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Wednesday, November 17, 2021

भाषा और कोड (Language and code)

 भाषा और कोड (Language and code)

जब किसी वस्तु या कार्य को अभिव्यक्त करने के लिए उसके स्थान पर किसी सूचक चिह्न का प्रयोग किया जाता है, तो सूचक चिह्न को उस वस्तु का कोड कहते हैं। उदाहरण-

§  दौड़ प्रतियोगिता में – 3,2,1, गो बोलना या बंदूक से फायर करना एक कोड है, जिसके बाद धावक स्वयं दौड़ने लगते हैं।

§  यातायात चौराहों पर लाल, पीली, हरी बत्तियाँ या दाएँ-बाएँ, ब्रेकर आदि के निशान।

§  सेना में किसी कार्य के लिए पहले से निर्धारित संकेत।

§  सामान्य व्यवहार में भी एक-दूसरे को किए जाने वाले इशारे।             आदि।

ध्वनि प्रतीकों से निर्मित भाषा रूप (language form) भी इसी प्रकार का एक कोड है। यहाँ ध्यान देने वाली बात है कि भाषा दो प्रकार की चीजों का समुच्चय है-

भाषा में अर्थ (कथ्य) को अभिव्यक्त करने के लिए रूप (ध्वनि) का प्रयोग किया जाता है, जैसा कि ऊपर गाय और कुर्सी के उदाहरण में दिखाया गया है। इसमें चित्र में दी गई चीजें कथ्य (अर्थ) हैं, जबकि गाय और कुर्सी रूप (ध्वनि प्रतीक) हैं। अतः यहाँ दो कोड हैं-

गाय और कुर्सी

हिंदी भाषा इसी प्रकार के कोडों और उनकी व्यवस्था का समुच्चय है। अंग्रेजी एक दूसरा कोड है, उसमें भी कथ्य (अर्थ) वही रहेगा, किंतु रूप (ध्वनि प्रतीक) बदल जाएँगे, अर्थात कोड बदल जाएँगे। इन्हीं अर्थों के लिए अंग्रेजी के कोड इस प्रकार होंगे-

‘cow’  &  ‘chair’

यही बात सभी भाषाओं पर लागू होती है। इसी कारण समाजभाषाविज्ञान कहते हैं-

 “प्रत्येक भाषा रूप एक कोड है।”

अतः मान लिया- हिंदी एक कोड है। उस भाषा रूप (कोड) के भी व्यवहार संबंधी कई विभेद पाए जाते हैं, जिनका वर्गीकरण भिन्न-भिन्न प्रकार से किया जाता है, जैसे- औपचारिक, अनौपचारिक, आत्मीय, कार्यालयी अथवा भाषा, विभाषा, बोली आदि।

कोड समाजभाषावैज्ञानिकों द्वारा मानव भाषाओं के लिए दिया गया एक शब्द है। मानव भाषाओं के लिए भाषाविज्ञान में अनेक शब्द, जैसे- भाषा, बोली, उपभाषा आदि शब्द प्रचलित हैं। इनके बीच बनाए गए अंतर भाषिक दृष्टि से न होकर सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से होते हैं। भाषा ध्वनि प्रतीकों की एक व्यवस्था है जिसके माध्यम से संप्रेषण किया जाता है। हम बोलते और सुनते तो हैं ध्वनि प्रतीकों को, किंतु संप्रेषण 'अर्थ' का होता है। अर्थ का संप्रेषण कराने वाले यही ध्वनि प्रतीक 'कोड' कहलाते हैं। चूंकि स्थूल रूप में भाषा द्वारा ही यह कार्य किया जाता है, इसलिए भाषा को ही कोड कहते हैं। कोड एक व्यापक अवधारणा है। इसके अंतर्गत संप्रेषण को संभव बनाने वाली प्रत्येक प्रतीक व्यवस्थाआ जाती है।

प्रत्येक कोड का अपना प्रकार्य (function) होता है। कोड पर शोध करते हुए यह देखना आवश्यक है कि कोड परिवर्तन क्यों किया जा रहा है। उसका कारण क्या है, जैसे-

Clear करने के लिए, अश्लील रूपों को छुपाने के लिए, prestige के लिए, बार बार सुनने से आदत पड़ गई हो।

एक शोध-

उच्च वर्ग के लोगों की तुलना में मध्य वर्ग के लोगों द्वारा हिंदी में अंग्रेजी का प्रयोग अधिक किया जाता है।


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