
5. पाठ सारांशीकरण (Text
Summarization)
6. संगणकीय कोशकला और संगणकीय
कोशविज्ञान (Computational Lexicography and
Computational Lexicology)
7. संगणक साधित भाषा अधिगम (Computer
Assisted Language Learning)
8. प्रश्न उत्तर प्रणालियाँ (Question
Answer Systems)
9. भाषा पठन और लेखन सहयोग (Language
Reading and Writing Adds)
10. वाक् संज्ञानक (Voice
Recognizer)
कृत्रिम बुद्धि के वर्तमान समय में
भाषा प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग क्षेत्र का विस्तार ऐसी प्रणालियों के विकास तक हो
गया है, जो पाठ को समझ
सकें, किसी विषय पर नए पाठों का सृजन कर सकें या मनुष्य के
साथ वार्तालाप कर सकें।
आज चैटजीपीटी, gemini आदि अनेक
ऐसी प्रणालियाँ देखी जा सकती हैं, जो लिखित या वाचिक रूप में
मनुष्य के साथ वार्तालाप करने में सक्षम हैं। साथ ही पाठ के स्तर पर इनकी सहायता
से 'अनुच्छेद, निबंध, कहानी, संवाद, वर्णन, रिपोर्ट आदि का लेखन कराया जा सकता है तथा इनका आपस में परिवर्तन भी कराया
जा सकता है, जैसे-
·
संवाद से वर्णन में परिवर्तन (Dialogue to Descripti...
·
वर्णन से संवाद परिवर्तन (Description to Dialogue C...
·
भाषण (Speech) से समाचार रिपोर्ट (News
Report) परिवर्तन… आदि
अतः आज ‘रचना’ (किसी विधा विशेष में लेखन) में भाषा प्रौद्योगिकी का बहुत अधिक योगदान
हो चुका है। आज कृत्रिम बुद्धि युक्त टूल्स के माध्यम से हम किसी भी विधा में
प्रारंभिक स्तर की रचना कर सकते हैं। उदाहरण के लिए चैटजीपीटी से निर्मित कुछ
रचनाएँ देख सकते हैं-
§ अनुच्छेद और निबंध लेखन (Paragraph and Essay Writing)
§ संवाद लेखन (Dialogue Writing)
§
समाचार रिपोर्ट लेखन (News Report
Writing)
§
पल्लवन या विस्तारण
(Expansion or Elaboration)
इस प्रकार स्पष्ट है कि आज कृत्रिम
बुद्धि के युग में ‘रचना’ में भाषा प्रौद्योगिकी का पर्याप्त
योगदान हो चुका है तथा समय के साथ इसमें और वृद्धि भी हो रही है।
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