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Tuesday, January 28, 2025

वर्णन से संवाद परिवर्तन (Description to Dialogue Change)

 वर्णन से संवाद परिवर्तन (Description to Dialogue Change)

वर्णन (Description):

किसी व्यक्ति, वस्तु, घटना या स्थान आदि के बारे में पैराग्राफ या पाठ के रूप में सूचनाओं, अपने विचारों या  भावों की प्रस्तुति वर्णन कहलाती है। यह वाचिक और लिखित दोनों प्रकार की हो सकती है।

संवाद (Dialogue)

संवाद लेखन का अर्थ है दो या अधिक व्यक्तियों के बीच हो चुकी या होने वाली बातचीत को लिखित रूप में प्रस्तुत करना। यह लेखन शैली किसी विषय को जीवंत और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करने का माध्यम है। संवाद लेखन का उपयोग नाटक, कहानियों, साक्षात्कार, चलचित्र, और शिक्षण सामग्री में किया जाता है।

विस्तार से पढ़ें- संवाद लेखन (Dialogue Writing)

किसी वर्णन को संवाद में परिवर्तित किया जा सकता है। इसे निम्नलिखित उदाहरण से समझें।  

उदाहरण :

 वर्णन:

रीना और सुमित घर के बाहर खड़े थे। अचानक मौसम बदलने लगा। काले बादल छा गए, और ठंडी हवा चलने लगी। रीना ने महसूस किया कि बारिश होने वाली है। उसने सुमित से कहा कि वे घर के अंदर चले जाएँ। लेकिन सुमित को बारिश में भीगने का बहुत शौक था। वह बाहर ही खड़ा रहना चाहता था। रीना ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हुआ।

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उक्त वर्णन का संवाद में परिवर्तन:

रीना: सुमित, देखो! मौसम कितना बदल गया है। लगता है बारिश होने वाली है। 

सुमित: (मुस्कुराते हुए) हाँ, और मुझे बारिश में भीगना बहुत पसंद है। 

रीना: (चिंतित होकर) लेकिन ठंडी हवा चल रही है। अगर भीग गए, तो तुम्हें सर्दी हो जाएगी। 

सुमित: (हँसते हुए) अरे, कुछ नहीं होगा। बारिश में भीगने का मज़ा ही कुछ और है। 

रीना: ठीक है, लेकिन अगर बीमार पड़े, तो मुझे मत कहना। मैं तो घर के अंदर जा रही हूँ। 

सुमित: (मज़ाक करते हुए) ठीक है, तुम जाओ। मैं थोड़ी देर और यहीं रुकूँगा। 

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किसी वर्णन को संवाद में बदलकर अपनी प्रस्तुति को अधिक संवादात्मक और जीवंत बनाया जा सकता है।

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